प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज भारतीय रिजर्व बैंक से अपील की कि वह अगले 20 वर्षों के लिए वित्तीय समावेशन का ठोस लक्ष्य तय करने में अहम भूमिका निभाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक को इसके लिए वित्तीय संस्थानों को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि गरीबों का जीवनस्तर सुधारने में मदद मिल सके। श्री मोदी ने कहा ''मैं यहां गरीबों, सुविधाहीनों, वंचितों, आदिवासियों और हाशिये के लोगों का प्रतिनिधि बनकर आया हूं। मैं उन्हीं में से एक हूं। उनकी ओर से मैं यहां कुछ मांगने आया हूं और मुझे विश्वास है कि आप मुझे निराश नहीं करेंगे।'' प्रधानमंत्री ने भारतीय रिजर्व बैंक के 80 वर्ष पूरे होने के अवसर पर वित्तीय समावेशन पर आयोजित एक सम्मेलन में यह अपील की।
उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक को 2019 के मध्यावधि लक्ष्य तय करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसी तरह भारतीय रिजर्व बैंक के 2035 में सौ साल पूरा होने को नजर में रखते हुए लक्ष्य तय करने की भी अपील की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना और एलपीजी सब्सिडी के डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ने वित्तीय समावेशन में बैंकिंग सैक्टर की जबरदस्त भूमिका साबित कर दी है।प्रधानमंत्री ने वित्तीय समावेशन को एक आदत बना लेने की अपील की। उन्होंने बैंकों को महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों से प्ररेणा लेने के लिए कहा। उन्होंने बैंकों से कहा कि वे युवाओं की जरूरतों का ध्यान रखें, जिन्हें या तो ज्ञान या फिर कौशल की जरूरत है। उन्होंने इस संबंध में जल्द ही शुरू होने वाली मुद्रा (एमयूडीआरए) कोशिशों का उदाहरण दिया। उन्होंने बैंकों से वित्तीय समावेशन के रचनात्मक माध्यम पेश करने की अपील की, ताकि किसानों की आत्महत्या रोकी जा सके।
प्रधानमंत्री ने वित्तीय समावेशन के आर्थिक और सामाजिक पैमानों के साथ भौगोलिक पैमानों के बारे में भी सोचने की अपील की। उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत के पास अपार आर्थिक क्षमता है और बैंकिंग सैक्टर को इसे पहचान कर योजना बनाने की जरूरत है।
पिछले 80 वर्षों के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक की निभाई गई भूमिका की प्रशंसा करते हुए उन्होंने इसके गवर्नर श्री रघुराम राजन की तारीफ की। प्रधानमंत्री ने आर्थिक मुद्दों पर उनकी पकड़ और साफ सोच की सराहना की। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक से 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत भारत में कागज और स्याही के उत्पादन में अपनी भूमिका सुनिश्चित करने को कहा, ताकि देश में करेंसी नोट छापे जा सकें।इस अवसर पर केन्द्रीय वित्त, कॉरपोरेट मामलों और सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अरुण जेटली, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री रघुराम राजन, महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री विद्यासागर राव और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस भी मौजूद थे।