अफ़गानिस्तान की धरती पर कविता और सौष्ठव, वीरता और सम्मान व गौरव और उदारता वाले महापुरुषों ने जन्म लिया है: पीएम
अफ़गान लोगों ने मतदान व बहस के माध्यम से अपने भविष्य को रूप देने का साहस और संकल्प किया है, न कि बंदूक और हिंसा के माध्यम से: पीएम मोदी
राष्ट्रपति गनी और अफ़गान संसद के सभी सदस्यों के साथ मिलकर लोकतंत्र के इस नए आवास को समर्पित करना मेरे लिए सम्मान की बात: प्रधानमंत्री
यह देखकर हमें काफ़ी अच्छा लगा कि इस भवन के एक विंग का नाम अटल ब्लॉक है: प्रधानमंत्री मोदी
संसद परिसर एक राष्ट्र और एक लोकतंत्र के रूप में अफ़गानिस्तान की प्रगति के लिए एक छोटा-सा सम्मान है: प्रधानमंत्री मोदी
यह भावनाओं और मूल्यों, स्नेह और आकांक्षाओं के एक स्थायी प्रतीक के रूप में बना रहेगा जो हमें विशिष्ट संबंध में जोड़े रखता है: पीएम मोदी
भारत-अफ़गानिस्तान के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं: प्रधानमंत्री मोदी
हर भारतीय और अफ़गानी के दिल में एक-दूसरे के लिए असीम प्यार है: प्रधानमंत्री मोदी
हमारे लिए गर्व की बात है कि अफ़गान भारत को शिक्षा, स्वास्थ्य या एक पारिवारिक गृह के लिए एक स्वाभाविक स्थल के रूप में देखता है: पीएम
हमारी साझेदारी से ग्रामीण समुदायों के बच्चों व महिलाओं को स्कूल, सिंचाई, स्वास्थ्य केन्द्र की सुविधाएँ मिलीं एवं उन्हें मदद मिली: पीएम
भारतीयों की सुरक्षा हेतु अपनी जान खतरे में डालने वाले या अपनी जान गंवाने वाले हरेक अफ़गान व्यक्ति के प्रति भारत सदैव कृतज्ञ रहेगा: पीएम
भारत यहाँ प्रतिस्पर्धा करने या संघर्ष की लौ प्रकाशित करने के लिए नहीं है बल्कि योगदान देने और भविष्य की नींव रखने के लिए है: पीएम मोदी
भारतीय और अफ़गान कभी भी एक-दूसरे के खिलाफ नहीं बल्कि एक-दूसरे के लिए खड़े हुए हैं: प्रधानमंत्री
जब सीमा पर आतंकवाद रूकेगा, अफ़गानिस्तान संपन्न होगा: प्रधानमंत्री
अब अफ़गानों ने अपने भविष्य के लिए जिम्मेदारी ली है, विश्व को एकजुटता और समर्थन में उनके साथ खड़े होना चाहिए: प्रधानमंत्री
अफ़गान केवल अपने भविष्य के लिए नहीं बल्कि हम सभी के लिए और एक सुरक्षित विश्व के लिए लड़ रहे हैं: प्रधानमंत्री

महामहिम राष्ट्रपति गनी

महामहिम मुख्य कार्यकारी डॉ. अब्दुल्ला

वोलेरसी जिरगा के आदरणीय स्पीकर और मेशरौन जिरगा के आदरणीय चेयरमैन

दोनों सदनों के गणमान्य सदस्यों,

आठ शताब्दी पहले, बल्ख प्रांत की मशहूर संतान, मानव इतिहास के बड़े महानतम कवियों में से एक, जलालुद्दीन रूमी ने लिखा था, "शब्दों को ऊंचाई दें, आवाज को नहीं, क्योंकि फूल बारिश में पैदा होते हैं, तूफान में नहीं।

यह इस शानदार भूमि का ज्ञान है और ये एक महान राष्ट्र है।

इस शताब्दी में अफगान लोगों ने अपने साहस और संघर्ष से वोट और बहस के माध्यम से अपने भविष्य को आकार दिया, बंदूक और हिंसा के जरिए नहीं। एक देश, जिसका जिरगा में अटूट विश्वास है, उसने लोकतंत्र का मार्ग चुना।

यह उन अनगिनत, अनाम अफगानियों के लिए एक श्रद्धांजलि है जिन्होंने अपने प्राण न्यौछावर किए और अपने भविष्य का बलिदान दिया।

मैं यहां, आपके 1.25 बिलियन भारतीय दोस्तों की ओर से, आपकी उपलब्धियों की प्रशंसा में, आपकी दोस्ती के प्रति आभार प्रकट करने के लिए और आपके भविष्य को लेकर एकुजटता प्रदर्शित करने के लिए खड़ा हूं।

और आज, मैं राष्ट्रपति गनी और अफगान संसद के सभी सदस्यों के साथ लोकतंत्र का यह नया निवास अफगान राष्ट्र को समर्पित करते हुए काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

आज से अच्छा दिन इस संसद के उद्घाटन के लिए हो नहीं सकता था, क्योंकि आज उन अटल जी का जन्मदिन है, जिन्होंने 11 साल पहले आपके पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई साहब के साथ मिलकर इस संसद का सपना देखने की शुरुआत की थी।

अफगानी संसद के एक हॉल का नाम अटल ब्लॉक रखे जाने से हम काफी प्रभावित हैं। यह संसद भवन हमारे दोनों देशों को और करीब लाएगा।

और अटल ब्लॉक हमें भावनात्मक रूप से एकजुट करेगा क्योंकि पश्तो में अटल का मतलब हीरो होता है और हिंदी में इसका मतलब दृढ़ होता है। इसमें अफगानिस्तान की भावना और हमारी दोस्ती निहित है।

यह संसद भवन एक राष्ट्र और लोकतंत्र की दिशा में आपकी प्रगति के लिए एक छोटा सा उपहार है। यह हमें एक विशेष संबंध में बांधे रहेगी।

आदरणीय सदस्यों,

हमारे संबंध इतिहास जितने ही प्राचीन हैं।

हिंदुकुश से लेकर और खैबर दर्रे तक, साधुओं, व्यापारियों और सम्राट ने हमें ज्ञान, संस्कृति, क्षेत्र, वाणिज्य और साम्राज्यों से जोड़ा है।

इतिहास में कई बार बदलती परिस्थितों में हम एक साथ दिखाई दिए। ऐसा भी समय आया जब हमने युद्ध देखे। लेकिन हमने हर दौर में एक दूसरे को समृद्ध किया।

बौद्ध प्रतीक आएनक और बामियान से लेकर दिल्ली के आकर्षक स्मारकों में, अपनी संस्कृति और कलाओं में, भाषा और साहित्य, खान-पान और त्योहारों में, हर हर जगह अपने अनन्त संबंधों को देखते हैं।

महाभारत के महान चरित्रों में से एक 'गांधारी' हमें प्राचीन अफगानिस्तान की देन है।

मौर्य साम्राज्य या शेरशाह सूरी की उपलब्धियों में हम कनेक्टिविटी देखते हैं जिसका हम फिर से पुनर्निर्माण करना चाहते हैं।

हर भारतीय और अफगान के दिल में एक दूसरे के प्रति असीमित प्यार है। हम एक दूसरे की संस्कृति, सिनेमा, संगीत और कविताएं, खान-पान और त्योहारों का सम्मान करते हैं। और अब हम एक दूसरे के क्रिकेट की भी तारीफ करते हैं।

हमें इस बात की खुशी है कि अफगान राष्ट्रीय क्रिकेट टीम को दिल्ली के करीब अपना होम ग्राउण्ड मिल गया है और अगले साल होने वाले विश्व कप के लिए वह अभ्यास कर रही है। और मैं अफगान अंडर 19 टीम को हाल ही में हुई पहली घरेलू श्रृंखला में जिम्बाब्वे को हराने के लिए बधाई देता हूं।

इस बात पर गर्व है कि अफगान लोग भारत को शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए भारत को एक प्राकृतिक गंतव्य मानते हैं। भारतीयों को अपने स्वतंत्रता संग्राम में अफगानियों का समर्थन याद है।

आदरणीय सदस्यों,

यह हमारे भाईचारे का प्रतीक है।

और, जब आपने नई शताब्दी में नई यात्रा की शुरुआत की, हमें आपके साथ खड़े होने और चलने में गर्व हुआ।

हमारे साझेदारी ने ग्रामीण समुदायों को स्कूल, सिंचाई सुविधाएं, स्वास्थ्य केंद्र, बाल कल्याण और महिलाओं के लिए अवसर दिए हैं।

हमने साथ में सड़कें बनाई हैं जिनसे क्षेत्र एक दूसरे के करीब आए हैं। हमारे परस्पर सहयोग से पावर ट्रांसमिशन लाइन्स और पावर स्टेशन बनाए जिनसे अफगान घरों में रोशनी आई। सैटेलाइट के जरिए अफगान लोगों को शिक्षा, चिकित्सिय सलाह संबंधी सहूलियतें मिलीं। हम सुरक्षा बलों की भी कई क्षेत्रों में मदद कर रहे हैं।

भारत, अफगानिस्तान में कृषि और खनन क्षेत्र के पुनर्निमाण में मदद कर रहा है और काबुल में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा रहा है।

किसी भी देश के लिए मानव संसाधन से महत्वपूर्ण कुछ नहीं होता। मुझे इस बात की खुशी है कि हमारे छात्रवृति कार्यक्रम अफगानिस्तान के युवाओं को आधुनिक शिक्षा और पेशेवर कौशल के लिए सशक्त बना रहा है। इन संसाधनों से अफगान सरकार अपने देश का विकास करेगी। साथ ही अपने सुरक्षा बलों से अपने देश की सुरक्षा करेगी।

सलमा बांध से बिजली और पानी जल्दी ही शुरू होगा। अफगान छात्रों को हर साल 1000 छात्रवृति देने की हमारी योजना जारी रहेगी।

आज मैं घोषणा करता हूं कि हम अफगान सुरक्षा बलों के शहीदों के बच्चों को 500 छात्रवृतियां देंगे।

आपके देश के पुनर्निर्माण के प्रयासों में हमारा देश साथ खड़ा है। आपने भी अपने देश के लोगों की तरह हमारे लोगों की भी रक्षा की है। हमें रोजाना खतरों का सामना करना पड़ा है, लेकिन हमने आपके बीच हमेशा सुरक्षित महसूस किया है।

मैं हरेक उस अफगान का, जिसने अपने भारतीय अतिथि की सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली या उसे गंवाया, भारत की ओर से आभार व्यक्त करता हूं।

भारतीय राजनयिक, अधिकारी, इंजीनियर, डॉक्टर और गर्व से सेवा देने वाले अन्य लोगों तथा भारतीय शहीदों के परिवारों के प्रति भी आभार व्यक्त करता हूं।

कुछ ऐसे लोग हैं जो हमें यहां नहीं देखना चाहते हैं। ये ऐसे लोग हैं जो यहां हमारी मौजूदगी के पीछे नापाक इरादा देखते हैं। कुछ अन्य ऐसे लोग भी हैं जो हमारी सहभागिता की ताकत से असहज महसूस करते हैं। कुछ लोग इसे हतोत्साहित करने का प्रयास भी करते हैं

लेकिन, हम यहां इसलिए हैं क्योंकि आपका हममें विश्वास है। आपने कभी भी हमारी प्रतिबद्धता और साझेदारी की ताकत पर संदेह नहीं किया। और, आपने हमारी साझेदारी का लाभ देखा है।

आपने जो देखा, उसके आधार पर हमें आंका है, दूसरों के कथन के आधार पर नहीं, चाहे वह बात भारतीय वाणिज्यि दूतावास के बारे में ही क्यों न हो।

आप जानते हैं कि भारत यहां योगदान करने के लिए है, प्रतिस्पर्धा करने के लिए नहीं, भविष्य का आधार रखने के लिए है, संघर्ष को बढ़ाने के लिए नहीं । जीवन का पुनर्निमाण करने के लिए है, देश को बर्बाद करने के लिए नहीं ।

आप इतिहास के चौराहे पर खड़े हैं और आपका इतिहास हमें बता रहा है कि आपने किसी को प्रतिस्पर्धा का मंच नहीं बनने दिया।

आपका इतिहास बताता है कि आप कभी भी खुद को प्रतिस्पर्धा का थिएटर नहीं बनने देंगे। और ना ही अन्य के लिए डिजाइन परोसेंगे।

आपने कवि कुशाल खान खट्टक के उन विचारों को जिया कि राष्ट्र के सम्मान और राष्ट्र की कीर्ति सर्वोपरि है।

आपके विश्वास और आपकी गति के साथ भारत सुशासन, सुरक्षा और विकास के लिए अफगान की क्षमता के निर्माण में सहयोग जारी रखेगा, ताकि आप एक उज्ज्वल भविष्य का रचना कर पाए जिसके अफगान लोग अधिकारी हैं।

हम ये कार्य जिम्मेदारी के साथ करेंगे, जो कि हमारी मित्रता से आती है। लेकिन यह हम हमारे क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की प्रतिबद्धता के साथ करना चाहते हैं।

हम जानते हैं कि अफगानिस्तान की सफलता के लिए उसके प्रत्येक पड़ोसी के समर्थन और सहयोग की जरूरत होगी। और इस क्षेत्र में हम सभी. भारत, पाकिस्तान, ईरान एवं अन्य को विश्वास और सहयोग के साथ एकजुट होना चाहिए और हमारे साझा उद्देश्य और हमारी साझी नियति को समझना चाहिए।

जब अफगानिस्तान शांति का स्वर्ग और विचारों के प्रवाह और इस क्षेत्र में वाणिज्य, उर्जा एवं निवेश का केंद्र बनेगा, तब हम सब इससे समृद्ध होंगे।

यही वजह है कि ईरान के चाहबहार समेत समुद्र एवं जमीनी मार्ग से अफगानिस्तान के साथ सम्पर्क को बेहतर बनाने के प्रयास जारी हैं।

इसलिए मैं उम्मीद करता हूं कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया और अफगानिस्तान और उससे आगे सेतु का काम करेगा।

मैं उम्मीद करता हूं कि वह दिन जल्द आयेगा जब मध्य एशिया की उर्जा हमारे क्षेत्र को समृद्ध बनायेगी। जब एक काबुलीवाला एक बार फिर आसानी से भारतीयों के दिलों को जीत सकेगा, जब हम भारत में अफगानिस्तान के शानदार फलों का स्वाद ले सकेंगे, जब अफगानिस्तान के लोगों को अपने पसंदीदा भारतीय उत्पाद खरीदने के लिए काफी धनराशि का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।

अफगानिस्तान केवल तभी सफल हो सकता है जब सीमापार से आतंक का प्रवाह नहीं होगा, जब आतंकवाद के पनाहगाह और नर्सरियां बंद होगी और इनके आका इस कारोबार में लिप्त नहीं होंगे।

आतंकवाद और हिंसा अफगानिस्तान के भविष्य को आकार देने या अफगान लोगों की पसंद को तय करने का माध्यम नहीं हो सकते।

अफगानिस्तान में अपने पड़ोसियों के साथ शांति से रहने की बुद्धिमता है और अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने का साहस भी है।

काबुल नदी में काफी खून बह गया है। पर्वतों की ढलानों पर कई त्रासदियां गहरी छाप छोड़ गई हैं। विवेकहीन संघर्ष की आग में काफी सपने तबाह हो गये।

आप पख्तून, उज्बेक, ताजिक, हजारा कोई भी हो सकते हैं। आप मुस्लिम, हिन्दू, सिख हो सकते हैं। लेकिन आप गर्व के साथ अफगान है जो एक राष्ट्र एक व्यक्ति के साथ एकजुट हैं।

आपने धर्म के नाम पर या अपनी पहचान के नाम पर लड़ाई की होगी लेकिन अफगानिस्तान के लोगों के लिए अब शांतिपूर्वक साथ रहने का समय है।

जो लोग बंदूक के जरिये क्षेत्र लेना चाहते हैं वे बैलेट के जरिये सत्ता मांगे। जिन लोगों ने घरों को तबाह किया है, वे अब राष्ट्र निर्माण करें। यह आपकी भूमि है और ये आपके लोग हैं। यह अफगानिस्तान के सभी लोगों, क्षेत्र के सभी लोगों और शेष दुनिया के लिए साथ आने का समय है।

यह जगह हर अफगानी की होनी चाहिए। प्रत्येक की आकांक्षाओं को यहां जगह मिलनी चाहिए। यह एक ऐसा देश होना चाहिए जहां प्रत्येक नागरिक के अधिकार सुरक्षित हों और वह अपने भविष्य को लेकर आश्वास्त हो।

इस मोड़ पर पूरे विश्व को अफगानिस्तान के साथ खड़े होना चाहिए।

हमें समयसीमा से ऊपर उठकर अफगानिस्तान का समर्थन करना चाहिए क्योंकि कट्टरपंथ के नये बादल मंडरा रहे हैं जबकि पुराने बादल हमारे आसमान पर गहरा रहे हैं, क्योंकि अफगानिस्तान के लोग न केवल अपने भविष्य के लिए लड़ रहे हैं बल्कि हम सभी दुनिया को एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए खड़े हैं।

ये दुनिया तब और बेहतर होगी, जब हम अफगान लोगों की वास्तविक संपत्ति को उनके विविधता और समृद्ध विरासत के साथ अनुभव कर सकेंगे।

बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। उम्मीदें नहीं समाप्त होनी चाहिए। किसी लड़की को अंधकार में नहीं ढकेला जाना चाहिए, अवसरों से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। किसी बेटे को बंदूक या दूसरी भूमि पर शरण लेने में से विकल्प को चुनने की स्थिति का सामना नहीं करना चाहिए।

किसी मां को भय के साये में बच्चों का पालन पोषण करने की स्थिति से नहीं गुजरना चाहिए, मस्जिद में नमाज पढ़ते हुए धर्म के नाम पर किसी को नहीं मारा जाना चाहिए। किसी बुजुर्ग को उस स्थिति का सामना नहीं करना चाहिए कि संघर्ष में उसका युवा जान गवां रहा हो।

अफगानिस्तान के प्रत्येक युवा को आईटी में अपना भविष्य देखना चाहिए और आईटी से आशय इंफार्मेशन टेक्नोलाजी से होना चाहिए, इंटरनेशनल टेररिज्म से नहीं।

21वीं सदी का वादा और भविष्य दुनिया में किसी अन्य के समान अफगानिस्तान के युवाओं का है।

भारत के लिए यह गहरी प्रतिबद्धता है, आपकी पीड़ा हमारा दर्द है। आपके सपने हमारा कर्तव्य हैं। आपकी ताकत हमारा भरोसा है। आपका साहस हमारी प्रेरणा है और इस सबसे उपर आपकी मित्रता हमारा सम्मान है।

हिंदी सिनेमा के एक मशहूर किरदार फिल्म जंजीर के शेरखान ने गाया है, यारी है ईमान मेरा, यार मेरी जिंदगी। भारत सदियों पुराने अपने संबंधों में अफगान लोगों को कुछ इस तरह देखता है।

मुझे यह पूरा विश्वास है कि अफगानिस्तान के घरों में उम्मीद लौटेंगी, स्कूल में हंसी गूंजेगी, गलियों में रौनक लौटेगी, शहरों में समृद्धि आयेगी, समाज में एकता होगी और अफगानिस्तान में अमन चैन कायम होगा।

आपकी यात्रा में हर कदम पर भारत आपके साथ है। धन्यवाद। इस सम्मान और शानदार स्वागत के लिए भी आपका शुक्रिया।