प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात सम्‍मेलन के अवसर पर गांधीनगर में भूटान के प्रधानमंत्री श्री त्‍शेरिंग तोब्‍गे से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने असम में हाल की हिंसक घटनाओं के मद्देनजर सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने सीमा क्षेत्रों में गहन सतर्कता और सही समय पर सूचना प्रदान करने के भूटान के प्रयासों की सराहना की। पनबिजली क्षेत्र में सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया गया। भारत की सहायता से चलने वाली कुल 10 पनबिजली परियोजनाओं की सम्मिलित क्षमता 2022-23 तक 6400 मेगावॉट से ज्‍यादा होगी।

ब्रिटेन के व्‍यापार एवं निवेश मंत्री लॉर्ड इयान लिविंगस्‍टोन के साथ अपनी बैठक में प्रधानमंत्री ने वाइब्रेंट गुजरात सम्‍मेलन के लिए भागीदार देश के नाते ब्रिटेन की ओर से प्रदान किये गये सहयोग की सराहना की। दोनों पक्षों ने शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की। प्रधानमंत्री ने विशेषकर दूरसंचार, रक्षा, रेलवे और अन्‍य विनिर्माण क्षेत्रों में ब्रिटेन से निवेश आमंत्रित किया। पेरिस में हाल के हमलों के मद्देनजर आतंकवाद-निरोधी सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया गया।

प्रधानमंत्री ने ऑस्‍ट्रेलिया के व्‍यापार मंत्री श्री एंड्रयू रॉब और न्‍यू साउथ वेल्‍स के प्रिमियर माइक बेयर्ड से मुलाकात की। इस दौरान मुख्‍य रूप से व्‍यापार और आतंकवाद-निरोधी सहयोग पर चर्चा हुई। व्‍यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) पर भी विचार विमर्श किया गया।

सिंगापुर के व्‍यापार और उद्योग उपमंत्री (सेकेंड मिनिस्‍टर) श्री एस. ईश्‍वरन के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने वाइब्रेंट गुजरात में सिंगापुर के भागीदार देश के रूप में भाग लेने पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे सिंगापुर के राष्‍ट्रपति श्री टोनी टेन की अगले महीने होने वाली भारत यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे हैं। दोनों पक्षों ने स्‍मार्ट सिटीज, शहरी नियोजन, जल प्रबंधन एवं कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने पोलैंड के उप प्रधानमंत्री श्री हानुस्‍ज पिकोसिंस्‍की की प्रथम भारत यात्रा के अवसर पर उनका स्‍वागत किया। दोनों पक्षों ने खनन क्षेत्र में सहयोग तथा मेक इन इंडिया विज़न के अंग के रूप में रक्षा विनिर्माण में सहयोग पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने जापान के अर्थव्‍यवस्‍था, व्‍यापार एवं उद्योग मंत्री श्री योसुक ताकागी से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने भारत में जापान का निवेश दोगुना करने के संबंध में प्रधानमंत्री श्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री श्री आबे के बीच हुए समझौते के त्‍वरित कार्यान्‍वयन पर सहमति व्‍यक्‍त की।