प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राजस्थान की मुख्यमंत्री के साथ राजस्थान के कई भागों में सूखे एवं जल संकट की स्थिति पर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे उपस्थित थीं। बैठक में भारत सरकार एवं राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
राज्य की शेष राशियों के समायोजन के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत राज्य को 911.64 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। यह राज्य को 2015-16 के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के केंद्र सरकार के हिस्से के रूप में जारी 827.25 करोड़ रुपये के अतिरिक्त है। 2016-17 के लिए एसडीआरएफ की पहली किस्त के रूप में 434.25 करोड़ रुपये की एक और राशि जारी की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान ने पिछले 67 वर्षों में से 61 वर्षों में सूखे का सामना किया है। उन्होंने पीने के पानी की कमी के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोगों के सामने आने वाली कठिनाइयों का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की जानकारी दी जिसके तहत चार वर्षों में 7 लाख जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण होगा। इसमें 30 जून, 2016 तक एक लाख जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण शामिल है। राज्य सूक्ष्म सिंचाई के लिए नर्मदा के पानी का उपयोग कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन शुरू करने की अपील की और कहा कि एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस एवं स्काउट तथा गाईड्स जैसे युवा संगठनों को जल भंडारण संरचनाओं के निर्माण में शामिल किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने अपशिष्ट जल प्रबंधन एवं छत वर्षा जल संचयन के महत्व पर जोर दिया। इस बारे में वैश्विक सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों पर भी चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में पारंपरिक जल भंडरण संरचनाओं (बावड़ी) को जनभागीदारी के द्वारा बड़े पैमाने पर पुनर्जीवित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने नागौर जिले के कुचमान नगर में बावड़ी को पुनर्जीवित करने के सफल उदाहरण का जिक्र किया और इसे बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य का लक्ष्य होना चाहिए कि पड़ोसवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों की सिंचाई तथा नगर के आम परिवहन नेटवर्क में गैस के इस्तेमाल को समेकित करते हुए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए एक नगर को एक मॉडल के रूप में विकसित किया जाए।
केंद्र और राज्य द्वारा एक साथ कार्य करने का संकल्प लिए जाने के साथ बैठक का समापन हुआ।