सांस्‍कृतिक कार्यक्रम रूस में भारत की सांस्‍कृतिक परंपराओं की लोकप्रियता और सांस्‍कृतिक समझ के महत्‍व को दर्शायेगा
प्रधानमंत्री मोदी के स्‍वागत में रूसी कलाकार अद्वितीय पहल करते हुए भारतीय कलात्‍मक-क्रियाकलापों का प्रदर्शन करेंगे
रूसी कलाकार स्‍वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर द्वारा गाई गई श्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता ‘गीत नया गाता हूं’ पर भी संगीतमय प्रस्‍तुति देंगे

24 दिसम्‍बर को रूस में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी का स्‍वागत दो सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों ‘अभिनंदन’ और ‘अभिव्‍यक्ति’ के साथ होगा। ‘अभिनंदन’ में रूसी कलाकार भारतीय कलात्‍मक-क्रियाकलापों यानि आर्ट फॉर्म (क्‍लासिकल एवं लोक नृत्‍य) पर प्रस्‍तुति देंगे। यह रूस में भारत की सांस्‍कृतिक परंपराओं की लोकप्रियता और सांस्‍कृतिक समझ के महत्‍व को प्रदर्शित करेगा। ‘अभिनंदन’ में रूसी कलाकारों द्वारा भारत की प्रदर्शन कला, परंपराओं को आत्‍मसात करने को चित्रित करने का प्रयास किया जायेगा। ‘अभिनंदन’ एक श्‍लोक गायन और रूसी ब्रह्मकुमारियों द्वारा वन्‍दे मातरम की रचनात्‍मक प्रस्‍तुति के साथ शुरू होगा। इसके बाद संक्षिप्‍त तौर पर कुचिपुड़ी, कथक और डांडिया रास भी प्रस्‍तुत किया जायेगा। कार्यक्रम का समापन मंच पर सभी कलाकारों द्वारा लता मंगेशकर द्वारा गाई गई श्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता ‘गीत नया गाता हूं’ की संगीतमय प्रस्‍तुति के साथ होगा। ‘अभिनंदन’ में 52 कलाकार अपनी प्रस्‍तुतियां देंगे। इस प्रस्‍तुति का महत्‍व यह है कि ये अटल जी के जन्‍मदिन की पूर्व संध्‍या पर होगी।

अभिव्‍यक्ति रूसी कलाकारों एवं कुछ उत्‍साही लोगों द्वारा भारतीय परंपराओं, इतिहास एवं संस्‍कृति की सभी भारतीयों एवं विदेशों में भारत के शुभचिंतकों के मन में बनी और दिल से प्रतिध्‍वनित होने वाली मुखर एवं प्रमाणिक छवि को प्रदर्शित करने का प्रयास है।

यह भारत और रूस के लोगों के बीच पहले से मौजूद भाईचारे और सौहार्द्ध की भावना को प्रतिबिंबित करती है। ‘अभिव्‍यक्ति’ सद्भावना के प्रकटीकरण को समर्पित है और ‘वसुधैव कुटुम्‍बकम’ के हमारे दर्शन को प्रस्‍तुत करता है, जो समूचे विश्‍व के साथ हमारे संबंधों की विशेषता है। ‘अभिव्‍यक्ति’ में 100 कलाकार अपनी प्रस्‍तुतियां देंगे। इसमें मुख्‍यता नमस्‍कारम, चारिष्‍णु, भरत नाट्यम, रूद्र पंडत्‍तम, खोरिया, लावणी और कलिना ताल का प्रदर्शन होगा।