एनडीए के प्रधानमंत्री उम्मीदवार श्री नरेन्द्र मोदी ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला के गैर-जिम्मेदाराना बयानों का कड़ा जवाब दिया। अब्दुल्ला ने बयान दिया था कि मोदी को वोट देने वाले समुद्र में डूब जायें। श्री मोदी ने डा. फारुक अब्दुल्ला से लोगों को धर्मनिरपेक्षता पर भाषण न देने और खुद के गिरेबां में झांकने को कहा कि किस तरह उनके परिवार ने कश्मीखर में माहौल सांप्रदायिक कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ इसलिए धर्मनिरपेक्ष नहीं है कि संविधान में यह शब्दै जोड़ा गया बल्कि यह तो हजारों साल से भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है।
श्री मोदी ने कहा, “अगर हम धर्मनिरपेक्षता के बारे में बात करना चाहते हैं तो मैं यह बताना चाहता हूं कि हम सिर्फ संविधान में एक शब्द जोड़ने से धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं। हमारा भरोसा सर्व पंथ समभाव में रहा है। हमारा विश्वाेस रहा है कि ‘सत्य सिर्फ एक है, इस तक पहुंचने के रास्ते कई हैं।”
उन्होंने कहा, “भारत एक ऐसा देश है जो सबके बारे में सोचता है। हमने कभी भी तलवार से किसी अन्य संस्कृति पर हमला नहीं किया है। इस तरह की विस्तारवादी मानसिकता हमारे खून में नहीं है। हम धर्मनिरपेक्षता के बारे में ऐसे भाषण बर्दाश्त नहीं कर सकते।”
डा. अब्दुल्ला को जवाब देते हुए श्री मोदी ने कहा, “मैं डा. फारुक अब्दुैल्ला को बताना चाहता हूं कि धर्मनिरपेक्षता सिर्फ हमारे संविधान में ही नहीं बल्कि हमारी रगों में है। हम प्रकृति मां की पूजा भी करते है। हमारा मानना है कि पूरी दुनिया हमारा परिवार है और एक ऐसे समाज में अगर इस तरह के बयान (डा. फारुक अब्दुल्ला द्वारा) दिये जाते हैं तो यह बेहद दुर्भाग्य्पूर्ण हैं। क्या हमारी धर्मनिरपेक्षता ऐसी है जो सिर्फ एक बयान से ही बदल जाये? नहीं।”
कश्मीर की राजनीति के सांप्रदायिकरण के लिए अब्दुल्ला परिवार को दोषी ठहराते हुए श्री मोदी ने कहा, “हमारी हजारों साल की संस्कृति में धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को सबसे बड़ा नुकसान अगर कहीं हुआ है तो जम्मू कश्मीर में हुआ है और यह सब आपके पिता, आपने और आपके बेटे ने किया है।
आपके और आपके बेटे की राजनीति के चलते यह हुआ है। कश्मीेर एकमात्र ऐसा स्थापन है जहां से पंडितों को सिर्फ धर्म के आधार पर पलायन के लिए मजबूर किया गया। आपकी राजनीति ने सूफीवाद और सदभाव की भूमि को सांप्रदायिक बना दिया है। आपने कहा है कि मोदी को वोट देने वाले समुंद्र में डूब जायें लेकिन आपने कश्मीर को सांप्रदायिक बनाने का पाप किया है। ऐसे शब्द आपको शोभा नहीं देते। अगर किसी व्यक्ति को डूब मरना चाहिए तो कृपया आइने के सामने खड़े होकर यह सवाल पूछिये। जिन लोगों ने कश्मीरी पंडितों को बाहर निकाला वे किस आधार पर धर्मनिरपेक्षता की बात कर सकते हैं। आप इस तरह हमारी संस्कृति और मूल्यों का अपमान नहीं कर सकते।”
विकास में अपने अटूट भरोसे को दोहराते हुए श्री मोदी ने कहा, “हम सर्व पंथ समभाव की बात राजनीति से प्रेरित होकर नहीं करते बल्कि भारत माता से प्याार की वजह से करते हैं। हम इस रास्ते पर आगे बढ़ेंगे। हम डा. अब्दुल्ला जैसों के बयानों से नहीं डिगेंगे।”