प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज कहा कि भारत और जापान के बीच गहरे रिश्‍ते न केवल दोनों सरकारों के प्रयासों की बदौलत है बल्कि आम लोगों ने भी इसके बीज का पोषण कर इसे एक मजबूत पेड़ में तब्‍दील कर दिया है। जापान-भारत संघ एवं जापान-भारत संसदीय मैत्री संघ द्वारा आयोजित स्‍वागत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और जापान में एक आध्‍यात्मिक साझेदारी रही है और जापान-भारत का संबंध 110 वर्ष पुराना है जो कि वास्‍तव में जापान के किसी भी अन्‍य संबंध से ज्‍यादा पुराना है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान में हिन्‍दी सीखने का उत्‍साह बढ़ता जा रहा है और योग भी लोकप्रिय हो रहा है। उन्‍होंने बताया कि उन्‍हें संघ से एक पत्र प्राप्‍त हुआ था जिसमें उनसे जापान आने पर हिन्‍दी में ही बोलने का आग्रह किया गया था।

प्रधानमंत्री ने 90 वर्ष से अधिक आयु के एक बुजुर्ग का जिक्र किया जिन्‍होंने एक समय नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ काम किया था और उन्‍हें अभी भी नेताजी के साथ जुड़ी घटनाएं याद हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्‍होंने तोक्‍यो में भारतीय राजदूत दीपा गोपालन वाधवा को इस बुजुर्ग के साथ एक महीने के लिए एक पेशेवर टीम तैनात करने को कहा है जिससे कि‍ उनके साक्षात्‍कारों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा सके।

l2014090256302  _ 684 l2014090256303  _ 684प्रधानमंत्री ने लोगों के प्रतिनिधियों के बीच संपर्क बढ़ाने की सलाह दी। उन्‍होंने एक युवा संसदीय संघ और एक महिला संसदीय संघ बनाने, भारत से राज्‍य विधान सभाओं के प्रतिनिधियों और जापान से स्‍थानीय सरकार के प्रतिनिधियों के दौरों का भी सुझाव दिया। प्रधानमंत्री ने जापान के प्रति‍निधियों से दिल्‍ली के अलावा अन्‍य शहरों का भी दौरा करने की अपील की।

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