प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि जल संरक्षण पर ध्यान केन्द्रित करना सभी जलापूर्ति पहलों का एक अनिवार्य अंग होना चाहिए।
राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम पर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए योजना बनाते समय पशुओं और अन्य संबंधित जल आवश्यकताओं के लिए भी एक स्पष्ट प्रावधान बनाया जाना चाहिए। यह देखा गया है कि वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्यों को दिए जाने वाले कोषों के अधिकार में वृद्धि को देखते हुए राज्य पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त उपलब्ध कोषों का एक भाग खर्च कर सकते हैं।
इस बैठक में केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज, स्वच्छता व पेयजल मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे।