मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ६७वें स्वतंत्रता पर्व पर कच्छ यूनिवर्सिटी में स्वामी विवेकानंद के जीवन चरित्र पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। उन्होंने क्रांति गुरु पंडित श्यामजी कृष्ण वर्मा के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने स्वामी जी के जन्म, अभ्यास, गुरु-शिष्य मिलन, स्वामीजी के देश में भ्रमण और एक भारत की कल्पना आदि को समाहित करती सचित्र प्रदर्शनी को रुचिपूर्वक निहारा।
स्वामी जी की शिकागो में आयोजित धर्म परिषद में उपस्थिति और अमेरिका, इंग्लैंड में प्रवचनमाला से लेकर ४ जुलाई १९०३ को स्वामी जी द्वारा ध्यानावस्था में प्राप्त महासमाधि सहित सबके जीवन में प्रेरणामय बातों को युवक सेवा और सांस्कृतिक विभाग द्वारा बखूबी प्रस्तुत किया गया है।
स्वामी जी ने नवंबर १८९१ से अप्रैल १८९२ तक गुजरात के अहमदाबाद, वढवाण, लींबड़ी, भावनगर, भुज, वेरावल, सोमनाथ, पोरबंदर, द्वारिका, मांडवी, पालीताणा, नड़ियाद और वड़ोदरा सहित कुल १३ स्थलों का परिव्राजक के रूप में भ्रमण किया था। जिसकी जानकारी और स्वामी विवेकानंद जी के कार्य को भी शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री के साथ जलापूर्ति राज्य मंत्री परबतभाई पटेल, सांसद पूनमबेन जाट, युवक सेवा और सांस्कृतिक विभाग के सचिव भाग्येश झा और कमिश्नर राजेश मांजु सहित कई अधिकारियों और पदाधिकारियों ने प्रदर्शनी को निहारा।