प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नौकरशाहों को परामर्श देते हुए कहा कि वे अपने-अपने संगठनों और विभागों में ‘परिवर्तन के एजेंट’ बनें। सिविल सेवा दिवस के अवसर पर नौकरशाहों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में नौकरशाहों को अपनी भूमिका को नए सिरे से परिभाषित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नौकरशाहों को नियंत्रण, नियमन और प्रबंधकीय क्षमताओं से आगे बढ़कर स्वयं को परिवर्तन के एजेंट के रूप में देखना होगा।
प्रधानमंत्री ने नौकरशाहों से टीम बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उनका मंत्र ‘रिफार्म से ट्रांसफार्म’ यानि सुधार से बदलाव है, नौकरशाहों को इसकी व्याख्या ‘रिफार्म से परफार्म और परफार्म से ट्रांसफार्म’ यानि सुधार से कार्य निष्पादन और कार्य निष्पादन से बदलाव के रूप में करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि नौकरशाह कार्य निष्पादन करने में सक्षम हैं तो जमीन पर बदलाव नजर आएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, जनभागीदारी सफलता की कुंजी है। ये उन पहलों में नजर आती है, जिन्हें आज यहां पुरस्कृत किया गया है। इसलिए उन्होंने नौकरशाहों से लोगों से मिलने-जुलने का आग्रह किया, ताकि सरकार की योजनाओं और पहलों को जमीनी स्तर पर सही तरीके से लागू किया जा सके।
प्रधानमंत्री ने सिविल सेवा दिवस को अब तक की यात्रा पर चिंतन करने और उसका आलोचनात्मक मूल्यांकन करने और ताजा दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने का निश्चय करने का एक अवसर बताया।
पुरस्कार विजेताओं को उनकी सफल पहलों के लिए बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सफलता दूसरे नौकरशाहों को प्रेरित करने वाली साबित हो सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष पुरस्कारों के लिए सफलता की 74 कहानियों का चयन किया गया, यह पिछले साल की तुलना में संतोषजनक प्रगति है। फिर भी, उन्होंने कहा कि ये भारत के केवल 10 प्रतिशत जिलों का ही प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने सभी जिलों से इस संबंध में अधिक सक्रिय होने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने नौकरशाहों से आग्रह किया कि वे प्रयोग करने में हिचके नहीं और लोकहित के उद्देश्यों को हासिल करने के नए तरीकों की ओर ध्यान दें।
शासन के अहम क्षेत्रों को देखने के लिए उनकी पहल पर गठित की गई सचिवों की समितियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकारियों ने कार्यालय के समय के बाद और छुट्टियों के दिन भी इनके लिए स्वेच्छा से कार्य किया। उन्होंने कहा कि इन टीमों ने अभी तक की परिपाटी (साइलोस) को सफलतापूर्वक तोड़ा और नए विचार तथा सुझाव पेश किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए उन्होंने 10,000 घंटे तक काम किया।
It is important to create trust among people, in all districts of the nation. We should work to overcome all obstacles: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 21, 2016
Let us create an atmosphere where everyone can contribute. The energy of 125 crore Indians will take the nation ahead: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 21, 2016
Only being an administrator & controller is not enough. Everybody, at every level, has to be an agent of change: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 21, 2016
Initiatives have succeeded when 'Jan Bhagidari' is embraced. Engaging with civil society is very important: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 21, 2016
What you are doing is not a 'job'...it is a service: PM @narendramodi interacts with civil servants on Civil Services Day
— PMO India (@PMOIndia) April 21, 2016