"India should be a global leader in the fight against climate change"
"World should allow us to import nuclear fuel in order to produce clean nuclear energy"
"India focused on generation of solar, wind and biomass energy"
"Misconceptions being spread on Land Acquisition Bill are harming the nation"
"भारत को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में नेतृत्‍व करनी चाहिए"
"स्‍वच्‍छ नाभि‍कीय ऊर्जा का उत्‍पादन करने के लिए हमें विश्‍व से नाभिकीय ईंधन आयात करने की अनुमति मिलनी चाहिए"
"भारत ने सौर, पवन और जैव ईंधन ऊर्जा के सृजन पर ध्‍यान केंद्रित किया"
"भूमि अधिग्रहण विधेयक पर फैलाई जा रही भ्रांतियां देश को क्षति पहुंचा रही हैं "

PM MODI at State Environment and Forest Minister's Conference (2)

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज कहा कि भारत, जहां प्रकृति के साथ समन्‍वय से रहने की लंबी परंपरा रही है, को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्‍व करनी चाहिए। आज नई दिल्‍ली में राज्‍य पर्यावरण एवं वन मंत्रियों के सम्‍मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने निराशा व्‍यक्‍त की कि प्रकृति से प्रेम करने तथा उसका सम्‍मान करने की भारतीय संस्‍कृति को वैश्‍विक पटल पर पर्याप्‍त तरीके से नहीं उभारा गया है, और देश को कई बार जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक अवरोधक की तरह देखा जाता है।

PM MODI at State Environment and Forest Minister's Conference (4) प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लोग प्रकृति के रक्षक और भक्‍त रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि हमें इस तथ्‍य को उचित तरीके से प्रचारित करनी चाहिए जिससे कि विश्‍व यह महसूस कर सके कि इस मामले में भारत से सवाल नहीं किया जा सकता। उन्‍होंने कहा कि भारतीयों ने हमेशा प्रकृति का संरक्षण किया है और आज भी भारत दुनिया में प्रति व्‍यक्ति कार्बन उत्‍सर्जन के मामले में सबसे नीचे है। उन्‍होंने कहा कि आगे का रास्‍ता केवल प्रतिबंध लगाना भर नहीं है बल्कि जीवन शैली में परिवर्तन लाना है। उन्‍होंने कहा कि पुनर्चक्र और पुन: उपयोग की संस्‍कृति भारत के लिए नई नहीं है। दूसरों द्वारा अनुशंसित मानदंडों का अनुसरण करने को बाध्‍य होने की जगह भारत को जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में विश्‍व का नेतृव करना चाहिए।

PM MODI at State Environment and Forest Minister's Conference (9) श्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि विकास और पर्यावरण सुरक्षा दोनों साथ-साथ चल सकते हैं, लेकिन इस बारे में गंभीर भ्रांतियां फैलायी जा रही हैं। भूमि अधिग्रहण विधेयक का उदाहरण देते हुए उन्‍होंने कहा कि विधेयक के प्रावधान जनजातीय और वनभूमि को नहीं छूते लेकिन इस विधेयक को लेकर गंभीर भ्रांतियां और झूठ फैलाए जा रहे हैं। उन्‍होंने ऐसे झूठ फैलाने वालों से इससे बचने का आग्रह किया और कहा कि समाज को बरगलाने के प्रयास राष्‍ट्र को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने विश्‍व से आग्रह किया कि वे भारत में नाभिकीय ईंधन के आयात पर प्रतिबंध पर ढील दें जिससे कि भारत भी बड़े पैमाने पर स्‍वच्‍छ नाभिकीय ऊर्जा का उत्‍पादन कर सके। उन्‍होंने कहा कि सरकार सौर विकिरण, पवन एवं जैव ईंधन के जरिए व्‍यापक तरीके से स्‍वच्‍छ ऊर्जा सृजन पर ध्‍यान केंद्रित कर रही है।

PM MODI at State Environment and Forest Minister's Conference (12) प्रधानमंत्री को भारत में बाघों की यथास्थिति पर एक रिपोर्ट पेश की गई। प्रधानमंत्री ने देश में बाघ की आबादी में वृद्धि की रिपोर्ट पर संतोष जाहिर किया और कहा कि यह प्रकृति के प्रति सम्‍मान की भारत की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है।

PM MODI at State Environment and Forest Minister's Conference (17)

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने सम्‍मेलन स्‍थल पर एक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्‍होंने 'स्‍टैंडर्ड टर्म्स ऑफ रेफरेंस फॉर इनवायरमेंट इम्‍पैक्‍ट एनालिसिस' पुस्‍तक का अनावरण किया जिसे केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने 'व्‍यवसाय करने में सुगमता' में योगदान देने की दिशा में एक कदम बताया। प्रधानमंत्री ने एक राष्‍ट्रीय वायु गुणवत्‍ता सूचकांक भी लांच किया जो सही समय के आधार पर देश के सभी बड़े शहरी केंद्रों में वायु की गुणवत्‍ता की निगरानी करेगा।

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