प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारत-आसियान शिखर सम्मेलन के अलावा ने पी दौ में छः बैठकें की। उन्होंने मलेशिया के प्रधानमंत्री श्री नजीब रज्जाक, थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रयुत चान-ओ-चा, सिंगापुर के प्रधानमंत्री श्री ली सिन लूंग, ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनअल बोलकिया और कोरिया गणराज्य की प्रधानमंत्री सुश्री पार्क जियुन-हाय से मुलाकात की। उन्होंने आंग सान सू ची से भी मुलाकात की।

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प्रधानमंत्री ने इन नेताओं के साथ अपनी पहली मुलाकात से मिले अवसर का इस्तेमाल भारत की प्रगति के प्रति अपना विचार व्यक्त करने और इसके लिए उनका सहयोग प्राप्त करने के लिए किया। उन्होंने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और आसियान देशों के बीच सहयोग की संभावना के बारे में चर्चा की। उन्होंने आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी और हथियारों की आवाजाही से निपटने के लिए भारत और आसियान के सामूहिक प्रयास पर जोर दिया। उन्होंने विशेष रूप से भारत और मलेशिया के बीच सुरक्षा और खुफिया जानकारी को साझा करने के उदाहरण की चर्चा करते हुए कहा कि यह एक प्रारूप है, जिसकी शुरूआत अन्य आसियान देशों के साथ भी की जा सकती है।

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प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक आवास के क्षेत्र में मलेशिया से सहयोग की मांग की। प्रधानमंत्री ने शहरी पुनर्नवीकरण के क्षेत्र में सिंगापुर के साथ निकटतापूर्वक कार्य करने के प्रति रूचि दर्शायी। कोरिया के नेता ने विशेषकर बुनियादी क्षेत्र में भारत के साथ अपनी प्रमाणित औद्योगिक दक्षता साझा करने के प्रति रूचि दिखाई।

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प्रधानमंत्री ने सुश्री आंग सान सू ची के साथ अपनी मुलाकात के दौरान उन्हें लोकतंत्र का एक प्रतीक बताया और लोकतंत्र के लिए उनके व्यापक प्रयास और त्याग के बारे में चर्चा की। सुश्री आंग सान सू ची ने भारत को अपना दूसरा घर बताया। प्रधानमंत्री ने आंग सान सू ची को भागवद् गीता पर महात्मा गांधी की टिप्पणी पर एक प्रति भेंट की।

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