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प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने दुनिया भर के भारतीयों का आहवान किया है कि वे भारत की जनता की उम्‍मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए उम्‍मीद और आशा से परिपूर्ण माहौल को वास्‍तविकता में बदलें। सिडनी में अल्‍फोन्‍स एरीना में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले छह महीनों के अपने अनुभव के आधार पर उन्‍हें ऐसा कोई कारण नहीं दिखाई देता जिससे लाखों भारतीयों की आकांक्षाओं को पूरा न किया जा सके। उन्‍होंने एक बार फिर मां भारती को विश्‍व गुरु के रुप में देखने के स्‍वामी विवेकानंद के स्‍वप्‍न का जिक्र किया, और कहा, उनका मानना है कि यह सपना साकार होगा। उन्‍होंने एरीना में मौजूद हजारों लोगों से सवाल किया कि क्‍या आप उस स्‍वप्‍न को बांटना चाहते हैं।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि स्‍वतंत्र भारत में जन्‍म लेने वाले पहले प्रधानमंत्री के रुप में उन्‍हें अधिक जिम्‍मेदारी दिखाई देती है। '' हमें देश की आजादी के लिए लड़ने का अवसर नहीं मिला। हम भारत के लिए अपनी जान नहीं दे पाए। लेकिन हम भारत के लिए कुछ कर सकते हैं। हम भारत के लिए जिएंगे और संघर्ष करेंगे। आज 125 करोड़ भारतीयों का यह सपना है।''

28 (15)-684 प्रधानमंत्री ने कहा ''आस्‍ट्रेलिया से कुछ घंटों की यात्रा करने में किसी भारतीय प्रधानमंत्री को 28 वर्ष लगे। लेकिन अब आपको 28 वर्ष इंतजार नहीं करना पड़ेगा।'' प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र के मूल्‍यों, भारत और आस्‍ट्रेलिया के बीच क्रिकेट के प्रति प्रेम का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा कि वे भारतीय लोकतंत्र की ताकत को पहचानें। '' आइए हम सभी काम ऐसे करें जो भारत के लिए लाभदायक हो सकते हैं और इसके बाद भारत मानवता के लाभ के लिए कार्य करेगा।''

28 (22)-684 प्रधानमंत्री ने कठोर परिश्रम और कर्मभूमि को गौरवान्वित करने के लिए भारतीय आस्‍ट्रेलियाई समुदाय को बधाई और शुभकामना दी। उन्‍होंने खेल और शिक्षा के क्षेत्र में आस्‍ट्रेलिया में असाधारण योगदान देने वाले प्रमुख भारतीयों-आस्‍ट्रेलियाई लोगों का नाम लिया।

प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री जन धन योजना, मेक इन इंडिया पहल, स्‍वच्‍छ भारत और श्रमेव जयते सहित उनकी सरकार के कार्यों, नई नीतियों और योजनाओं का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने रेलवे में 100% एफडीआई की इजाजत देने के फैसले की भी जानकारी दी।

28 (17)-684 उन्‍होंने कहा कि वे विनम्र लोगों के लिए सादगी के साथ कार्य करना चाहते हैं ताकि उनके जीवन में काफी बदलाव लाया जा सके। उन्‍होंने साफ पानी, बिजली और स्‍व्‍च्‍छता तक पहुंच बढ़ाने की जरुरत बताई। उन्‍होंने भारतीयों-आस्‍ट्रेलियाई लोगों को अपनी मातृभूमि के लिए कुछ न कुछ करने के लिए आमंत्रित किया। उन्‍होंने कौशल विकास, और भारत के पूरी दुनिया की कौशल मानव श्रम जरुरत को पूरा करने के बारे में अपना विजन बताया।

28 (25)-684 प्रधानमंत्री ने कहा, ''सरकारें देश नहीं बनातीं। लोग देश बनाते हैं। उन्‍होंने अनावश्‍यक कानूनों को समाप्‍त करने और दस्‍तावेजों का स्‍व-सत्‍यापन करने संबंधी अपनी सरकार की पहल की चर्चा की।

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28 (1)-CROP-684 प्रधानमंत्री ने कहा कि ओसीआई और पीआईओ योजनाओं के बीच मतभेद जनवरी 2015 में समाप्‍त हो जाएंगे। सिडनी सांस्‍कृतिक केन्‍द्र की स्‍थापना भारत सरकार करेगी और यह फरवरी 2015 तक काम करने लगेगा।