प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रस्तुति संबंधी विषय-वस्तु के केंद्रित विकास पर जोर दिया कि अब तक भारत ने किस तरह से पर्यावरण संरक्षण के लिए योगदान दिया है। संस्कृति मंत्रालय की गतिविधियों की समीक्षा करते हुए उन्होंने मंत्रालय से इसके लिए पहल करने को कहा और अगर यह समय से तैयार किया जा सका तो इस वर्ष के अंत में इसे पेरिस में आयोजित होने वाले आगामी संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन – सीओपी 21 में प्रस्तुत किया जा सके। भारत को दुनिया को यह दिखाना चाहिए कि यह कैसे पर्यावरण संरक्षण के मामले में सबसे आगे है।

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प्रधानमंत्री ने संस्कृति मंत्रालय को बड़े पैमाने पर विशिष्ट विषयों पर आधारित सामग्री इकट्ठा करने और इसे प्रदर्शित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है। उदाहरण के लिए, उन्होंने पूरे भारत में वर्षों से चले आ रहे जल भंडारण और संरक्षण से संबंधित विभिन्न प्रथाओं पर एक केंद्रित प्रयास करने का सुझाव दिया।

श्री नरेन्द्र मोदी को वर्तमान में संग्रहालय क्षेत्र में चल रहे क्षमता निर्माण के बारे में बताया गया। प्रधानमंत्री ने मंत्रालय से संग्रहालय के विकास और उच्च गुणवत्ता वाले ‘आभासी संग्रहालय (वर्चुअल म्यूजियम)’ के विकास की दिशा में विशेष रूप से काम करने का आग्रह किया। खासकर, प्रधानमंत्री ने लोथल में एक विश्व स्तरीय समुद्री संग्रहालय का निर्माण करने की बात कही।

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प्रधानमंत्री ने मंत्रालय को कुशल जनशक्ति की आवश्यकताओं का एक व्यापक सेट तैयार करने को कहा और इन जरूरतों को पूरा करने के लिए कौशल विकास मंत्रालय के साथ समन्वय कर काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा विरासत स्थलों और वाराणसी जैसे शहरों में स्थापित किये जाने वाले व्याख्यान केन्द्रों को एक ऐसे हब के रूप में काम करना चाहिए जो बच्चों और युवाओं में रुचि पैदा कर सके और संगीत और संस्कृति के विभिन्न क्षेत्रों में अगली पीढ़ी की प्रतिभा को उत्प्रेरित कर सके। प्रधानमंत्री ने पर्यटकों के लिए सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करने की प्रक्रिया में वरिष्ठ नागरिकों को भी शामिल करने के लिए कहा है। उन्होंने राष्ट्रीय टेलीविजन पर “टैलेंट हंट” के प्रसारण का भी सुझाव दिया जिसके माध्यम से देश भर के शीर्ष पर्यटन स्थलों के लिए प्रतिभावान एवं विशिष्ट पर्यटक गाइड तैयार किये जा सकें।

इस समीक्षा में संस्कृति राज्य मंत्री, डॉ महेश शर्मा और संस्कृति मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।