गुजरात की गौरवशाली ऐतिहासिक विरासत को उजागर करने वाली तीन पुस्तकों का मुख्यमंत्री ने किया विमोचन

लेखक डॉ. मकरंद महेता, रसेश जमीनदार और नवीनचंद्र पारेख को दिया अभिनंदन

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात की ऐतिहासिक गौरव विरासत को उजागर करने वाली तीन पुस्तकों का विमोचन किया। उन्होंने डॉ. मकरंद महेता लिखित “गुजरात नो रजवाड़ी वारसो” डॉ. रसेश जमीनदार लिखित “गुजरात ना स्थळ नामनो सार्थकोष” और श्री नवीनचंद्र पारेख लिखित “उगता रहेजो भाण” के पुस्तक प्रकाशन और वरिष्ठ साहित्य रचनाकारों को ऐतिहासिक लेखन के लिए अभिनंदन दिया।

मुख्यमंत्री ने प्रत्येक समाज और नागरिक को अपनी जड़ों और इतिहास के लिए गौरव होना चाहिए, इसकी भूमिका पेश करते हुए कहा कि भारत के रजवाड़े और राजवी शासनों के सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक पहलुओं के विश्लेषण से समाज अब भी अनजान है। रजवाड़ी विरासत सिर्फ राजे-रजवाड़ों की वंशावली या पराक्रम ही नहीं है बल्कि तत्कालीन जीवन का दर्शन कराने वाली विरासत है।

हमारे राज्य में देश के सबसे ज्यादा सूर्य मंदिर हैं। सूर्य देवता की आराधना और पर्यावरण के बारे में हमारे पूर्वजों ने जो ज्ञान संपदा की भेंट दी है, वह अनन्य है। गुजरात में प्रत्येक गांव-नगर और स्थल का इतिहास, जन्म दिवस मनाना चाहिए। हमारी विरासत का हमें गौरव करना चाहिए।

गुजरात सरकार ने पुलिस सेवाओं के इतिहास के संशोधन का कार्य शुरू किया है, इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात में राजस्व प्रशासन के सुधार के क्रमिक इतिहास-दस्तावेज पर भी काम किया जा रहा है। वरिष्ठ लेखकों को ऐसी चिरंजीव इतिहास विरासत की पुस्तकों का लेखन करने के लिए श्री मोदी ने अभिनंदन दिया।

इस अवसर पर युवक सेवा और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री रमणभाई वोरा और सचिव भाग्येश झा भी मौजूद थे।