प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज (23 नवंबर, 2015) मलयेशिया के प्रधानमंत्री श्री दातो सेरी मोहम्मद नजीब बिन तुन अब्दुल रज्जाक के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों नेताओं के बीच हुई वार्ता के बाद एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य जारी किया गया। इसमें प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग मजबूत करने पर जोर दिया, ‘जिसमें समुद्री सुरक्षा को उन्नत और क्षेत्र की आपदा प्रतिक्रिया को मजबूत बनाना शामिल है।’
दोनों नेताओं ने कुआलालंपुर के लिटिल इंडिया में संयुक्त रूप से ‘तोरण द्वार’ का उद्घाटन किया। इसे सांची स्तूप के तोरण द्वार से प्रेरित होकर बनाया गया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी मलयेशिया यात्रा कई ऐतिहासिक घटनाओं की साक्षी रही है, तोरण द्वार का संयुक्त उद्घाटन इनमें से एक है। यह द्वार केवल पत्थर की कलाकृति नहीं बल्कि दो राष्ट्रों के बीच सेतु है, जो सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध को याद किया, जिन्होंने सदियों पहले एशिया भर में शांति का संदेश दिया।
प्रधानमंत्री ने आर्थिक संबंधों को मजूबत बनाने के लिए मलयेशिया के कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज विश्व में तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था है। आज यह राजनीतिक रूप से स्थिर है और यहां निवेश की असीम संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मलयेशिया के सीईओज (CEOs) के पास उन क्षेत्रों का अनुभव और विशेषज्ञता है, जिनकी भारत को आवश्यकता है। इसलिए यह एक अच्छा मिलन होगा। मलयेशिया के सीईओज ने खाद्य प्रसंस्करण, तेल एवं गैस और उड्डयन समेत भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने की इच्छा जताई।