प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में सूखे और पानी की कमी से पैदा हालात पर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान मौजूद थे। भारत सरकार और मध्य प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।
बैठक के दौरान विचार-विमर्श की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह सूखे से प्रभावित अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर रहे हैं ताकि हरेक की खास जरूरतों को आकलन किया जा सके। इससे तुरंत और लंबी अवधि के कदम उठाने पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।
मध्य प्रदेश के बकाये से समायोजन के बाद इसे राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष ( नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फंड- एनडीआरएफ) के तहत 1875.80 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। यह राज्य के 2015-16 के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया फंड (स्टेट डिजास्टर रेस्पांस फंड-एसडीआरएफ) में केंद्र के हिस्से के तहत जारी 657.75 करोड़ रुपये के अतिरिक्त है। वर्ष 2016-17 के दौरान एसडीआरएफ की पहली किस्त के तौर पर पर 345.375 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी सूखा प्रभावित राज्यों के साथ बैठक करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार की ओर से सूखा राहत के लिए उठाए गए कदमों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य के 61 लाख किसानों को राहत राशि के तौर पर 4664 करोड़ रुपये दिए गए हैं। मध्य प्रदेश में वितरित की गई यह अब तक की सबसे बड़ी राशि है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दस साल के दौरान उठाए गए कदमों की बदौलत राज्य सूखा की स्थिति का सामना करने के लिए तुलनात्मक तौर पर बेहतर स्थिति में है। राज्य सरकार ने जो कदम उठाए हैं उनमें जल भंडारण के लिए जलाशय और अन्य ढांचा खड़ा करना शामिल है। उन्होंने कहा कि लगातार दूसरे साल सूखे की स्थिति के बावजूद राज्य में सिर्फ 113 गांवों तक ही पानी पहुंचाना पड़ा। अगर इस साल जून के अंत तक भी बारिश नहीं होती है तो राज्य के 50000 गांवों में से सिर्फ 400 तक ही पानी पहुंचाना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को लागू करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू करने तैयारियों का खाका भी प्रधानमंत्री के सामने पेश किया।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने छोटी सिंचाई समेत योजना समेत खेती को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कई कदमों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने खेती को बढ़ावा देने के लिए तरल उर्वरक और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के साथ कृषि तालाब बनाने जैसे कदमों पर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण और भंडारण से जुड़ी चेतना के प्रसार और इन गतिविधियों में एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस और स्काउट्स एंड गाइड्स जैसे युवक संगठनों को लगाने पर भी चर्चा की। उन्होंने पौधारोपण के लिए प्रयास तेज करने और नर्मदा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में वृक्ष संरक्षण के कदमों पर भी चर्चा की।
बैठक केंद्र और राज्य के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताने के साथ खत्म हुई।