प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय सूचना आयोग के 10वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित किया
आरटीआई सिर्फ़ जानने का ही नहीं बल्कि सवाल करने का भी अधिकार है। इससे लोकतंत्र में विश्वास विश्वास बढ़ेगा: प्रधानमंत्री
सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’ योजना आरटीआई की पूरक है क्योंकि सूचनाएँ ऑनलाइन होने से पारदर्शिता आती है और विश्वास बढ़ता है: प्रधानमंत्री
आरटीआई सुशासन का माध्यम बन गया है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी के लिए ‘प्रगति’ एक विशिष्ट मंच बन गया है: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज “सूचना का अधिकार’’ अधिनियम को वह साधन करार दिया, जिसके जरिए सामान्‍य से सामान्‍य व्‍यक्ति को न सिर्फ जानने का अधिकार मिला है, बल्कि सत्‍ता में मौजूद लोगों से प्रश्‍न पूछने का हक भी मिला है।

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी ) के 10वें वार्षिक सम्मेलन में अपने उद्गार व्‍यक्‍त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की ‘’डिजिटल इंडिया’’ पहल आरटीआई की पूरक है, क्‍योंकि सूचना को ऑनलाइन करने से पारदर्शिता आती है, जिससे भरोसा कायम होता है।

प्रधानमंत्री ने कोयला ब्‍लॉक्‍स, स्‍पैक्‍ट्रम और एफएम रेडियो लाइसेंस की नीलामी का उल्‍लेख करते हुए कहा कि सूचना अग्रिम रूप से जनता को दी जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने सरकार में सूचना साझा न करने के दृष्टिकोण को समाप्‍त करने का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि प्रशासनिक प्रक्रियाएं जनता पर शक करके नहीं, बल्कि जनता पर भरोसा करके चलायी जानी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आरटीआई सुशासन का साधन बन चुका है। उन्‍होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में बनाए गए प्रगति मंच का उल्‍लेख करते हुए बताया कि वह किस प्रकार परियोजनाओं की प्रगति पर नजर रखने का प्रबल मंच बन चुका है।

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