प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज जापान के तोक्यो में एक स्वागत समारोह के दौरान भारतीय समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने जापान की यात्रा को सफल बताया और जापान द्वारा की गई 3.5 ट्रिलियन येन के निवेश की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने छह भारतीय कम्पनियों पर लगाई गई पाबंदी को हटाने का भी जिक्र किया और कहा कि ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि दोनों देशों के आपसी रिश्ते विश्वास के मजबूत धागे पर आधारित हैं। प्रधानमंत्री ने वाराणसी-क्योतो साझेदारी नगर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाने पर भी संतोष जताया और उम्मीद जताई कि वाराणसी भी क्योतो जैसे एक आधुनिक धरोहर नगर के रूप में उभरेगा।
प्रधानमंत्री ने जिक्र किया कि उन्होंने जापान के सम्राट अकिहितो और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे दोनों को ही बतौर भेंट भगवत गीता दी है।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती यानी 2019 तक स्वच्छ भारत के अपने विजन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने जापान में भारतीय समुदाय के हर परिवार से आग्रह किया कि वे जापान से प्रत्येक वर्ष पांच जापानी परिवारों को भारत की यात्रा करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने जापान में भारतीय समुदाय से गवर्नेंस पर हाल ही लांच की गई ‘माईगव. इन’ वेबसाइट पर सुझाव देने की भी अपील की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी निश्चित रूप से एशिया की सदी होगी लेकिन यह क्या आकार लेता है, यह इस पर निर्भर करेगा कि भारत और जापान के बीच रिश्ते किस प्रकार पनपते हैं, यह किन मूल्यों को बढ़ावा देता है और यह विश्व को किस दिशा में ले जाता है। उन्होंने जापान में भारतीय समुदाय से इस परिपेक्ष्य में इनकी अहमियत की सराहना करने का आग्रह किया।