प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज कहा कि भारत के वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने के लिए सही घड़ी आन पहुंची है। बर्लिन में सामुदायिक स्‍वागत समारोह के दौरान अपने सम्‍बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी की क्रांति ने दुनिया का ध्‍यान भारत की युवा शक्ति की ओर दिलाया है। उन्‍होंने जर्मनी के युवा व्‍यवसायियों ने भारत और जर्मनी के बीच सेतु का काम करने का अनुरोध किया, विशेषकर जबकि जर्मनी विनिर्माण के क्षेत्र में विश्‍व में अग्रणी है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को युवा प्रतिभाओं को संवारने के लिए सही माहौल की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि हैनोवर मेले जैसे आयोजन, जहां इस साल भारत भागीदार देश है, भारत के लिए अपनी क्षमताओं को प्र‍दर्शित करने और दूसरों से सीखने का अवसर हैं। उन्‍होंने कहा कि ऐसे आयोजन हमें नयी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत ‘’जीरो डिफैक्‍ट, जीरो इफैक्‍ट’’ के साथ कम लागत वाला विनिर्माण केंद्र बनने का लक्ष्‍य निर्धारित करे।

पृथ्‍वी के बढ़ते तापमान के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को पेरिस में होने वाले संयुक्‍त राष्‍ट्र जलवायु परिवर्तन सम्‍मेलन के लिए कार्यसूची तय करनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि प्रकृति का सम्‍मान भारतीय लोकाचार में अंतर्निहित है।

प्रधानमंत्री ने कृषि, विनिर्माण और सेवाओं पर समान बल देते हुए भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था में संतुलित वृद्धि का आह्वान किया।

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