वह मानवता है जो हमारे सुरक्षा बलों को प्राकृतिक आपदा के दौरान लोगों की मदद करने के लिए प्रेरित करती है: प्रधानमंत्री
भारत संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के लिए सबसे बड़े सहायकों में से एक है: प्रधानमंत्री मोदी
दूसरे विश्व युद्ध के दैरान भारत के कई सैनिकों ने लड़ाई लड़ी और शहीद हुए: प्रधानमंत्री
ओआरओपी की मांग वर्षों से हो रही थी और सरकार ने अपने वादे को पूरा किया है: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज भोपाल में एक जनसभा को संबोधित किया और शौर्य स्मारक का उद्घाटन किया। जनसभा में बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिक उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सैनिक मानवता के प्रतीक हैं। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आपदा के समय किस तरह भारतीय सशस्त्र बल के जवान अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद करते हैं।

उन्होंने कहा कि अनुशासन एवं आचरण जैसे मानकों पर भारतीय सशस्त्र बल ने दुनिया में अपना सबसे अच्‍छा बनाया है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में शांति सेना के लिए भारत का योगदान सबसे महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने बताया कि यमन में हाल के संकट के दौरान भारतीय सशस्त्र बल के जवानों ने न केवल हजारों भारतीय नागरिकों बल्कि अन्य देशों के नागरिकों को भी खाली कराया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने कभी भी दूसरे देशों की सीमा को अपने कब्‍जे में लाने की आकांशा जाहिर की है ।उन्होंने जोर देकर कहा कि मानवीय मूल्यों की रक्षा का समय आने पर भारतीय सशस्त्र बल कभी विफल नहीं रहा। उन्होंने बताया कि विश्व युद्ध भारतीयों की लड़ाई नहीं थी, लेकिन इतने सारे भारतीय सैनिकों ने विदेशी धरती की रक्षा के लिए अपना बलिदान कर दिया। उन्होंने कहा कि हमें इसे नहीं भूलना चाहिए और हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि इन जवानों के बलिदानों को विश्व भी न भूलने पाए। उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल के जवानों का मनोबल ही उसकी ताकत है जो 125 करोड़ भारतीयों के समर्थन से मिलती है।

देश की सीमाओं की रखवाली करने वाले जवानों की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अनवरत सर्तकता ही स्वतंत्रता की कीमत है।

प्रधानमंत्री ने हिंदी के कवि माखनलाल चतुर्वेदी और रामधारी सिंह दिनकर का उल्लेख करते हुए भारतीय सशस्त्र बलों के बलिदान की गौरवशाली परंपरा की प्रशंसा की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन का अपना वादा पूरा कर दिया है और भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए अन्य कदम उठाए जा रहे हैं।

 

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