राष्ट्रपति ओलांद, राष्ट्रपति ओबामा, महानुभाव, श्री बिल गेट्स, प्रतिष्ठित अतिथिगण,
मैं अपार साहस एवं दृढ़ संकल्प के लिए राष्ट्रपति ओलांद एवं फ्रांस की जनता को और पेरिस एवं फ्रांस हेतु एकजुटता दर्शाने के लिए पूरी दुनिया को सलाम करता हूं।
यहां पर की गई उल्लेखनीय व्यवस्था इस महान राष्ट्र के विशिष्ट गुण को प्रतिबिम्बित करती है। हमारी धरती की दिशा को बदल कर उसे टिकाऊ मार्ग पर ले जाने के लिए पूरी दुनिया पेरिस में एकत्रित हुई है।
हमें कार्बन उत्सर्जन के लिए तय लक्ष्यों और वैश्विक तापमान में हुई वृद्धि के बारे में अपने विचार अवश्य व्यक्त करने चाहिए, लेकिन इसके साथ ही उन उपकरणों पर ध्यान केन्द्रित करना भी उतना ही महत्वूपर्ण है जिसके बल पर दुनिया के लिए इस रास्ते पर चलना स्वाभाविक एवं आसान हो जायेगा।
मानवता का एक बड़ा वर्ग गरीबी के मुहाने पर रहने के साथ-साथ सूर्य के अस्त होने के बाद अंधकार में रहकर अपना जीवन यापन करता है। उन्हें अपने घरों को रोशन करने और अपने भविष्य को नई दिशा प्रदान करने के लिए ऊर्जा की जरूरत है। यही नहीं, जीवाश्म ईंधन से संचालित औद्योगिक युग के नतीजों को वे ही सबसे ज्यादा भुगत रहे हैं।
ऊर्जा तक आसान पहुंच और बेहतर जीवन की कामना पूरी दुनिया करती है। यही बात स्वच्छ पर्यावरण एवं स्वस्थ ठौर-ठिकानों पर भी लागू होती है।
चूंकि दुनिया में ज्यादातर देश कार्बन की सीमित गुजाइंश के साथ ही इस धरती पर अपनी समृद्धि का रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे हैं, इसलिए हमें ढेर सारे काम करने होंगे।
हमें जलवायु न्याय की भावना के साथ यह सुनिश्चित करना होगा कि कुछ लोगों के विशिष्ट जीवन यापन के चलते उन अनगिनत लोगों के लिए अवसर खत्म न हो जायें, जो अब भी विकास की सीढ़ी की शुरुआती पायदान पर ही हैं।
विकसित राष्ट्रों को निश्चित तौर पर विकासशील देशों के विकास के लिए पर्याप्त गुजांइश सुनिश्चित करनी चाहिए और इसके साथ ही हमें भी अपने विकास पथ पर आगे बढ़ने के दौरान कार्बन के सीमित उपयोग के लिए अथक प्रयास करने चाहिए।
इसके लिए हमें आपस में भागीदारी कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्वच्छ ऊर्जा सभी की पहुंच में आ जाये।
जलवायु परिवर्तन से निपटने और जलवायु न्याय सुनिश्चित करने के लिए नवाचार बेहद महत्वपूर्ण हैं।
इसी तथ्य के मद्देनजर यह नवाचार सम्मेलन खास अहमियत रखता है। इसने हम सभी को एक साझा उद्देश्य के लिए एकजुट कर दिया है।
हमें नवीकरण ऊर्जा को और ज्यादा सस्ता, विश्वसनीय एवं पारेषण ग्रिडों के साथ इसे जोड़ना आसान करने के लिए अनुसंधान एवं नवाचार पर ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत है।
हम परंपरागत ऊर्जा को और स्वच्छ बना सकते हैं। इसके साथ ही हम नवीकरणीय ऊर्जा के कई और नये स्रोत विकसित कर सकते हैं।
यह हमारे सामूहिक भविष्य के लिए एक वैश्विक जवाबदेही है।
नवाचार से जुड़ी हमारी पहल महज बाजार प्रोत्साहनों के बजाय सार्वजनिक उद्देश्य से प्रेरित होनी चाहिए, जिसमें बौद्धिक सम्पदा भी शामिल है।
यहां पर इससे आशय विकासशील देशों के प्रति आपूर्तिकर्ताओं की मजबूत सार्वजनिक प्रतिबद्धता से भी है।
इसकी बदौलत स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ी तकनीक सभी के लिए उपलब्ध, सुलभ और सस्ती हो जायेगी।
यह भागीदारी सरकारों की जवाबदेही को निजी क्षेत्र की नवाचार क्षमता के साथ जोड़ देगी। हम अनुसंधान एवं नवाचार पर अपने निवेश को दोगुना करेंगे और आपसी सहयोग को और गहरा करेंगे।
हमारे पास 30-40 विश्वविद्यालयों और प्रयोगशालाओं का एक ऐसा अन्तर्राष्ट्रीय नेटवर्क होना चाहिए, जो अगले दस वर्षों तक नवीकरणीय ऊर्जा पर अपना ध्यान केन्द्रित रखे।
नवाचार के साथ-साथ उन साधनों का होना भी अत्यावश्यक है जिनके बल पर इन्हें सस्ता करने के साथ-साथ अपनाया जा सकता है।
यहां मौजूद अनेक राष्ट्रों के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी का एक अत्यंत सफल मॉडल हमारे पास है। भारत छोटे द्वीप देशों के साथ-साथ विकासशील राष्ट्रों में भी नवीकरणीय क्षमता सुनिश्चित कर रहा है।
स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ी प्रौद्योगिकी एवं लागत की दिशा में हुई प्रगति बेहद प्रभावशाली है अगर हम अपने प्रयासों में और तेजी ला दें तो हम पूरी दुनिया में अहम बदलाव ला सकते हैं। हम कार्बन उपयोग वाले नये युग में नई अर्थव्यवस्था की नींव भी डालेंगे।
हम भविष्य के लिए पारिस्थितिकी एवं अर्थव्यवस्था के साथ-साथ अपनी विरासत एवं दायित्व के बीच भी संतुलन बहाल करेंगे और इसके साथ ही हम गांधी जी के आह्वान पर खरा उतरते हुए भावी दुनिया का भी ख्याल रखेंगे जिसे हम देख भी नहीं पायेंगे।
Partnering Clean, Green Innovation. PM @narendramodi attends Mission Innovation event hosted by Prez @BarackObama pic.twitter.com/TazzVc4XR6
— Vikas Swarup (@MEAIndia) November 30, 2015
PM @narendramodi: Let me begin by saluting Prez @fhollande & the people of France for their courage & resolve. pic.twitter.com/NQJvCnnZQV
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PM @narendramodi: The world has assembled in Paris to change the course of our planet to a sustainable path. pic.twitter.com/NAgN0CmxKb
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PM @narendramodi: We must come together in a partnership to bring clean energy within the reach of all
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PM @narendramodi: This partnership will combine the responsibility of Govt with the innovative capacity of the private sector.
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PM @narendramodi: Our innovation initiative should be driven by public purpose, not just market incentives, incl'g on intellectual property
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PM closes speech: We will restore the balance between ecology and economy, and between our inheritance and obligation to the future.
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