प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के प्रति अथाह प्रेम दिखाने के लिए नेपाल की जनता का आभार व्यक्त किया
प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री श्री सुशील कोइराला को श्रद्धांजलि दी
भारत-नेपाल संबंधों के इतिहास में आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण दिन: नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ संयुक्त वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी
भारत-नेपाल संबंध साझा परंपरा और समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं: प्रधानमंत्री मोदी
भारत नेपाल की शांति, स्थिरता और विकास के लिए हमेशा उसके साथ खड़ा रहेगा: प्रधानमंत्री मोदी
भारत का आर्थिक विकास नेपाल के लिए काफ़ी मददगार साबित हो सकता है: नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ संयुक्त वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी
परिवहन कॉरिडोर हमारे देशों के बीच प्रगति के राजमार्ग बन सकते हैं: प्रधानमंत्री
व्यापार और निवेश के हमारे संबंध दोनों देशों के बीच मजबूत स्तंभ का काम कर रहे हैं। हम इन्हें आगे और मजबूत कर सकते हैं: प्रधानमंत्री
भारत और नेपाल, दोनों देश आतंकवाद का संयुक्त रूप से मुकाबला करने के लिए समर्पित: प्रधानमंत्री मोदी

माननीय प्रधानमंत्री श्री के.पी शर्मा ओली जी,

नेपाल से आये मंत्रीगण तथा संसद सदस्य,

आथिति गण, तथा मीडिया के उपस्थित प्रधिनिधी।

भारत-नेपाल मैत्री के इतिहास का आज एक महत्वपूर्ण दिन है। पद-ग्रहण के पश्चात प्रधानमंत्री ओली जी की इस प्रथम विदेश यात्रा पर मैं उनका, तथा नेपाल के सम्पूर्ण शिष्टमंडल का हार्दिक स्वागत करता हूं। भारत के प्रति नेपाल की गौरवशाली जनता के अथाह प्रेम और सद्भावनाओं का भी मैं हार्दिक अभिनन्दन करता हूं। साथ ही साथ मैं नेपाल के नागरिकों की आशाओं और आकांक्षाओं का तथा उनकी जागरूकता और विवेक का भी सम्मान करता हूं। इस अवसर पर मैं नेपाल के दिवंगत नेता श्री सुशील कोइराला जी को भी श्रद्धांजलि अर्पण करता हूं। भारत-नेपाल मित्रता में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।

दोस्‍तों,

भारत और नेपाल दो संप्रभुत्व देश है। इनकी मित्रता घनिष्ट एवं अद्वितीय है। हिमालय कि अखंडता तथा गंगा की पवित्रता हमारे सशक्त संबंधों के साक्षी हैं। सीमाओं के खुले द्वार हमारी जनता के आपसी सम्बन्धों को परिभाषित करते हैं। एक धनी संस्कृति और परंपरा के हम सांझे उत्तराधिकारी हैं। नेपाल में शांति, स्थिरता और उसका आर्थिक विकास हमारा सांझा उद्धेश्य है। भारत-नेपाल संबंधों के इन सभी पहलुओं पर मैंने और प्रधान मंत्री ओली ने आज विस्तार से बात की है।

माननीय ओली जी,

पूरा विश्व इस बात को मानता है कि पिछले कुछ सालों में नेपाल ने लोकतंत्र और संघवाद के मार्ग पर प्रशसंनीय प्रगति की है। दशकों के संघर्ष उपरांत, नेपाल के संविधान की रचना और उसकी घोषणा एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके निर्माण में नेपाल की सरकार और राजनैतिक नेतृत्व का तथा समाज के सभी वर्गों द्वारा किये गये योगदान का मैं अभिनंदन करता हूं। किंतु इसकी सफलता सहमति और संवाद पर निर्भर है। मुझे विश्वास है कि इन्हीं सिद्धांतों के आधार पर, राजनैतिक वार्तालाप के माध्यम से, नेपाल के सभी वर्गों को साथ लेकर, आप नेपाल के संविधान से जुड़े सभी मुद्दों का संतोषजनक निवारण कर नेपाल को प्रगति और स्थिरता की राह पर ले जायेंगे।

दोस्‍तों,

नेपाल की आर्थिक उन्नति, विकास तथा संपन्नता में भारत की स्थायी रुचि है। नेपाल के इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु हमारे संसाधन और संस्थाएं सदैव एक सकारात्मक साधन रहे हैं और भविष्य में भी रहेगे। इस सन्दर्भ मे,भारत की आर्थिक प्रगति नेपाल की संपन्नता का एक सहज मार्ग बन सकतीं हैं। दोनों देशों के बीच के परिवहन गलियारों के विकास के राजमार्ग बन सकते हैं। इसके मद्देनजर, हमारे देशों के बीच में दो और आवागमन केंद्र खोलने पर आज हुई सहमति महत्वपूर्ण है। इन आवागमन मार्गों का खुलना क्षेत्रीय आर्थिक विकास तथा संपर्क को भी प्रबल बनायेगा। मैंने अपनी नेपाल की 2014 की यात्रा के दौरान कहा था कि नेपाल का पन विद्युत क्षमता न केवल पूरे नेपाल को रोशन कर सकता है, अपितु भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को भी पूरा कर सकता हैं।

मुझे खुशी है,कि नेपाल और भारत कई पनविद्युत परियोजनाओं पर कार्यरत हैं। इन की कुल क्षमता लगभग 7000 मेगा वाट है। इन परियोजनाओं का शीघ्र और सफल निर्माण नेपाल की आर्थिक संपन्नता का प्रमुख मार्ग बन सकता है। मुजफ्फरपुर-धलकेवार ट्रांसमिशन लाइन जिसका हमने अभी अभी उद्घाटन किया है, यह नेपाल को लगभग 80-मेगावाट बिजली शीघ्रता से उपलब्ध करायेगी। आने वाले दो सालों में यही लाइन 600-मेगावाट बिजली नेपाल को प्रदान करेगी।

मित्रों

व्यापार और निवेश हमारे संबंधों के सशक्त स्तंभ हैं। इनको और प्रबल बनाया जा सकता है। इसके लिए, एकीकृत जांच चौकियों का शीघ्र निर्माण दोनों देशों के हित में है। नेपाल के तराई क्षेत्र में सड़क निर्माण पर आज हुआ समझौता व्‍यापार बुनियादी ढांचे को और मजबूती प्रदान करेगा। पिछले वर्ष नेपाल ने एक भयंकर भूकंप से उत्पन्न त्रासदी का सामना किया था। आपदा नेपाल पे आयी, किन्तु पीड़ा हर भारतीय को भी हुई। भूंकप उपरांत नेपाल के पुर्ननिमार्ण की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए, भारत ने एक बिलियन डॉलर के सहायता पैकेज की घोषणा की थी। इस क्षेत्र मे आज हुए दो समजौते, एक 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान का तथा दूसरा 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण, हमारी सहभागिता को और आगे ले जायेंगे। इस सन्दर्भ में, प्रधानमंत्री ओली की भुज यात्रा नेपाल के भूकंप के बाद के निर्माण कार्य मे लाभकारी सिद्ध होगी।

माननीय ओली जी,

आयुर्वेद भारत की प्राचीन सभ्यता का ऐसा प्रभावी अंग है,जिसकी छाप आज के युग में भी प्रबल है। नेपाल भी आयुर्वेद से घनिष्ठ रुप से जुड़ा हुआ है। नेपाल में आयुर्वेद का विस्तार दोनों देशों के सांस्कृतिक और व्यापारिक हित में हैं। यदि नेपाल चाहे तो भारत नेपाल में आयुर्वेदिक महाविद्यालय खोल सकता है। इनको भारत के आयुर्वेदिक विश्व-विद्यालयों से जोड़ा जा सकता है।

मित्रों,

यह स्पष्ट है कि नेपाल की स्थिरता भारत की सुरक्षा से जुड़ी हुई हैं। प्रधान मंत्री ओली जी और मैं इस बात से भी सहमत हैं कि दोनों देश बढ़ते हुए अतिवाद और आतंकवाद से उत्पन्न खतरों का मिलकर मुकाबला करेंगे। हम अपने बीच खुली सीमाओं का आतंकवादियों और अपराधियों को दुरुपयोग नहीं करने देंगे। इस संदर्भ में दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियां अपना सहयोग और मजबूत करेंगी।

माननीय ओली जी,

नेपाल में शांति, स्थिरता और सपंन्नता हमारा सांझा हित है। मैं और संपूर्ण भारत नेपाल के आर्थिक विकास के समर्थक हैं। भारत का सहयोग सदैव सकारात्मक रहा है। इसके अर्तगत लिये गये फैसले नेपाल की सरकार तथा जनता की प्राथमिकताओं के अनुरुप रहें हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व में भारत-नेपाल संबंध और सशक्त होंगे और नई ऊंचाइयों को छुएंगे। इन शब्दों के साथ मैं एक बार पुनः आपका और आपके शिष्टमंडल का भारत में स्वागत करता हूं।

धन्यवाद