जब से मैं यहां पहुंचा हूँ, मैं फिजी की सुंदरता तथा आपके असाधारण आवभगत से मंत्रमुग्ध हो गया हूँ।
मैं फिजी को भारत के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार मानता हूँ। हमारे बीच इतिहास और संस्कृति के गहन एवं स्थाई रिश्ते हैं। प्रशांत क्षेत्र में तथा विकासशील देशों में फिजी एक प्रभावशाली आवाज है तथा बहुपक्षीय संस्थाओं में हमारा साझेदार है।
हम अनेक साझी वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। आपस में जुड़े हमारे महासागर क्षेत्रों में शांति एवं सहयोग में हमारे हित एक समान हैं।
हमारा द्विपक्षीय संबंध एवं अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी मजबूत है। परंतु हम यह भी जानते हैं कि यह संबंध कभी – कभी डांवाडोल हुआ है; और यह कि हमारा सहयोग जितना मजबूत है उससे कहीं अधिक मजबूत होना चाहिए। इसलिए, मैं इस यात्रा को एक पुराने संबंध को ताजा करने तथा भविष्य में एक मजबूत साझेदारी की नींव रखने के अवसर के रूप में देखता हूँ।
प्रधानमंत्री एवं मैंने बहुत रचनात्मक बातचीत की। मैंने उनको समावेशी फिजी राष्ट्र का निर्माण करने के लिए उनके प्रयास के लिए उन्हें बधाई दी, जो अधिकारों की गारंटी देता है तथा अपने सभी नागरिकों को अवसर एवं अस्मिता का जीवन प्रदान करता है। मैंने उनको अपनी प्राथमिकताओं में भारत को शामिल करने के लिए तथा भारत – फिजी संबंधों को बढ़ावा देने में उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया।
हम आपसी हित के अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर अधिक घनिष्टता से परामर्श करने पर सहमत हुए हैं जिसमें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, जलवायु परिवर्तन, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना एवं संयुक्त राष्ट्र सुधार शामिल हैं।
फिजी प्रशांत द्वीप समूह के साथ भारत की मजबूत भागीदारी के लिए केंद्र के रूप में काम कर सकता है।
हम अपने रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग का भी विस्तार करेंगे जिसमें रक्षा प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण में सहायता शामिल है। हम अपने व्यापार एवं निवेश का विस्तार करने के लिए अवसरों की पहचान करने तथा एक ठोस रोड मैप तैयार करने के लिए सहमत हुए हैं।
आर्थिक सहयोग के परंपरागत क्षेत्रों के अलावा हम सूचना प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष अनुप्रयोग जैसे क्षेत्रों में घनिष्ट भागीदारी की भी उम्मीद करते हैं। भारत फिजी के लिए एक प्रतिबद्ध विकास साझेदार बना रहेगा।