आज नेपाल की जनता ने यह दर्शा दिया कि उनके मन में हमारे और भारत के लोगों के लिए कितना स्नेह है। काठमांडू में अनेक स्थानों पर लोगों ने इसी गर्मजोशी के साथ मेरा स्वागत किया। इससे भारत के लोगों के प्रति उनके मन में कायम स्नेह की झलक मिलती है।
मैंने यह भी महसूस किया कि नेपाल नई उम्मीद और ऊर्जा के साथ विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है।
संविधान निर्माण की प्रक्रिया भी आगे बढ़ रही है।
लोकतंत्र के लिए श्री सुशील कोइराला का संघर्ष सभी के लिए प्रेरणा है।
हमारे दरवाजे खुले हुए है, मैं 1950 की संधि की समीक्षा के लिए आपकी ओर से किसी भी सुझाव को आमंत्रित करता हूं, अगर आप ऐसा चाहते हैं।