"Banks should create one lakh Swachhta entrepreneurs within a year"
" Banks can become agents of social transformation "
"बैंकों को एक साल के भीतर एक लाख स्वच्छता उद्यमियों को तैयार करना चाहिए"
"बैंक सामाजिक परिवर्तन के लिए एक माध्यम बन सकते हैं"

प्रधानमंत्रीश्री नरेन्द्र मोदी ने आज बैंकों से आह्वान किया कि वे एक साल के भीतर एक लाख स्वच्छता उद्यमियों को तैयार करें ताकि “स्वच्छ भारत” के प्रयास को सतत रूप से आगे बढ़ाते हुए इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।

वे आईसीआईसीआई के डिजिटल विलेज को देश को समर्पित करने के अवसर पर मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह समारोह आईसीआईसीआई समूह के 60 वर्ष पूरा होने का भी द्योतक है। श्री नरेन्द्र मोदी ने आईसीआईसीआई बैंककी एमडी और सीईओ, श्रीमती चंदा कोचर को अपने संगठन के भीतर स्वच्छभारत की पहल को क्रियान्वित करने के लिए बधाई दी।प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साठ वर्षों में आईसीआईसीआई समूह का अनुभव आने वाले वर्षों में भारत के आर्थिक विकास के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा और साथ-ही-साथ उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक से आग्रह भी किया कि वे देश के विकास में अपने योगदान के लिए एक लक्ष्य, एक दिशा निर्धारित करें जिसे वे आईसीआईसीआई समूहके 75वें वर्षगाँठ तक पूरा कर सकते हैं।उन्होंने बैंक से यह भी सोचने को कहा कि वे इस बीच में यह तय करें कि 2022, जब भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ होगी, तक वे कौन-कौन से लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने आईसीआईसीआई बैंक से आग्रह किया कि वे इस तरह के ठोस लक्ष्यों के लिए एक सोशल चार्टर बनाएं। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा होता है कि एक संस्था किसी चीज में आगे जाती है और अन्य संस्थान उनसे प्रेरित होकर उस दिशा में आगे बढ़ते हैं जिससे अच्छे कार्य करने के लिए एक मार्ग तैयार हो जाता है।

प्रधानमंत्री ने आईसीआईसीआई बैंक द्वारा डिजिटल गांव के रूप में चुने गए गुजरात के साबरकांठा जिले के अकोदरागांव की चर्चा की। उन्होंने कहा कि अकोदरागांव में एक मवेशी हॉस्टल है जिसका गाँव की आय में वृद्धि एवं वहां पर सफाई में सुधार लाने के लिए काफी योगदान है।उन्होंने कहा कि भारत के अधिक से अधिक गांव जल्द ही इस मॉडल को अपनाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास देश के आर्थिक विकास के लिए एक महाशक्ति के रूप में उभर सकता है।नकद रहित आर्थिक प्रणाली बनाने के लिए आईसीआईसीआई बैंक और अकोदराके लोगों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में अधिकतम लेनदेन नकद रहित हो, इसके लिए बैंकों में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए क्योंकि काले धन की समस्या से निपटने में यह सबसे अच्छा साधन है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय लोगों में बचत करने की प्रवृत्ति है लेकिन सभी इसके लिए सोने को मूल माध्यम बना लेते हैं।यहाँ बैंकों के लिए चुनौती लोगों को यह भरोसा दिलाने की है कि जब भी लोगों को अपनी बचत की आवश्यकता होगी तो वे अपने बैंक खातों का प्रयोग कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि बैंक अगर ऐसा करने में सक्षम हो गए तो वे सामाजिक परिवर्तन के एक माध्यम के रूप में उभर सकते हैं।

इससे पहलेप्रधानमंत्री ने औपचारिक रूप से गुजरात के साबरकांठा जिले के अकोदरागांव को डिजिटल गांव के रूप में समर्पित किया।

महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री विद्यासागर राव, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फड़नवीस, वित्त मंत्री श्री अरुण जेटलीऔर आईसीआईसीआई बैंककी एमडी और सीईओ, श्रीमती चंदा कोचर आदि गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

पूरा भाषण पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें