महामहिम प्रधानमंत्री टोनी एबाट, मीडिया के मेरे दोस्तों,

मैं अब तक की भव्य यात्रा के लिए प्रधानमंत्री एबाट, ऑस्ट्रेलिया की संघीय एवं राज्य सरकारों तथा ऑस्ट्रेलिया के लोगों का धन्यवाद करना चाहता हूँ।

प्रधानमंत्री एबाट एवं मैंने एक साथ पिछला सप्ताह बिताया – पूर्वी एशिया शिखर बैठक, जी-20 शिखर बैठक में तथा इस द्विपक्षीय शिखर बैठक के लिए। यह हमारे संबंधों की विस्तृत रूपरेखा को दर्शाता है जो शांतिपूर्ण एवं समृद्ध विश्व के लिए बढ़ती साझेदारी तथा मजबूत एवं विस्तृत द्विपक्षीय संबंध पर आधारित है।

यह एक स्वाभाविक साझेदारी है जो हमारे साझे मूल्यों एवं हितों तथा हमारे सामरिक समुद्री लोकेशन से उत्पन्न हुई है।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच काफी आर्थिक तालमेल है। ऐसे हर क्षेत्र में साझेदारी के लिए विशाल अवसर हैं जिनके बारे में हम सोच सकते हैं – कृषि, कृषि प्रसंस्करण, संसाधन, ऊर्जा, वित्त, अवसंरचना, शिक्षा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी।

भारत में आर्थिक जलवायु बदल गई है। मेरा यह विश्वास है कि अवसरों को ठोस परिणामों में बदलना अब काफी आसान होगा। प्रधानमंत्री एबाट और मैंने इस बारे में चर्चा की कि हमें अपने आर्थिक संबंध को सही मायने में गति प्रदान करने के लिए क्या करना चाहिए।

सीईओ मंच का पुनर्गठन एक महत्वपूर्ण कदम है। हम व्यापक आर्थिक साझेदारी करार पर वार्ता को गति देने के लिए सहमत हो गए हैं। मैंने ऑस्ट्रेलिया के बाजार में भारतीय कारोबार केलिए सरल पहुंच तथा निवेश को शीघ्रता से अनुमोदन प्रदान करने की भी मांग की।

भारत 2015 में ऑस्ट्रेलिया में एक ‘मेक इन इंडिया शो’ का आयोजन करेगा। ऑस्ट्रेलिया भी जनवरी, 2015 में भारत में व्यवसाय सप्ताह का आयोजन करेगा। हम असैन्य परमाणु करार पर जल्दी से क्लोजर प्राप्त करने पर भी सहमत हुए जो ऑस्ट्रेलिया को विश्व में सबसे अधिक सुरक्षित एवं निरापद परमाणु ऊर्जा कार्यक्रमों में से एक में भागीदारी करने का अवसर प्रदान करेगा। क्रिकेट और हाकी हमारे लोगों के बीच स्वाभाविक जोड़ हैं। मुझे पता है कि यहां योग बहुत लोकप्रिय है। हमें अपने लोगों को और जोड़ने की जरूरत है। मैं नए सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम से बहुत प्रसन्न हूँ जिस पर आज हस्ताक्षर किया गया है। भारत फरवरी, 2015 में सिडनी में एक सांस्कृतिक केंद्र स्थापित करेगा। हम 2015 में ऑस्ट्रेलिया में एक भारत महोत्सव तथा एक पर्यटन सप्ताह का आयोजन करना चाहते हैं।

सामाजिक सुरक्षा करार वास्तव में एक सकारात्मक विकास है। यह हमारे कारोबारी संबंधों को और मजबूत बनाने में मदद करेगा, विशेष रूप से सेवा क्षेत्र में।

मैं सुरक्षा सहयोग के लिए नई रूपरेखा का बहुत स्वागत करता हूँ। क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता बनाए रखने तथा आतंकवाद एवं राष्ट्रपारीय अपराधों से लड़ने के लिए नई भारत – ऑस्ट्रेलिया साझेदारी के उभरते क्षेत्र हैं।

प्रधानमंत्री एबाट के साथ ऑस्ट्रेलियाई युद्ध स्मारक की आज सवेरे की यात्रा ने हमें यह याद दिलाई कि हमें बेहतर विश्व के लिए साथ मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। निष्कर्ष के तौर पर, मैं यह कहना चाहूँगा कि लगभग तीन दशक बीत गए हैं जब भारत के पिछले प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की थी। यह तथ्य कि हमने दो माह के अंदर दौरों का आदान – प्रदान किया है, अच्छे दिन आने का संकेत है।

मुझे संसद में बोलने का जो अवसर प्राप्त हुआ उससे मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूँ तथा उम्मीद करता हूँ कि प्रधानमंत्री एबाट के साथ मेलबोर्न क्रिकेट मैदान में आज की शाम गुजारने का अवसर प्राप्त होगा।

आप सभी का एक बार पुन: धन्यवाद।

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