प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज पश्चिम बंगाल के कृष्णा नगर और शहीद मीनार में विशाल जनसमूह को संबोधित किया। उनके संबोधन के मुख्य अंश:
पराजय की कगार पर खड़ी तृणमूल कांग्रेस अपना होश खो बैठी है। ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस ने अपनी पराजय स्वीकार कर ली है, इसलिए अब वह किसी राजनीतिक दल से नहीं बल्कि चुनाव आयोग से लड़ रही है।
दीदी, चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है, विश्व भर में इसकी प्रतिष्ठा है, हम सभी राजनीतिक दलों का यह दायित्त्व बनता है कि हम इन संस्थाओं का सम्मान करें और निर्धारित नीति एवं नियमों का पालन करें। अगर हम अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करेंगें तो यह देश नहीं चल पायेगा।
इलेक्शन कमीशन ने तृणमूल नेताओं के चुनाव के बुरे आचरण को लेकर नोटिस जारी किया था, दीदी की जिम्मेवारी बनती थी जवाब देने की लेकिन वह तो यह बयान दे रहीं हैं कि वह इलेक्शन कमीशन को 19 तारीख के बाद देख लेंगीं। अगर दीदी को कुछ देखना ही था तो बीते पांच वर्षों में वह पश्चिम बंगाल के लोगों की गरीबी देखतीं, राज्य की जनता के दुःख दर्द को देखती, इनकी परेशानियों को समझतीं, पर नहीं, इन्हें तो बस किसी तरह सत्ता पाने से मतलब है।
दीदी को राज्य की जनता को स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी लोकतंत्र में आस्था है कि नहीं, उन्हें भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों में आस्था है कि नहीं।
सुना है कि इलेक्शन कमीशन के नोटिस का जवाब पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव ने दिया है। अगर यह सही है तो यह एक बड़ा संवैधानिक संकट है। सरकार का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। यह चुनाव नियमों का खुला उल्लंघन है। सरकार का दुरुपयोग करने के कारण ही इंदिरा गांधी जी की सदस्यता भी छह सालों के लिए निलंबित कर दी गई थी। कानून तो कानून का ही काम करेगा लेकिन पराजय के डर से इस तरह यदि व्यवस्थाओं को ही नष्ट करने की कोशिश की गई तो इतना बड़ा देश नई मुसीबतों में फंस जाएगी।
एक समय था जब पश्चिम बंगाल पूरे भारत का मार्गदर्शन करता था लेकिन आजादी के बाद पहले कांग्रेस ने, फिर लेफ्ट ने और फिर दीदी ने पश्चिम बंगाल को बर्बाद करके रख दिया, कुछ नहीं बचने दिया।
केरल में कम्युनिस्ट पार्टियां के लीडर कह रहे हैं कि इस देश में कांग्रेस से बुरा कोई दल नहीं है और वही लोग बंगाल में आकर एक हो जाते हैं। केरल में कुश्ती और बंगाल में दोस्ती, गठबंधन अगर करना है तो केरल में भी होना चाहिए था नहीं तो पश्चिम बंगाल में भी नहीं होना चाहिए था। यह आदर्शों, सिद्धांतों अथवा पश्चिम बंगाल की भलाई के लिए किया गया गठबंधन नहीं है बल्कि अपना वजूद बचाने के लिए कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों का संघर्ष है।
जिस धरती पर उत्तम कवियों के विचार हमें सुनने को मिले, जिस धरती से राजा राम मोहन राय और ईश्वरचंद विद्यासागर जैसे मनीषियों ने विश्व का मार्गदर्शन किया था, दुःख की बात यह है कि आज वह धरती बम बनाने की फैक्ट्री बन गई है।
कांग्रेस और तृणमूल दोनों का एक ही गोत्र है, इन दोनों ने पश्चिम बंगाल को बर्बाद करके रख दिया है।
पहले शारदा अब नारदा, मां, माटी, मानुष की बात करने वाले लोग कैमरे पर सरेआम मनी लेते पाये गए। कैमरे पर सिर्फ पैसों का लेन-देन नहीं हो रहा था, राज्य के गरीब लोगों के भविष्य के साथ सौदा किया जा रहा था, उनके जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा था। ये रुपये जनता-जनार्दन के पैसे हैं जिसे कैमरे पर सरेआम लूटा गया।
मैं कांग्रेस, लेफ्ट और दीदी से सवाल पूछता हूँ कि गरीबों को इन चिट फंडों के भरोसे क्यों छोड़ दिया गया, क्यों गरीबों की भलाई के लिए काम नहीं किये गए? हमने सरकार में आते ही गरीबों की भलाई के लिए देश के करोड़ों गरीब के लिए प्रधानमंत्री जन-धन योजना के माध्यम से बैंकों के दरवाजे खोल दिए जिससे कि शारदा चिटफंड जैसी ठग कम्पनियाँ गरीबों का दोहन न कर सके। हमने गरीबों को न्यूनतम प्रीमियम पर जीवन ज्योति बीमा, जीवन सुरक्षा बीमा और अटल पेंशन योजना उपलब्ध कराई। अगर यह काम पहले हो गया होता तो आज बंगाल में गरीबों के पैसे न लुटते।
कहने को तो कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और कम्युनिस्ट एक दूसरे के खिलाफ होने का दिखावा करते हैं लेकिन केंद्र में ये तीनों एक हो जाते हैं। हमने पश्चिम बंगाल के तृणमूल नेताओं के घूसकांड मामले को लोक सभा में तो एथिक्स कमिटी को सौंप दिया लेकिन राज्य सभा में यह काम कांग्रेस, लेफ्ट और तृणमूल की जुगलबंदी के कारण संभव नहीं हो पाया।
दीदी, आप तो भ्रष्टाचार के खिलाफ लाठियां खाती थीं, लोगों ने तो आपको पश्चिम बंगाल में परिवर्तन लाने के लिए वोट किया था लेकिन आज इतना बड़ा नारदा हो गया, आपमें ही इतना बड़ा परिवर्तन हो गया।
अगर पश्चिम बंगाल को भ्रष्टाचार से मुक्त करना है तो राज्य से सिंडिकेट कल्चर को ख़त्म करना होगा। कोलकाता में जो दर्दनाक ब्रिज हादसा हुआ वह सिंडिकेट कल्चर का ही परिणाम था।
केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पश्चिम बंगाल के लोगों का भविष्य संवारने के लिए वचनबद्ध है लेकिन यदि यहां की राज्य सरकार ही ऐसा करना नहीं चाहती तो राज्य की जनता का भविष्य कैसे बदल सकता है?
आज तक दिल्ली में जो सरकारें बैठीं, उन्होंने पूरब की ताकत को ना पहचाना और ना योजना बनाई। हमारा मानना है कि देश के पूर्वी क्षेत्र का विकास किये बिना देश का विकास संभव नहीं हो सकता।
देश की जनता ने सबके शासन का मॉडल देखा है। पिछले 60 वर्षों में कांग्रेस के शासन को भी देखा, कम्युनिस्ट पार्टियों के शासन को भी देखा, व्यक्ति केंद्रित क्षेत्रीय शासन व्यवस्था भी देखी और भारतीय जनता पार्टी की सरकारों को भी देखा है। जहां भी भाजपा की सरकारें है वहां हमने प्रगति के नए मापदंड स्थापित किये हैं।
हमने कृषि के विकास के लिए कई योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन करना शुरू कर दिया है, हमने 'सुरक्षित फसल, समृद्ध किसान' का नारा देते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा की शुरुआत की, फसलों के नुकसान पर होने वाले मुआवजे के मापदंडों को बदला, फसलों के समर्थन मूल्य में वृद्धि की, खेतों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड की शुरुआत की और हर खेत तक पानी पहुंचाने का प्रबंध किया।
हमने गरीब युवाओं के स्वरोजगार के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत तीन करोड़ 30 लाख से अधिक लोगों को सवा लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। हम देश की आम जनता को ताकत देना चाहते हैं। मेरा सपना है - 2022 तक हर गरीब का अपना खुद का घर होना चाहिए।
मैं अपने तीन सूत्री एजेंडे पर काम करता हूँ - पहला एजेंडा - विकास, दूसरा एजेंडा - तेज गति से विकास और तीसरा एजेंडा - चारों तरफ विकास। हमारी सारी समस्याओं का समाधान विकास में ही है। हम देश के हर हिस्से का एक सामान विकास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम राज्य के छात्रों के लिए पढ़ाई, युवाओं के लिए कमाई और बुजुर्गों के लिए दवाई की राज्य में ही समुचित व्यवस्था करने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ हैं।
हमें भी केंद्र में आये हुए दो साल हो गए, एक पैसे के भी भ्रष्टाचार की खबर आई क्या? विपक्ष एक भी आरोप हम पर नहीं लगा पाया। बस एक बार हमें सेवा का मौक़ा दीजिये, हम पश्चिम बंगाल में एक भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त एवं विकासोन्मुखी सरकार की नींव रखेंगें और पश्चिम बंगाल को देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक बनाएंगें।
On the verge of defeat, Trinamool Congress is worried. They are now not fighting political parties but they're fighting the EC: PM
— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 17, 2016
Our EC is respected all over the world. Every sportsman respects an umpire. It's our duty to respect the EC: PM @narendramodi @BJP4Bengal
— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 17, 2016
Polls will come and go. But institutions have to be respected: PM @narendramodi @BJP4Bengal https://t.co/ccj7GJ3sjW
— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 17, 2016
Do we not remember, Mrs. Indira Gandhi too faced punishment when she misused official machinery. Systems can not be destroyed: PM
— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 17, 2016
This land was known for learning, for great men who led the nation. Today the youth here struggle to find employment opportunities: PM
— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 17, 2016
What is the government doing to create jobs for the people. They are working only for themselves: PM @narendramodi @BJP4Bengal
— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 17, 2016
Banks were nationalised in the name of the poor but the poor did not have access to banks. If they did, chit fund scam would not happen: PM
— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 17, 2016
Those you entrusted with your future were putting your future in darkness and indulging in corruption: PM @narendramodi @BJP4Bengal
— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 17, 2016
Central government is doing everything possible to ensure a better future for you: PM @narendramodi https://t.co/ccj7GJ3sjW @BJP4Bengal
— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 17, 2016
India's progress is incomplete without the development of eastern India. This part of India has to develop: PM @narendramodi @BJP4Bengal
— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 17, 2016
Essential to recognise the Left and the Congress. Shouldn't there be any values in public life. Can people be misled like this: PM
— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 17, 2016
In Kerala Left leaders say if a party has ruined the nation it is Congress. In WB the same Left leaders say they will work with Congress: PM
— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 17, 2016
These elections aren't only about the next MLA. They are about West Bengal's future: PM @narendramodi in Kolkata
— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 17, 2016
Can you trust people who have been rejected by the entire Nation. No. I don't think West Bengal will make this mistake: PM @narendramodi
— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 17, 2016
The money that you saw was being looted, who did that money belong to...they belonged to the people: PM @narendramodi in Kolkata
— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 17, 2016