प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सात, रेसकोर्स रोड में हुए एक समारोह में तीन स्वर्ण संबंधी योजनाओं की शुरुआत की।
ये योजनाएं हैं – स्वर्ण मौद्रीकरण योजना, सार्वभौम गोल्ड बांड योजना और भारतीय स्वर्ण सिक्का।
इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं को ‘सोने पे सुहागा’ का उदाहरण बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा - कोई कारण नहीं है कि भारत को गरीब देश कहा जाए, उसके पास 20,000 टन सोना है। उन्होंने कहा कि भारत में उपलब्ध सोने को उत्पादक उपयोग के लिए रखा जाना चाहिए और ये योजनाएं हमें इस लक्ष्य को प्राप्त करने का रास्ता दिखाती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय समाज में अक्सर सोना महिलाओं के सशक्तिकरण का एक स्रोत रहा है, और ये योजनाएं सशक्तिकरण की भावना को रेखांकित करेंगी।
प्रधानमंत्री ने भारत में सुनार परिवारों को हासिल विश्वास के विशाल बंधन की बात कही। उन्होंने कहा कि भारतीय सुनारों के इन योजनाओं से परिचित हो जाने के बाद वे इनके सबसे बड़े एजेंट बन सकते हैं।
श्री नरेन्द्र मोदी ने अशोक चक्र वाले भारतीय स्वर्ण सिक्के की शुरुआत को राष्ट्रीय गौरव का विषय बताया। उन्होंने कहा कि लोगों को अब ज्यादा देर तक ढले हुए विदेशी स्वर्ण बुलियन या सिक्कों पर निर्भर नहीं रहना होगा।
प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं पर एक वेबसाइट भी शुरू की और छह प्रारंभिक निवेशकों को निवेश के प्रमाण पत्र वितरित किए।
इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली, वाणिज्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती निर्मला सीतारमण और वित्त राज्यमंत्री श्री जयंत सिन्हा उपस्थित थे।