प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज पंचायत सदस्यों से आग्रह किया वे ठोस योजनाओं और 5 वर्ष की परिकल्पना के साथ कार्य करे ताकि उनके गांव में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके।
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में अपने वक्तव्य में प्रधानमंत्री ने देशभर की पंचायतों में महिलाओं द्वारा दिए गए योगदान की सराहना की और महिला सरपंच के पतियों – ''सरपंच पति'' द्वारा बेवजह हस्तक्षेप न करने को कहा।
प्रधानमंत्री ने पंचायत सदस्यों से गांव के बारे में गौरवान्वित महसूस करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए वित्तीय प्रावधानों की नहीं बल्कि दृढ़ निश्चय की आवश्यकता है। इस बारे में उन्होंने कुछ सुझाव दिए, जैसे गांव का जन्मदिन मनाना। उन्होंने कहा कि पंचायत सदस्यों को गांव में बच्चों की शिक्षा और उनके टीकाकरण जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने पंचायत सदस्यों से अपील की कि वे सभी सरकारी अधिकारियों को सप्ताह में कम से कम एक घंटा गांव के स्कूली बच्चों के साथ बिताने के लिए प्रोत्साहित करे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने वार्षिक हस्तांतरण सूचकांक (राज्यों) पुरस्कार और ई-पंचायत पुरस्कार प्रदान किए तथा पुरस्कृत जिला परिषदों व ग्राम पंचायतों को बधाई दी।
समारोह में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री चौधरी बिरेन्दर सिंह और पंचायती राज राज्य मंत्री श्री निहाल चंद भी उपस्थित थे।