महात्मा मन्दिर में विवेकानन्द युवा केन्द्रों के 6000 डेलिगेट्स का सम्मेलन
विवेकानन्द का भारत माता को विश्वगुरु बनाने का संकल्प साकार करने के लिए युवाशक्ति प्रतिबद्ध
कौशल्यवान युवाशक्ति स्वामी विवेकानन्द के सपनों का भारत बनाएगी: श्री मोदी
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की युवाशक्ति को कौशल्यवान बनाकर भारत माता को जगद् गुरु बनाने के विवेकाननद के सपनों का भारत बनाने का आह्वान किया।
युवाशक्ति पर अपार भरोसा रखकर विवेकानन्द ने भारत के युवा समाज, राज्य और मानवजाति के काम आएं, यह संकलप साकार करने का अनुरोध किया।
स्वामी विवेकानन्द की 150 वीं जन्म जयंती मनाने की पहल पूरे देश में गुजरात ने की थी और 11 जनवरी 2012 से यह कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ था। इसे युवा वर्ष घोषित कर इसका फोकस स्कील डवलपमेंट रखा गया था। दो वर्ष के दौरान गुजरात में युवाओं के प्रेरणास्त्रोत विवेकानन्द जी के जीवन आदर्शों और विचारों की लोकशिक्षा के लिए अनेक अभियान सम्पन्न हुए थे। आज विभिन्न शाला, कॉलेजों की वक्तृत्व और निबन्ध प्रतियोगिता के विजेताओं को मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री ने विवेकानन्द की 150 वीं जन्म जयंती के पूरे भारत में केन्द्र सरकार द्वारा चलाए गए कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि आज जब चारों ओर आदर्श का अभाव और मूल्यों की कमी दिखाई दे रही है, ऐसे में स्वामी विवेकानन्द का आदर्श जीवन युवाओं को राष्ट्रभक्ति की ज्योति प्रगट करने को प्रेरित करता है।
विश्व और पश्चिम भारत की सच्ची आध्यात्मिक परम्परा और संस्कृति की सच्ची पहचान विवेकानन्द ने विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए अमेरिका की विश्व धर्म परिषद में भारत के गुलामीकाल में भी भारत की महान विरासत का साक्षात्कार करवाया था। अपने व्यक्तित्व, प्रतिष्ठा के लिए नहीं बल्कि भारत माता की महान ज्ञान संस्कृति के लिए उन्होंने अमेरिका की धरती पर संदेश दिया था।
स्वामी विवेकानन्द समय के उस पार देख सकने वाले दीर्घदृष्टा थे। सिर्फ 39 वर्ष की उम्र में वह अनंत यात्रा पर निकल जाएंगे, यह भविष्यवाणी करने करने वाले विवेकानन्द ने 1897 में 50 वर्ष बाद भारत आजाद होगा यह मानकर सिर्फ भारत माता की भक्ति का आह्वान किया था।
श्री मोदी ने कहा कि विवेकानन्द की 150 वीं जन्म जयंती के अवसर को गुजरात ने युवा वर्ष के रूप में मनाकर गांव गांव में युवाओं के कौशल्य सामर्थ्य का अभियान शुरु किया था। डिग्री की शिक्षा के बजाय उन्हें स्कील डवलपमेंट की ट्रेनिंग देकर कौशल्य विकास पर बल दिया था।
गुजरात ने समग्र हिन्दुस्तान में कौशल्यवर्धन के लिए मॉडल रूप सर्वांगीण उत्तम ढांचागत आयोजन और सुविधा का मॉडल विकसित किया है। इसे भारत के प्रधानमंत्री ने अवार्ड दिया है और अन्य राज्यों को इसका अनुसरण करने को कहा है। गुजरात के कौशल्य वर्धन केन्द्रों ने 60 प्रतिशत महिलाशक्ति का कौशल्य वर्धन किया है।
जहां युवा तेजस्वी हों, ओजस्वी हों ऐसे राष्ट्रनिर्माण के लिए विवेकानन्द ने युवाओं को आदर्श दिया था। समाज में कुरितियों और कुरिवाजों के के खिलाफ लड़ने की ताकत तत्कालीन समाज को उन्होंने दी थी।
इस अवसर पर खेलकूद और युवक सेवा, सांस्कृतिक मामलों के मंत्री रमणलाल वोरा ने स्वागत भाषण दिया। श्री मोदी ने इस मौके पर दो पुस्तकों निखिलेश्वरानन्दजी की पुस्तक “विवेकानद गुजरात में” तथा विष्णु पंड्या लिखित पुस्तक “उत्तिष्ठित गुजरात” का विमोचन किया। उन्होंने शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित विवेकानन्द जीवन कवन विषयक निबन्ध, वक्तृत्व प्रतियोगिता के शाला, कॉलेज, युनिवर्सिटी स्तर के विजेता विद्यार्थियों और उनके मार्गदर्शक शिक्षकों को पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
उन्होंने नारीशक्ति की प्रतीक अरुणिमा सिन्हा को सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि अरुणिमा सिन्हा ने कृत्रिम पैर के सहारे एवरेस्ट की चढ़ाई पूर्ण की थी।
इस समारोह में राज्य मंत्रिमंडल के मंत्री नितिन भाई पटेल, भुपेन्द्रसिंह चूडास्मा, बाबुभाई बोखिरिया, राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा, श्रीमती वसुबेन त्रिवेदी, नानुभाई वानाणी, विधानसभा उपाध्यक्ष मंगुभाई पटेल, कई पधाधिकारी और अधिकारियों सहित भारी संख्या में विद्यार्थी और नागरिक मौजूद थे।