"PM Shri Modi inaugurates Merchant Navy Week 2015"
"PM recalls the rich maritime traditions of India"
"प्रधानमंत्री ने ‘मर्चेंट नेवी सप्ताह 2015’ का उद्घाटन किया"
" प्रधानमंत्री ने भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं को याद किया "

30 मार्च 2015 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में मर्चेंट नेवी सप्ताह का उद्घाटन किया। सड़क परिवहन, राजमार्ग और नौवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में नौवहन मंत्रालय, भारत सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज इस अवसर पर प्रधानमंत्री से मुलाकात की । नौवहन राज्य मंत्री श्री पी राधाकृष्णन, भारत सरकार के नौवहन मंत्रालय के सचिव श्री राजीवे कुमार और नाविकों और नौवहन उद्योग के अन्य प्रतिनिधि इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।

684-Delegation meets PM on National Maritime Day (1)

इस अवसर पर श्री नरेन्द्र मोदी ने सिंधु घाटी सभ्यता के इतिहास को याद करते हुए भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं को याद किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में पहला बंदरगाह लोथल में स्थापित किया गया था। प्रधानमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि 19 वीं सदी में समुद्री क्षेत्र के बारे में कोई सोच नहीं सकता था।

684-Delegation meets PM on National Maritime Day (2)

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अहमदाबाद नगर निगम ने वर्ष 1890 के आसपास एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें एक नहर प्रणाली के माध्यम से 100 किमी दूर समुद्र को जोड़ने के लिए एक जलमार्ग का निर्माण किया जाना था। भारत में जहाज निर्माण की ऐतिहासिक परंपरा के बारे में बात करते हुए उन्होंने देश में नौवहन और बंदरगाह उद्योग के चौतरफा, मजबूत और समेकित विकास पर जोर दिया।

1964 के बाद से, ‘मर्चेंट नेवी सप्ताह’ का समापन प्रतिवर्ष 5 अप्रैल को होता है। हर वर्ष 5 अप्रैल को भारतीय समुद्री क्षेत्र की उपलब्धियों को मनाते हुए मुंबई से लंदन तक पहले इंडियन फ्लैग मर्चेंट वेसल, ‘एस एस लॉयल्टी’ के प्रथम नौकायन के स्मरणोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस पोत से अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में भारत के आगमन की शुरुआत हुई।

राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह पूरे देश के विभिन्न शहरों के बंदरगाह में आयोजित किया जाएगा। एक पुष्पांजलि अर्पित की रस्म प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में गहरे समुद्र में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए जिन बहादुर नौसेना अधिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए नाविक स्मारक में पुष्पांजलि समारोह का आयोजन किया जाएगा। ‘मेक इन इंडिया - समुद्री क्षेत्र के लिए एक अवसर’ विषय पर एक संगोष्ठी भी मुंबई में और राज्य स्तरों पर आयोजित की जाएगी। 5 अप्रैल को मुख्य समारोह के दौरान विभिन्न नौवहन क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘वरुण पुरस्कार’, उत्कृष्टता पुरस्कार, वीरता पुरस्कार भी दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री को कई योजनाओं और इससे संबंधित मामलों पर जानकारी दी गई।

  1. भारतीय मर्चेंट नेवी कैडेट / प्रशिक्षुओं के लिए ऑन-बोर्ड नौका प्रशिक्षण हेतु वित्तीय सहायता योजना

भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय के 2000 कैडेट और इसके संबद्ध बैच, जिन्होंने वर्ष 2010, 2011 और 2012 में अपने ऑन-शोर (on-shore) कक्षा प्रशिक्षण पूरा कर लिया है लेकिन भारतीय फ्लैगशिपमें प्रशिक्षण सीट की अनुपलब्धता के कारण ऑन-बोर्ड नौका प्रशिक्षण नहीं ले पाये हैं, उन्हें इस योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत उन्हें प्रशिक्षण लागत का 30% या तीन लाख रुपये, जो भी कम हो, की अनुदान सहायता प्रदान की जाएगी। यह योजना कैडेट की सभी श्रेणियों के लिए उपलब्ध होगी। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों से संबंधित कैडेट 70% (प्रशिक्षण की शेष लागत) ऋण संबंधित सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों के वित्त और विकास निगमों के माध्यम से प्राप्त कर सकेंगे।

  1. तटीय नौवहन के लिए मॉडल शिफ्ट प्रोत्साहन योजना

यह योजना वर्तमान (12 वीं) पंचवर्षीय योजना के 1 अप्रैल, 2015 से 31 मार्च 2017 तक चलेगी जिसका उद्देश्य मौजूदा परिवहन मोड, जैसे - सड़क और रेल से तटीय परिवहन और अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन से घरेलू नौभार (कार्गो) परिवहन के मोडल शिफ्ट को प्रोत्साहित करना है। प्रोत्साहन निम्नलिखित हैं :

   I.     सात वस्तुओं, उर्वरक, खाद्यान्न, पत्थर, टाइल्स, चीनी, खाद्य नमक और अधिक आयामी कार्गो से संबंधित बल्क या ब्रेक-बल्क कार्गो की ढुलाई पर 1 रूपया प्रति टन समुद्री मील अधिकतम 1500 समुद्री मील तक प्रोत्साहन दिया जाएगा।

  II.     फुल कंटेनर लोड (एफसीएल) में कंटेनर में किसी भी वस्तु की ढुलाई के लिए 3000/- रुपये प्रति टीइयू प्रोत्साहन दिया जाएगा।

  1. आरओ-आरओ पोत के माध्यम से वाहनों की ढुलाई के लिए निम्नलिखित प्रोत्साहन दिये जाएंगे : 300/- रुपये प्रति दोपहिया वाहन;  600/- रुपये प्रति तीन पहिया वाहन; और अन्य वाहनों के लिए प्रति वाहन 3000/- रुपये।
  1. भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय ने गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों और लंबे समुद्री आवागमन और समुद्री परंपरा से समृद्ध अन्य तटीय बंदरगाह वाले शहरों में भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय खोलने का प्रस्ताव दिया है। महाराष्ट्र के रत्नागिरी में एक परिसर स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। विश्वविद्यालय का समुद्री क्षेत्र में कुशल मानव शक्ति बनाने का प्रस्ताव है क्योंकि यहाँ जबर्दस्त रोजगार क्षमता उपलब्ध है। इसमें एक उपकुल‍पति को भी नियुक्त करने का प्रस्ताव है जो भारत के पश्चिमी तट पर स्थित विश्वविद्यालय के परिसरों पर विशेष ध्यान देंगे और अगर जरुरत हुई तो इसके लिए पर्याप्त बजटीय सहयोग भी प्रदान किया जाएगा।

  1. सागरमाला परियोजना

“सागरमाला परियोजना” की शुरुआत भारत के समुद्र तट के साथ बड़े बंदरगाहों के आधुनिकीकरण और इसके तेजी से विस्तार तथा मौजूदा और भविष्य के परिवहन आस्तियों का उचित उपयोग करते हुए अंतर्देशीय और तटीय नेविगेशन के विकास के उद्देश्य से शुरू की गई है। मंत्रालय ने वर्ष 2015-16 के लिए 692 करोड़ रुपए का अनुरोध किया जिसमें से 200 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष के दौरान आवंटित किया गया है। कैबिनेट ने पहले से ही परियोजना को मंजूरी दे दी है।

  1. विशेष क्षेत्र में समुद्र, वायु, या अन्य परिवहन सेवाओं को संचालित करने के अधिकार से संबंधित छूट (cabotage restriction)

 नौवहन मंत्रालय मर्चेंट शिपिंग अधिनियम,1958 के अनुभाग 407  के तहत विशेष क्षेत्र में समुद्र, वायु, या अन्य परिवहन सेवाओं को संचालित करने के अधिकार के प्रतिबंध में निम्नलिखित विशेषताओं के साथ छूट देने पर विचार कर रहा है :

a)  आरओ-आरओ / हाइब्रिड आरओ-आरओ / आरओ-पैक्स / प्योर कार वाहक / प्योर कार और ट्रक वाहक आदि विशेष जहाजों, जिनकी भारत में कम आपूर्ति है, यात्रियों को ले जाने वाले किसी भी प्रकार के जहाजों के लिए (जैसे - नौका), प्रोजेक्ट कार्गो या अति आयामी कार्गो (ओडीसी) के लिए अधिसूचना की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए विशेष क्षेत्र में समुद्र, वायु, या अन्य परिवहन सेवाओं को संचालित करने के अधिकार के प्रतिबंध में छूट।

b)  पूर्वी तट पर स्थित भारत के सभी बंदरगाहों के लिए एक्जिम कंटेनरीकृत कार्गो और खाली डिब्बे लाने एवं ले जाने के लिए विशेष क्षेत्र में समुद्र, वायु, या अन्य परिवहन सेवाओं को संचालित करने के अधिकार के प्रतिबंध में छूट।

  1. अंतर्देशीय जल परिवहन :

अंतर्देशीय जल परिवहन की नई योजनाएं शुरू की गईं हैं जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं :

जल मार्ग विकास परियोजना : इस परियोजना की घोषणा वर्ष 2014-15 के बजट भाषण में की गई थी जिसका उद्देश्य ओपन रिवर नेविगेशन तकनीक और हार्डवेयर के साथ-साथ ड्रेजिंग, आधुनिक नदी सूचना प्रणाली, डिजिटल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम, रात्रि नौचालन सुविधा, टर्मिनल सुविधा और चैनल मार्किंग के आधुनिक तरीकों को मजबूत बनाना है। परियोजना के पूरा होने से 1500 से 2000 डीडब्ल्यूटी जहाज चलाने के लिए 3.0 मीटर का न्यूनतम उपलब्ध गहराई (एलएडी) बनेगी ताकि कम से कम हल्दिया और इलाहाबाद के बीच व्यावसायिक नौचालन हो सके। 4200 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना विश्व बैंक की वित्तीय मदद से लागू की जा रही है।

  1. नए प्रमुख बंदरगाह

सरकार ने आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के क्रमशः दुर्गाराजपतनमऔर सागर में एक नए प्रमुख बंदरगाह की स्थापना करने का निर्णय लिया है। दोनों बंदरगाहों की स्थापना से संबंधित परियोजनाएं पीपीपी मोड में विकसित की जाएंगी जिसे पहले ही मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिल गई थी।

  1. पोर्ट कनेक्टिविटी कॉर्पोरेशन

मंत्रिमंडल ने प्रमुख बंदरगाह में कुशल निकासी प्रणाली पर ध्यान देने और कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए विशेष उद्देश्य हेतु वाहन (एसपीवी) बनाने के लिए नौवहन मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। एसपीवी निम्नलिखित परियोजनाओं को शुरू करेगा :

  1. प्रमुख बंदरगाहों के लिए प्रत्येक स्तर पर कनेक्टिविटी
  2. बंदरगाहों में निकासी अवसंरचना का आधुनिकीकरण
  3. आंतरिक बंदरगाह रेलवे प्रणाली का प्रबंधन और संचालन
  4. बंदरगाह संबंधित रेलवे परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना

राष्‍ट्रीय समुद्री दिवस पर नौवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी के नेतृत्‍व में आज समुद्री क्षेत्र के एक शिष्‍टमंडल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी से मुलाकात की।

इस अवसर पर श्री गडकरी ने प्रधानमंत्री को फ्लैग लगाया।

इस दौरान बातचीत में प्रधानमंत्री ने इस तथ्‍य को रेखांकित किया कि भारत की समुद्री विरासत लगभग पांच हजार साल पुरानी है। देश में सबसे पुराने बंदरगाह के तौर पर लोथल का जिक्र आता है। उन्‍होंने समुद्री क्षेत्र के सभी पक्षों से मिलकर देश में एक विश्‍व स्‍तरीय समुद्री संग्रहालय बनाने के लिए काम करने की अपील की ताकि भारत की शानदार समुद्री विरासत से दुनिया परिचित हो सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में समुद्री जहाजों के निर्माण की जबर्दस्त क्षमता है। मेक इन इंडिया पहल के तहत इस क्षमता का उपयोग जरूरी है।

श्री नितिन गडकरी ने इस मौके पर प्रधानमंत्री को नौवहन क्षेत्र में कौशल विकास की योजनाओं की जानकारी दी।