प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली में सीएसआईआर सोसाइटी की बैठक की अध्यक्षता की
प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान की दिशा में सीएसआईआर द्वारा किये गए कार्यों की जानकारी दी गई
प्रधानमंत्री मोदी ने सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए मानक तय करने की बात कही
सीएसआईआर प्रयोगशालाओं द्वारा किये गए शोध से स्टार्ट-अप से जुड़े नए विचार मिलेंगे
लोगों की समस्याओं की सूची बनाएं और तकनीकी रूप से उनका समाधान निकालने की कोशिश करें: सीएसआईआर वैज्ञानिकों को प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में 06 अप्रैल, 2016 बुधवार को नई दिल्‍ली में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) सोसाइटी की बैठक हुई।

प्रधानमंत्री को राष्‍ट्रीय चुनौतियों का मुकाबला करने में प्रमुख भारतीय अन्‍वेषक के रूप में सीएसआईआर द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी दी गई।

सदस्‍यों ने सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में किये जा रहे अनुसंधान से बड़ी संख्‍या में होने वाले स्‍टार्टअप्‍स की संभावनाओं के बारे में बताया। उन्‍होंने प्रयोगशाला के अनुसंधानों को व्‍यावसायिक अनुप्रयोगों में बदलने के महत्‍व पर जोर दिया। प्रधानमंत्री को स्‍वास्‍थ्‍य उपकरण निर्माण, ऊर्जा और अपशिष्‍ट प्रबंधन जैसे कुछ क्षेत्रों के बारे में बताया गया, जहां सीएसआईआर महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने सीएसआईआर प्रयोगशालाओं के कार्यों के आकलन के लिए मानक और ऐसी प्रक्रिया तय करने को कहा, जिससे विभिन्‍न प्रयोगशालाओं के बीच आपसी प्रतिस्‍पर्धा हो।

उन्‍होंने सीएसआईआर के वैज्ञानिकों से कम से कम ऐसी 100 समस्‍याओं की सूची बनाने को कहा जिनका मुकाबला देश के विभिन्‍न हिस्‍सों के लोग कर रहे हैं। उन्‍होंने निर्दिष्‍ट समयावधि के भीतर तकनीकी तरीके से इन चुनौतियों का समाधान खोजने को कहा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सीएसआईआर जनजातीय लोगों में सिकल सेल एनीमिया की बीमारी, रक्षा उपकरण निर्माण, जवानों के लिए जीवनरक्षक उपकरण और सौर ऊर्जा तथा कृषि संबंधी नवाचार जैसे क्षेत्रों में सफलता प्राप्‍त कर सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वे चाहते हैं कि सीएसआईआर आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कार्य करे और समाज के गरीब तथा निचले तबके के लोगों की समस्‍याओं का तकनीकी समाधान उपलब्‍ध कराये।