आसियान में प्रधानमंत्री ने कहा, सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक-संस्कृति ने अच्छा विस्तार किया
साइबर सुरक्षा, कट्टरता और आतंकवाद से मुकाबले में सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ठोस कदम उठएगा
उन्होंने मेकांग नदी के साथ भारतीय शिलालेख मानचित्रण परियोजना के शुभारंभ के लिए भी प्रस्ताव रखा
पीएम मोदी ने भारत-आसियान युवा शिखर सम्मेलन के आयोजन का भी प्रस्ताव रखा
पीएम मोदी ने अक्टूबर 2016 में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में आसियान को सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत-आसियान शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। अपने अंतिम संबोधन में कहा कि हमारी भागीदारी के तीनों स्तंभ सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक-संस्कृति ने अच्छा विकास किया है।प्रधानमंत्री ने कहा कि समुद्री मार्क वैश्विक व्यापार की जीवन रेखा है और भारत संयुक्त राष्ट्र के नौवहन की स्वतंत्रता आधारित यूएमसीएलओएस (समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन) का समर्थन करता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रूख अपनाते हुए कहा कि भारत की इच्छा है कि वह साइबर सुरक्षा, कट्टरता और आतंकवाद से मुकाबला के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाए।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आसियान के साथ आर्थिक भागीदारियों को मजबूती और बढ़ावा देने के लिए भारत आगे भी अपने प्रयास जारी रखेगा।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-म्यांमार-थाईलैंड को जोड़ने वाली त्रिपक्षीय राजमार्ग के कंबो़डिया, लाओस और वियतनाम तक विस्तार के लिए एक संयुक्त कार्यबल के गठन का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने मेकांग नदी के साथ भारतीय शिलालेख मानचित्रण परियोजना के शुभारंभ का भी प्रस्ताव रखा। प्रधानमंत्री ने भारत-आसियान निधि के लिए 50 करोड़ डॉलर के अतिरिक्त धनराशि के योगदान का भी प्रस्ताव रखा।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान भारत-आसियान युवा शिखर सम्मेलन के आयोजन का भी प्रस्ताव रखा। साथ ही प्रधानमंत्री ने अक्टूबर 2016 में होने जा रहे अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में आसियान को बतौर सम्मानित अतिथि
आमंत्रित भी किया।