गांधीनगर, सोमवारः मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जलशक्ति का जीवन शक्ति के रूप में समस्त जनजीवन में साक्षात्कार करने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि जल की कमी की समस्या का दस वर्षों में स्थायी निराकरण कर हमनें जल संग्रह का जनअभियान सफल बनाने की क्रांति करके दिखाई है। अब जल के वैज्ञानिक उपयोग की महिमा पूरी ताकत से स्थापित की जाएगी।
गर्मी की भरी दुपहरी में भी गुजरात सरकार के जलशक्ति के क्रांतिकारी अभियान में संपूर्ण सहयोग देने वाली जनता-जनार्दन के प्रति अंतःकरण से आभार व्यक्त करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात के विकास में कैसी छलांग लगाई गई है, इसका हिसाब जनता के समक्ष रखने के इस पंचशक्ति आधारित उत्सवों की सफलता ने सामान्य व्यक्ति में भी विकास की भागीदारी करने का विश्वास जगाया है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति, संस्था या राष्ट्र के पचास वर्ष के महोत्सव तो अनेक हुए हैं, परन्तु गुजरात ने तो स्वर्णिम जयंति वर्ष में कठोर परिश्रम का रास्ता चुना। सरकार की पूरी ताकत लगाई और जनता-जनार्दन में ऐसा विश्वास जगाया कि छह करोड़ की जनता में कितना सामर्थ्य भरा है, इसको विकास में शामिल करेंगे तो गुजरात कितनी ऊंचाई पर पहुंच जाएगा।
उन्होंने कहा कि आने वाले कल के गुजरात के लिए इस स्वर्णिम जयंति के वर्ष में नई शक्ति दी है। जलशक्ति के विकास के सामूहिक पुरुषार्थ ने गुजरात को जल की समस्या से मुक्ति दिलाई है। गुजरात की स्थापना के वक्त जो जलापूर्ति का बजट था उसकी तुलना में आज जलशक्ति के कामों का बजट अनेक गुना बढ़ गया है। इसकी तुलना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि शरीर में जिस तरह धमनी और नसों से रक्त के परिभ्रमण से मानवजीवन गतिशील रहता है, उसी प्रकार पेयजल की विशाल पाइपलाइन तथा नहरों का नेटवर्क गुजरात के कोने-कोने में खड़ा कर गुजरात के नागरिक जीवन को गतिशील रखा गया है।
गुजरात सरकार ने राज्य में उपलब्ध जलसंपत्ति के तमाम स्त्रोतों का वैज्ञानिक उपयोग करने में पूरे एक दशक में जलशक्ति का अभियान सफल बनाया है। इसके परिणामों की भूमिका प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी की ओर किसानों का ध्यान केन्द्रीत करने की इस सरकार की अपील किसानों ने स्वीकार की। भूतकाल में बिजली के तार पकड़ाकर किसानों को बर्बाद किया था, इस स्थिति को बदलकर किसानों ने इस सरकार पर भरोसा किया है और खेती को समृद्घ बनाया है।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री वजूभाई वाला, कृषि एवं सहकारिता मंत्री श्री दिलीपभाई संघाणी, नर्मदा जलसंपत्ति मंत्री श्री नीतिनभाई पटेल ने अपने विचार व्यक्त किए। मुख्यमंत्री ने जलसंचय-कृषि, बागायत क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले सौराष्ट्र के विशिष्ट व्यक्तियों का सम्मान किया। साथ ही स्वर्णिम खेल महाकुंभ-2010 के अंतर्गत आयोजित राज्य स्तरीय चित्र एवं निबंध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कारों के चेक एवं सम्मान पत्र महानुभावों ने प्रदान किए। समारोह में मुख्यमंत्री को कन्या केळवणी निधि में कुल 46 लाख के चेक अर्पित किए गए। इसमें राजकोट लोकमेला समिति के अध्यक्ष के तौर पर जिला कलक्टर ने 15 लाख सहित कई उद्योगगृहों ने चेक अर्पित किए।
समारोह में समग्र सौराष्ट्र-कच्छ में जल संचय के कारण हासिल उपलब्धियों की झांकी प्रस्तुत करती, जिला प्रशासन द्वारा प्रकाशित होने वाली पुस्तिका सौराष्ट्र में जल क्रांति का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। जलापूर्ति विभाग द्वारा आह्वान जलशक्ति को तथा वास्मो द्वारा प्रकाशित खंभात ना अखात ना विकास नी परियोजना, कम्यूनिटाइजेशन ऑफ रूरल वाटर सप्लाई-दी गुजरात इनोवेशन पुस्तक का विमोचन भी मंत्रियों ने किया। अन्त में ऊर्जा राज्य मंत्री श्री सौरभभाई पटेल ने आभारविधि की।
इस मौके पर मंत्रिमंडल के सदस्य, सर्वश्री रमणलाल वोरा, पुरुषोत्तमभाई सोलंकी, श्रीमती वसुबेन त्रिवेदी, कनुभाई भालाणा, वासणभाई अहीर, मोहनभाई कुंडारिया, परबतभाई पटेल, किरीटसिंहजी राणा, संसदीय सचिव एल.टी. राजाणी, स्वर्णिम गुजरात महोत्सव समिति के कार्यकारी अध्यक्ष आई.के. जाडेजा, एस.टी. निगम के चेयरमैन बी.एस. घोड़ासरा तथा गौसेवा आयोग के चेयरमैन डॉ. वल्लभभाई कथीरिया उपस्थित थे।
साथ ही कच्छ, सौराष्ट्र के विधायक, राज्य के मुख्य सचिव ए.के. जोती, जलापूर्ति विभाग के अग्र सचिव एच.के.दास, जलसंपत्ति सचिव एच.जे. देसाई, सरदार सरोवर नर्मदा निगम के अध्यक्ष डी.राजगोपालन, मैनेजिंग डायरेक्टर एस.जगदीशन, ज्वाइंट एम.डी. जी.आर. अलोरिया, विशेष सचिव ए.एस. भारथी, नर्मदा विभाग के सचिव असीम खुराना, ग्राम विकास सचिव रीटाबेन तेवटिया, जिला कलक्टर एच.एस.पटेल, जिला विकास अधिकारी नलिनचंद्र उपाध्याय, राजकोट मनपा आयुक्त दिनेश ब्रह्मभट्ट, राजकोट के मेयर जनकभाई कोटक कई अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं भारी संख्या में नागरिक मौजूद थे।