प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंडीगढ़ का दौरा किया, चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर नए सिविल एयर टर्मिनल का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री मोदी ने पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के 34वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया
प्रधानमंत्री मोदी ने नई आवास योजना का उद्घाटन किया और जनसभा को संबोधित किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद के संबोधन को याद किया
दीक्षांत समारोह किताबों की दुनिया से निकलकर असल दुनिया में जाने अवसर है: प्रधानमंत्री
सिर्फ बीमारियों का इलाज नहीं बल्कि मरीजों के साथ अपनत्व की भावना को बढ़ाने की आवश्यकता: पीजीआईएमईआर में प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल में संसद की कार्यवाही में हुए व्यवधान पर चिंता व्यक्त की
संसद के कार्यों एवं लोकतंत्र में इसकी भूमिका के महत्व के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने की जरूरत: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर एक नए सिविल एयर टर्मिनल का उद्घाटन किया।

स्‍नातकोत्‍तर चिकित्‍सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्‍थान (पीजीआईएमईआर), चंडीगढ़ के 34वें दीक्षांत समरोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने स्‍मरण किया कि आज के ही दिन 11 सितंबर, 1893 में स्‍वामी विवेकानंद ने शिकागो में आयोजित विश्‍व धर्म संसद को संबोधित किया था। उन्होंने कहा कि अगर उस दिन स्‍वामी विकेकानंद द्वारा दिए गए मानवता संदेश को विश्‍व याद रखता तो शायद 9/11 का आतंकी हमला नहीं होता।

समारोह में निकट के सरकारी स्‍कूलों के बच्‍चों की उपस्‍थिति को देखकर प्रधानमंत्री ने कहा कि ये बच्‍चे ही इस अवसर पर असली विशेष अतिथि हैं। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि यह अवसर बच्‍चों को प्रेरित करेगा।

प्रधानमंत्री ने उत्‍तीर्ण छात्रों को याद दिलाया कि यह दीक्षांत समारोह है न कि शिक्षांत समारोह और यहां उनकी शिक्षा का अंत नहीं होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि यह ऐसा अवसर है कि जहां वे किताबों की दुनिया से निकलकर असली दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि जो लोग आज सफल होकर चिकित्‍सक बन रहे हैं उन्‍हें यह अहसास होना चाहिए कि वे केवल अपने प्रयासों से सफल नहीं हुए हैं, बल्‍कि समाज के अन्‍य लोगों द्वारा उनके लाभ के लिए किए जाने वाले योगदान के कारण वे सफल हुए हैं। समाज के योगदान के जरिए उन्‍हें चिकित्‍सा शिक्षा प्राप्‍त हुई है। उन्‍होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने कार्यशील जीवन के दौरान देश के गरीबों को ध्‍यान में रखें।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सर्वांगीण स्‍वास्‍थ्‍य सेवा संबंधी विश्‍व रुझानों का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने उत्‍तीर्ण छात्रों से आग्रह किया कि वे केवल बीमारी का इलाज न करें बल्‍कि मरीजों के साथ निकट का संबंध भी रखें। उन्‍होंने प्रतिभाशाली छात्रों को स्‍वर्णपदक भी प्रदान किए।

प्रधानमंत्री ने एक नई आवासीय योजना का उद्घाटन किया और चंडीगढ़ के सेक्‍टर-25 में एक जनसभा को संबोधित किया। पूर्व सैन्‍य कर्मियों ने मंच पर उनका स्‍वागत किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वास्‍तव में इस क्षेत्र का प्रत्‍येक परिवार राष्‍ट्र के लिए ‘सुरक्षा कवच’ है, क्‍योंकि इस क्षेत्र से बड़ी संख्‍या में लोग सशस्‍त्र बलों में शामिल होते हैं। उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सशस्‍त्र बलों के लिए ‘वन रैंक-वन पेंशन’ के अपने वायदे को पूरा किया है और इसका श्रेय केवल निर्धनों तथा भारत के आम लोगों को दिया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने संसद की कार्यवाही में होने वाले व्‍यवधान के प्रति चिंता व्‍यक्‍त की और कहा कि संसद की कार्यवाही के महत्‍व और लोकतंत्र में उसकी भूमिका के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि संसद में हर विषय पर बहस होनी चाहिए और कोई व्‍यवधान नहीं होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि लोकसभा के गतिरोध के मुद्दे को सीधे लोगों के बीच जनसभा में उठाने के लिए वे मजबूर हैं।

प्रधानमंत्री ने चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड में नागरिक सुविधा के लिए आईटी प्‍लेटफॉर्म की शुरूआत की। उन्‍होंने कहा कि शासन में इस तरह की प्रौद्योगिकी को अपनाने से लोग अधिकार संपन्‍न बनेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका यह विजन है कि 75वें स्‍वतंत्रता दिवस – 2022 तक भारत के प्रत्‍येक व्‍यक्‍ति के पास रहने के लिए घर हो। उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार इसे वास्‍तविकता में बदलने के लिए काम कर रही है।