प्रधानमंत्री ने योग को मानवता के लिए एक सामूहिक उपहार बताया
योग अहम् से वयम् और स्व से समस्त की यात्रा है: प्रधानमंत्री
योग स्वयं, अपने शरीर, परिवेश और प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाने का एक मार्ग है: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने पहले योग अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर स्मरणीय सिक्के और एक डाक टिकट जारी किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज योग का वर्णन ''अह्म से वयम; स्‍व से समस्‍ती'' (मैं से हम; स्‍वयं से ब्रह्मांड) तक की यात्रा के रूप में किया। उन्‍होंने कहा कि अगर हम मानव शरीर को अनुपम सृजन मानें तो योग एक ''उपयोगी नियम'' के समान है जिससे व्‍यक्ति इस सृजन की अपार क्षमता के बारे में जागरूक होता है।

पहले अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित सम्‍पूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य के लिए योग अंतर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री ने योग को ''मन की अवस्‍था'' बताया जो वस्‍तु होने या एक व्‍यवस्‍था में बने रहने का विरोध करती है। उन्‍होंने कहा कि योग अन्‍य देशों में भाईयों और बहनों को एक साथ लाने, हमारे दिल और मन को करीब लाने तथा एकजुटता व्‍यक्‍त करने का जरिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समर्थन केवल भारत के लिए नहीं बल्कि योग की महान परम्‍परा के लिए है। उन्‍होंने कहा कि योग अपने-आप में, आसपास के वातावरण में और प्रकृति में सद्भाव हासिल करने का एक जरिया है। उन्‍होंने कहा कि सही और अनुशासित तरीके से अगर योगाभ्‍यास किया जाए तो इससे जीवन में काफी कुछ हासिल किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्‍व अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस मना रहा है जिससे योग के बारे में और अधिक उम्‍मीद होगी और विश्‍व की भलाई के लिए भारत इन आशाओं का पूरा करने की जिम्‍मेदारी उठाने के लिए तैयार है।



प्रधानमंत्री ने योग को मानवता के लिए सामूहिक भेंट बताया। उन्‍होंने कहा कि योग का उद्गम भारत में हुआ है लेकिन विश्‍व भर में करोड़ों योगाभ्‍यास करने वालों से इसको ऊर्जा मिलती है। उन्‍होंने सबको शामिल करने की संस्‍कृति, भाईचारे और एक वैश्विक परिवार- वसुधैव कुटुम्‍बकम के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।

प्रधानमंत्री ने पहले अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के अवसर पर स्‍मारक सिक्‍के और डाक टिकट जारी किए।

इस अवसर पर आयुष राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद यसो नाइक, वित्‍त राज्‍य मंत्री श्री जयंत सिन्‍हा और योग प्रतिनिधि बाबा रामदेव, डॉ. नागेन्‍द्र और डॉ. विरेन्‍द्र हेगडे भी उपस्थित थे।  

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