भारत का संविधान केवल कानून की एक किताब नहीं है बल्कि यह एक सामाजिक दस्तावेज है: पीएम मोदी
संविधान हमें एक साथ आगे बढ़ने की ताकत देता है: पीएम मोदी
राष्ट्र डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के अनुकरणीय योगदान को कभी नहीं भूल सकता: प्रधानमंत्री मोदी
संविधान हम सभी के लिए मार्गदर्शक एवं प्रेरणास्त्रोत: पीएम मोदी
राष्ट्र निर्माण में हर व्यक्ति का सकारात्मक योगदान रहा है और इस तरह से इस देश का निर्माण हुआ है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज कहा कि भारत का संविधान महज कानूनों के बारे में ही नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक दस्‍तावेज भी है। उन्‍होंने कहा कि जब भी हमें मार्ग दर्शन एवं प्रेरणा की जरूरत पड़ती है, तो हम इसके पन्‍ने पलट सकते हैं। प्रधानमंत्री संविधान निर्माता डॉ. बी.आर. अम्‍बेडकर की 125वीं जयंती पर संविधान दिवस के उपलक्ष्‍य में आयोजित चर्चा के दौरान बोल रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान हमें आपस में मिल-जुलकर आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करता है। उन्‍होंने कहा कि यह संविधान सभा के सभी सदस्‍यों को श्रद्धांजलि देने का एक महत्‍वपूर्ण अवसर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्‍ट्र डॉ. बाबासाहेब अम्‍बेडकर के अनुकरणीय योगदान को नजरअंदाज नहीं कर सकता अथवा इसे भूला नहीं सकता।

प्रधानमंत्री ने ‘एक भारत, श्रेष्‍ठ भारत’ के अपने विजन की रूपरेखा पेश की, जिसका उल्‍लेख उन्‍होंने पहली बार सरदार पटेल की जयंती पर ‘एकता के लिए दौड़’ के दौरान किया था।

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने डॉ. अम्‍बेडकर, श्री जवाहरलाल नेहरू, डॉ. सर्वपल्‍ली राधाकृष्‍णन एवं श्री मैक्‍स मूलर का उल्‍लेख किया और उनके विजन के विभिन्‍न पहलुओं पर रोशनी डाली।

 

 

 

 

 

 

 

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