"Narendra Modi addresses NRIs at Special Interactive Session on Gujarat"
"Narendra Modi talks about the development in Gujarat over the last decade"

२०२२ में आजादी के ७५वें वर्ष के अमृत पर्व का शानदार उत्सव मनाएं – ऐसा सशक्त हिन्दुस्तान बनाएं जिस पर विश्व के प्रत्येक भारतीय को गर्व हो

२०१५ – गांधी जी के स्वदेश लौटने का शताब्दी वर्ष – विश्व के भारतीयों को, युवा पीढ़ी को भारत के साथ जो़ड़ने की कार्ययोजना बनाएं

विशेष “गुजरात सत्र” में भी झलका श्री नरेन्द्र मोदी का प्रभाव

लोकतंत्र और लोकशक्ति की विशिष्ट ऊर्जा का समन्वय कर भारत निर्माण करें

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में चल रहे प्रवासी भारतीय दिवस के समारोह में दुनिया भर से आए भारतीय समुदाय को आगामी वर्ष २०२२ में आजादी के ७५ वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव के अवसर पर विश्व को एक भारत – श्रेष्ठ भारत के सामर्थ्य का साक्षात्कार कराने का प्रेरक आह्वान किया। उन्होंने संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि आजादी के अमृत पर्व के अवसर पर एकता, विकास और वैश्विक स्पर्धा में अग्रसर सशक्त भारत का निर्माण कर भारत माता का ऋण चुकाने के लिए श्रेष्ठ योगदान देंगे।

आजादी के अमृत पर्व के प्रेरणात्मक ध्येय को साकार करने की रूपरेखा श्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ इस तरह दीः

  • सभी के लिए आधारभूत सुविधाएं – गांव से शहर तक – अमीर से गरीब तक
  • गांवों और शहरों में जीवनस्तर में गुणात्मक सुधार, न्याय, कौशल्य और स्मार्टनेस का विनियोग
  • कृषि समृद्धि – ग्रामीण अर्थव्यवस्था की प्रगति के लिए
  • युवाशक्ति को कार्य उत्पाद में सशक्त बनाकर परिवर्तन के प्रहरी की भूमिका
  • महिलाशक्ति को समानस्तर पर भागीदारी – गृहिणी का राष्ट्रनिर्माण में योगदान
  • सुदृढ़ भौतिक और सामाजिक ढांचागत सुविधा – जो वैश्विक पैरामीटर्स के बैंचमार्क वाली हों
  • उद्योग-व्यापार वैश्विक स्पर्धा का सशक्त क्षेत्र – जो भारत की ब्रांड इमेज को प्रस्थापित करे
  • उत्पादनों और सेवाओं में अंतरराष्ट्रीय मापदंड – विश्व में अच्छे मापदंडों से भी उत्तम
  • नवीन पहल और तकनीक का सामाजिक एवं आर्थिक विकास में विनियोग – जो परिवर्तन ला सके
  • वाइब्रेंट लोकतंत्र – जनभागीदारी के साथ विकेन्द्रीत लोकतंत्र
  • प्रोएक्टिव प्रो-पीपुल गुड गवर्नेंस का संस्थागत स्तर पर विकास

श्री मोदी ने कहा कि, “आइए, हम सभी हाथ से हाथ मिलाकर सह्रदयतापूर्वक एक भारत – श्रेष्ठ भारत के निर्माण में जुट जाएं” हमारा एक ही राष्ट्रहित हो- इंडिया फर्स्ट – भारत सर्वोपरि।

दुनिया के विविध देशों के प्रवासी भारतीय समुदायों को भारत निर्माण की प्रेरणा देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, कल ही हमारे प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश को निराश होने की जरूरत नहीं है, सुनहरे दिन आने ही वाले हैं – वह संकेत स्पष्ट है। मुझे पूरा विश्वास है कि आगामी चार-छह महीने में ही भारत में अच्छे दिन आने वाले हैं।

श्री मोदी ने कहा कि भारत की महान संस्कृति की विरासत के साथ हमारा संकल्प यही होना चाहिए कि भारत के सशक्त विकास के लिए हमारे पास मजबूत लोकतंत्र (डेमोक्रेसी) और विराट जनशक्ति (डेमोग्राफिक) की आंतरिक ताकत है। भारत की युवाशक्ति विकास की ऊर्जाशक्ति है और लोकतंत्र में जनशक्ति की विकास में भागीदारी से ही हम न सिर्फ भारत के उज्जवल भविष्य का बल्कि विश्व के व्यापक फलक के भावि का भी निर्माण कर सकेंगे।

गुजरात के मुख्यमंत्री ने विश्व में बसे भारतीयों के इतिहास की दो घटनाओं में सक्रिय योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि, १९७५ के आपातकाल के कलंक में से लोकतंत्र की पुनःस्थापना के लिए प्रवासी भारतीय समुदायों ने संगठित होकर आवाज बुलंद की थी और जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने शासनकाल में पोखरण में परमाणु विस्फोट को अंजाम देकर हरेक भारतीय का स्वाभिमान जगाया था। उन्होंने कहा कि इन दोनों घटनाओं में भारतीय लोकशक्ति की प्रेरणा को देखते हुए आगामी २०१४ के लोकसभा चुनावों में भी लोकतंत्र की शान को बरकरार रखते हुए चुनावी प्रक्रिया में अपना दायित्व निभाएं।

श्री मोदी ने वर्ष २०१९ में आने वाली गांधी जी की १५०वीं जयंती के सन्दर्भ में गांधी जी के विश्व के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों के जरिए भारत का सामर्थ्य प्रस्तुत करने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने आगामी २०१५ के वर्ष में महात्मा गांधी जी के स्वदेश लौटने के सौ साल पूरे होने के अवसर पर शानदार महोत्सव करने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने का भारत सरकार को प्रेरक सुझाव दिया। गांधी जी १९१५ में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। उन्होंने कहा कि दुनिया के कोने-कोने में बसने वाले भारतीयों से संपर्क स्थापित कर भारत के साथ जोड़ने का प्रयास किया जाए और विशेषकर विदेश में बसने वाले ३५ वर्ष से कम आयु के सभी युवाओं को भारत निर्माण में भागीदार बनाने की योजना शुरू की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुजरात २०१५ के प्रवासी भारतीय दिवस का मेजबान बनने को तत्पर है।

अनिवासी भारतीयों को भारत में डॉलर-पाउंड में पूंजीनिवेश करने के लिए आमंत्रण देने की परंपरा से बाहर निकलकर मुख्यमंत्री ने विश्व में बसे भारतीयों के पास अभिनव कार्य संस्कृति, वैश्विक दृष्टिकोण, विशाल ज्ञान और बौद्धिक कौशल की संपदा तथा अनुभवों की जो थाती है उसे भारत को शक्तिशाली बनाने में जोड़ने की जरूरत बतलाई।

श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अब दुनिया के देश मात्र दिल्ली की सरकार पर निर्भर न रहते हुए राज्यों की सरकारों के साथ सीधे संपर्क का सेतु प्रस्थापित कर रहे हैं और भारत के संघीय ढांचा को यह पद्धति और भी मजबूत बना रही है। इसकी वजह से निवेश में बढ़ोतरी और विकास के लिए राज्यों के बीच तंदुरुस्त स्पर्धा का वातावरण खड़ा होगा, जो राज्यों के ही नहीं बल्कि भारत के विकास का बल बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल के दुनिया की सबसे ऊंचे एकता के स्मारक “स्टेच्यू ऑफ यूनिटी” के निर्माण कार्यक्रम के तहत सरदार पटेल की पुण्य तिथि के अवसर पर देश के ११०० स्थानों पर ५० लाख लोगों ने “एकता की दौड़” में भाग लेकर विश्वरिकार्ड बनाया था। उन्होंने सुझाव दिया कि अब दुनिया के अलग-अलग देशों में नई पीढ़ी में एकता की प्रेरणा को उजागर करने के लिए प्रवासी भारतीय “एकता की दौड़” का कार्यक्रम आयोजित करें।

श्री नरेन्द्र मोदी ने दृढ़ विश्वास के साथ दुनियाभर के भारतीयों को कहा कि हम ऐसे सशक्त हिन्दुस्तान का निर्माण करेंगे जिस पर प्रत्येक हिन्दुस्तानी को गौरव होगा।

गुजरात के मुख्यमंत्री ने विविध प्रवासी भारतीयों के साथ भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने, स्वास्थ्य, शिक्षा, युवा रोजगार, युवाओं का कौशलवर्द्धन, पर्यटन और आर्थिक प्रगति के गुजरात के सफल आयाम जैसे विषयों पर सवाल-जवाब में भाग लिया।

दोपहर को मुख्यमंत्री की मौजूदगी में आयोजित “गुजरात सत्र” के विशेष संवाद सत्र में प्रवासी भारतीयों के गुजराती समुदाय ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के प्रवासियों ने भी रुचि दर्शायी।

विशेष गुजरात सत्र

इस अवसर पर पर्यटन और अनिवासी गुजराती विभाग के राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा, सामान्य प्रशासन एन.आर.जी. विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार, गुजरात के निवासी आयुक्त भरतलाल उपस्थित रहे और “गुजरात सत्र” में विश्व के प्रवासी गुजरातियों को गुजरात के विकास में भागीदार बनाने की कार्ययोजना की भूमिका पेश की।

मुख्यमंत्री ने प्रवासी गुजरातियों को विकास में भागीदार बनने की प्रेरणा देते हुए कहा कि गुजरात की विकासयात्रा भारत के आधुनिक सशक्तिकरण में आगे बढ़ रही है। गुजरात में शहरीकरण समस्या नहीं अपितु अवसर के रूप में स्वीकार कर छह नये आधुनिक शहरों का निर्माण हो रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में गुजरात का १६०० किमी लंबा समुद्री किनारा भारत की आर्थिक समृद्धि का प्रवेशद्वार बन रहा है और गुजरात के बंदरगाह विश्व-व्यापार से गतिशील बनें हैं।

रणोत्सव, नवरात्रि उत्सव और पतंगोत्सव सहित राज्य के पर्यटन वैभव से अर्थव्यवस्था और रोजगार वृद्धि को मिले प्रोत्साहन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए श्री मोदी ने अनुरोध किया कि प्रत्येक भारतीय प्रवासी परिवार साल में दस गैर भारतीय परिवारों को भारत दर्शन के लिए प्रेरित करे। इससे भारत में पर्यटन विकास को बड़ा बल मिलेगा।

सोशल मीडिया के जरिए दुनिया में बसने वाले प्रवासी भारतीय परिवार स्वतः ही भारत के साथ जुड़ सकते हैं और मातृभूमि के प्रति ऋण अदा कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि विदेश में बसने वाले भारतीय परिवारों की नई पीढ़ी के संतानों को भारतीय संस्कार उजागर करने के लिए इसी टेक्नोलॉजी के माध्यम से जोड़ा जा सकता है।

Read Full Text of Plenary Speech here

Narendra Modi addresses NRIs at Special Interactive Session on Gujarat

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