भारतीय विदेश सेवा के 2012 बैच के 29 प्रशिक्षु अधिकारियों ने आज 7, रेस कोर्स रोड़ जाकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। भारतीय विदेश सेवा का यह सबसे बड़ा बैच है और इसमें सर्वाधिक महिला प्रोबेशनर हैं।

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 श्री मोदी ने विश्‍व में भारत के प्रतिनिधियों के रूप में उनके चयन पर बधाई देते हुए उनसे भारत के इतिहास और दुनिया के विभिन्‍न देशों के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध से अच्‍छी तरह से परिचित होने का आह्वान किया। श्री मोदी ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि वे दुनिया भर में अपना कार्य करते हैं, इसलिए उनके कार्य में भारत की छवि और आत्‍मसम्‍मान प्रतिबिंबित होना चाहिए। साथ ही वे भारत का गौरव बढ़ाने के लिए प्रवासी भारतीयों को भी प्रेरित करें।

उन्‍होंने कहा कि व्‍यापार और वाणिज्‍य तथा प्रौद्योगिकी हस्‍तांतरण पर ध्‍यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्‍होंने निर्यात बढ़ाने के लिए बिना किसी दोष के विनिर्माण और पैकिंग तथा प्रस्‍तुति पर ध्‍यान दिये जाने की आवश्‍यकता पर जोर दिया। भारतीय हर्बल दवाइयों का हवाला देते हुए कहा कि ये विश्‍व में सर्वश्रेष्‍ठ है, लेकिन घटिया पैकिंग के कारण चीन के उत्‍पाद से पीछे हैं। इसी प्रकार भारतीय हस्‍तशिल्‍प में भारी विविधता और श्रेणियां उपलब्‍ध हैं, लेकिन उन्‍हें ठीक तरह से विश्‍व में प्रस्‍तुत नहीं किया जाता है। प्रधानमंत्री ने प्रशिक्षु अधिकारियों से विश्‍व में भारत की ता‍कत को व्‍यक्‍त करने वाला उत्‍प्रेरक एजेंट बनने का आह्वान किया, ताकि आपसी लाभ का आदान-प्रदान हो सके।

इस अवसर पर राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकारश्री अजीत दोवाल, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव श्री नृपेन्‍द्र मिश्रा और विदेश सचिव श्रीमती सुजाता सिंह भी उपस्थित थीं।