केन्द्र सरकार के समक्ष गुजरात की महत्वपूर्ण समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री ने की गुजरात के सांसदों के साथ बैठक
नयी सरकार का नेतृत्व सम्भालने के बाद सांसदों के साथ श्री मोदी की प्रथम बैठक
करीब 109 समस्याओं के राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार के समक्ष पेश प्रस्तावों- मांगों के बारे में राज्य सरकार ने दी सांसदों को जानकारी
संसद के आगामी सत्र में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर गुजरात के विकास के लिए सांसद रखेंगे मजबूती से गुजरात की बात
गुजरात के विकास की गतिशीलता और हितों को ध्यान में रखते हुए सांसद निभाएंगे प्रो- एक्टिव भूमिका
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत सरकार के समक्ष गुजरात की महत्वपूर्ण समस्याओं, मांगों के मामले में आज राज्य के सांसदों के साथ परामर्श बैठक की। केन्द्र के विभिन्न मंत्रालयों में लम्बित करीब 109 समस्याओं,मांगों का निराकरण करने और गुजरात की बात को जोरदार ढंग से उठाने के लिए सांसदों को इस बारे में समस्याओं की अंतिम परिस्थिति की जानकारी दी गई।नयी सरकार का नेतृत्व सम्भालने के बाद सांसदों के साथ आयोजित इस प्रथम बैठक में मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि गुजरात के हित और विकास को गतिशील रखने के लिए इन महत्वपूर्ण मामलों पर राज्य के सांसद दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हर स्तर पर प्रो-एक्टिव भूमिका निभाएं।
इस सन्दर्भ में केन्द्र सरकार द्वारा गुजरात के विकास में अवरोधक नीति,निर्णयों सहित अन्य समस्याओं की अनिर्णयात्मक स्थिति, विलम्ब और नकारात्मक व्यवहार के बारे में सांसदों को अवगत करवाया गया।
केन्द्र सरकार के कानूनों का राज्य सरकार द्वारा पालन किए जाने की वजह से राज्य सरकार पर भारी आर्थिक बोझ पड़ता है, इस मामले में न्यायमूर्ति पुंछी कमीशन द्वारा की गई सिफारिशों के मुताबिक राज्यों को पर्याप्त केन्द्रीय सहायता मिलनी चाहिए। श्री मोदी ने सांसदों से अनुरोध किया कि वह इसके लिए प्रभावी ढंग से आवाज उठाएं। राइट टू एज्युकेशन और राइट टू फूड के केन्द्रीय कानूनों का अमल करने पर कितना आर्थिक बोझ पड़ेगा इसकी जानकारियों के साथ केन्द्रीय कानूनों के अमल के लिए केन्द्रीय सहायता की उचित भूमिका पर श्री मोदी ने बल दिया।केन्द्र ने बीटी कपास बीज को आवश्यक वस्तु धारा में शामिल किया है जिससे गुजरात द्वारा बनाया गया कानून निरर्थक हो गया है। भारत सरकार ने कपास के भाव नियंत्रण के कोई नियम नहीं बनाए हैं इसलिए कपास उत्पादकों के हित में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को उसके कानून का अमल करने की छूट दी जानी चाहिए। गुजरात में सेंटर फॉर कोटन एक्सलेंस स्थापित करने के प्रस्ताव को केन्द्र सरकार द्वारा मंजूरी दी जानी चाहिए।
पाकिस्तान ने समुद्र में से गुजरात के 388 मछुआरों को बोट के साथ पकड़ा है और 587 जितनी यांत्रिक बोट आज भी पाकिस्तान के कब्जे में है। इन परिस्थितियों में कीमती बोट्स के साथ तमाम मछुआरों को छुड़ाने के लिए गुजरात सरकार ने 118 पत्र लिखे हैं। श्री मोदी ने कहा कि भारत सरकार को इस मामले पर पाकिस्तान के साथ परिणामलक्ष्यी मांग उठानी चाहिए।
राज्य में पांच जितने विभिन्न शिक्षा सेवा ट्रिब्युनलों को एकसूत्रता में लाने के लिए गुजरात एज्युकेशनल सर्विस ट्रिब्युनल स्थापित करने, सर्वशिक्षा अभियान के अमल के लिए गुजरात सरकार को मिलने पात्र केन्द्रीय सहायता के 3255 करोड़ रुपए तत्काल मंजूर किए जाएं, इसकी जानकारी देते हुए बैठक में कहा गया कि शिक्षा के क्षेत्र में गुजरात को सिर्फ 11 प्रतिशत ही केन्द्रीय सहायता मिलती है। अन्य राज्यों की तुलना में गुजरात को प्रतिव्यक्ति कम सहायता मिलती है, इस सन्दर्भ में सांसदों का ध्यान आकर्षित किया गया।
मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद-मुम्बई हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट सहित भारत के 6 हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट के लिए केन्द्र सरकार के आगामी बजट में धन की व्यवस्था करने, कोयला आधारित बिजली उत्पादन करने वाले बिजली केन्द्रों के लिए इस्टर्न कोल फील्ड से गुजरात को कोयला देने की मांग का उल्लेख करते हुए कहा कि कोयले के वेस्टर्न कोल फील्ड से परिवहन के कारण गुजरात को अतिरिक्त 540 करोड़ का बोझ सहन करना पड़ता है।कोयले के ब्लॉक्स का प्राइवेट ओक्शन करने के बजाए राज्यों को नॉमिनेशन द्वारा कोयला ब्लॉक्स दिए जाने चाहिए। गुजरात के गैस आधारित बिजली केन्द्रों के लिए गैस का पर्याप्त आवंटन नहीं किया जाता जिसके कारण राज्य के बिजली केन्द्रों की 2023 मेगावाट जितनी बिजली उत्पादन क्षमता अनुपयोगी साबित हो रही है। केन्द्र सरकार के गैस बेज पावर स्टेशनों के लिए गैस आवंटन की गुजरात के प्रति भेदभावपूण नीति के बारे में सांसदों को जानकारी दी गई।
बिजली की अतिरिक्त उपलब्धता वाले गुजरात द्वारा अन्य जरूरतमन्द राज्यों में बिजली प्रवहन के लिए व्यवस्थापन करना, दिल्ली और मुम्बई के भाव पर ही गुजरात के अहमदाबाद सहित सार्वजनिक परिवहन के लिए सीएनजी गैस देने के न्यायिक निर्णय का केन्द्र सरकार को पालन करना चाहिए। उद्योगों के विकल्प में घरेलु और सार्वजनिक परिवहन के लिए सीएनजी और पीएनजी गैस प्राथमिकता से देने, क्रूड ऑयल रॉयल्टी के भेदभाव को दूर कर गुजरात का बकाया निकलए वाला 6544 करोड़ रुपया और पैनल्टी के रूप में 2068 करोड़ ओएनजीसी की ओर से चुकाए जाने, जवाहर लाल नेहरु सोलर मिशन में से गुजरात के सोलर एनर्जी प्लांट में से उत्पादित बिजली अन्य राज्य खरीद सकें और केन्द्र खरीद सके इसके लिए रिन्युअल एनर्जी सर्टिफिकट गुजरात को मिले, केन्द्रीय बिक्री कर का पैसा चुकाने में गुजरात के साथ हो रहे अन्याय का निराकरण कर गुजरात को मिलने पात्र करीब 4100 करोड़ जीएसटी का पैसा केन्द्र सरकार चुकाए, इन बातों से भी सांसदों को वाकिफ किया गया।इस बैठक में सांसदों को गीर के जंगलों में जंगल के आसपास के संरक्षित क्षेत्र में 269 किलोमीटर रिंग रोड के लिए 600 करोड़ का प्रस्ताव मजूर करवाने, अंकलेश्वर, वटवा और अहमदाबाद को क्रिटिकल पॉल्युटेड एरिया में से मुक्त करके 45 जितने छोटे प्रोजेक्ट्स को विलम्ब में से मुक्त करने, इसके लिए नो ओब्जेक्शन प्रमाणपत्र पर्यावरण मंत्रालय से दिलवाने और इसके लिए सत्ता का विकेन्द्रीकरण करने, मरीन ट्रेनिंग अकादमी के प्रस्ताव को मजूंरी दिलवाने, पाकिस्तान से लगी सीमा पर फेन्सिंग का सम्पूर्ण 340 किलोमीटर का कार्य गुणवत्त से पूर्ण करवाने, गुजरात को विभिन्न माइनिंग लीज की मंजूरियों की केन्द्र में लम्बित मांगों को पूर्ण करवाने, साबरमती आश्रम विकास योजना और दांडी हेरिटेज यात्रा प्रोजेक्ट तेजी से शुरु करने और रेलवे क्षेत्र में से गुजरने वाली गुजरात की 26 जलापूर्ति योजनाओं को मंजूरी दिलवाने सम्बन्धी समस्याओं से भी सांसदों को अवगत करवाया गया।
गुजरात एसटी. बस कोर्पोरेशन पर बल्क कंज्युमर्स के स्तर पर डीजल का प्रति लीटर 12 रुपया बढ़ाने के अन्यायपूर्ण व्यवहार, भरूच में जाडेश्वर के नर्मदा नदी के नये ब्रीज का निर्माण शुरु करने पर हो रहे विलम्ब पर सांसदों का ध्यान दिलवाया गया। साबरमती रेलवे स्टेशन के विकास प्रोजेक्ट, गांधीनगर और करमसद को JNNURM में शामिल करने, अहमदाबाद- गांधीनगर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए केन्द्रीय सहायता मन्जूर करवाने, आवास योजनाओं में केन्द्र की सहायता के नियम सुधारने, अहमदाबाद- गांधीनगर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के रूट में रेलवे की अनुपयोगी जमीन उपयोग में लिए जाने की मंजूरी देने, केन्द्र सरकार के पास से 13 वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार गुजरात को 857.16 करोड़ की मूलभूत ग्रांट और 450.65 करोड़ की परफॉरमेंस ग्रांट मंजूर करवाने, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन डीसीज स्थापित करने, गुजरात अर्बन डवलपमेंट इंस्टीट्यूट नास्मेद गांधीनगर के नजदीक स्थापित करने सम्बधी कार्यों की अंतिम स्थिति की जानकारी भी बैठक में दी गई।
श्री मोदी ने सरदार सरोवर नर्मदा बांध की पूरी ऊंचाई 138.68 मीटर तक ले जाने के लिए डेम पर दरवाजे लगाने की तत्काल मंजूरी दिलवाने के लिए जोरदार ढंग से आवाज उठाने की सांसदों से गुजारिश की। गुजरात के गरीबों के केरोसिन के कोटे में केन्द्र सरकार द्वारा की गई कटौती की बात भी उठाने का मार्गदर्श श्री मोदी ने दिया।
बैठक में राज्य सरकार के तमाम मंत्रियों ने सांसदों को उनके विभागों द्वारा केन्द्र सरकार के समक्ष उठाई गई मांगों से अवगत करवाया। वरिष्ठ सचिवों ने भी पूरक जानकारी दी। मुख्य सचिव वरेश सिन्हा ने कहा कि केन्द्र में लम्बित मांगों पर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा सांसदों को आवश्यक तमाम जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी।
योजना आयोग के अग्र सचिव अरविन्द अग्रवाल ने बैठक का संचालन किया।