"One of the biggest successes of a teacher is when the teacher is able to teach the student in a method that inspired them: Shri Modi"
"The child of Gujarat, their lives and future are of utmost importance and we need your help in shaping their lives. It is about the future: CM to teachers"
"After this training when you go among your students, they must feel inspired and can learn something new: Shri Modi"
"A teacher who is only waiting for the bell to end the day can never shape minds. But a teacher who thinks about the pupil, the pupil’s future is a true teacher: Shri Modi"
"Just like you do not see the growth of your own children in parts but in entirety, you should see your students like that as well: Shri Modi"

प्रत्येक शिक्षकमन शिक्षणमय बने: श्री मोदी

गुजरातभर में 300 तालीम केन्द्रों में आज से 2.20 लाख प्राथमिक शिक्षकों के तालीम कार्य शिविर का शुभारम्भ

बायसेग उपग्रह प्रशिक्षण प्रोजेक्ट के तहत विशेषज्ञों द्वारा कक्षा 1 से 8 के शिक्षकों को निरंतर प्रशिक्षण दिया जाएगा

गुजरात सरकार ने प्राथमिक शिक्षा में उत्तम भौतिक सुविधा और संसाधन दिए हैं तो शालाओं का माहौल उत्तम क्यों ना हो !

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सेटेलाइट कम्युनिकेशन के माध्यम से राज्य के 2.20 लाख जितने प्राथमिक शिक्षकों के आज से गुजरातभर में प्रारम्भ तालीम कार्यशिविर में प्रेरणादायक आह्वान करते हुए कि प्रत्येक शिक्षकमन शिक्षणमय बने।

सर्वशिक्षा अभियान और शिक्षा विभाग के तत्वावधान में आज से गुजरात के 2.20 लाख जितने प्राथमिक शिक्षकों की तालीम का कार्यक्रम 300 तालीम केन्द्रों में पांच दिन के लिए प्रारम्भ हुआ। मुख्यमंत्री ने उत्तम शिक्षक और उत्तम शाला का गौरव हासिल करने के लिए प्रेरक मार्गदर्शन के लिए आज सचिवालय के स्वर्णिम संकुल से बायसेग के सेटेलाइट सम्पर्क माध्यम से शिक्षक समुदाय को दिया।

श्री मोदी ने इस मौके पर विश्वास जताया कि नये शैक्षणिक वर्ष के प्रारम्भ से पूर्व बायसेग उपग्रह शिक्षक प्रशिक्षन का यह अभ्यास शिविर शिक्षकों के लिए नये वर्ष में नये विचारों, नयी उमंग और नयी ऊर्जा के साथ बालकों के निर्माताओं का दायित्व निभाने का चालकबल बनेगा।

एक घंटे तक शिक्षकों के साथ संवाद करके शिक्षकों के लिए भी निरंतर नये शैक्षणिक आयामों, नये विचारों और जिज्ञासा की प्रेरणा देने वाली तालीम का महत्व समझाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मात्र शरीर की मौजूदगी नहीं बल्कि मन की मौजूदगी अनिवार्य है। तालीम शिक्षकों के लिए बोझ नहीं बल्कि नयी चेतना का आविष्कार करने का अवसर है।

गुजरात के प्रत्येक बालक के भविष्य को मूल्यवान समझकर शिक्षक अपना दायित्व निभाए तो प्रत्येक सरकारी प्राथमिक शाला ए ग्रेड की बन जाएगी और गांव की शाला के शिक्षक का सम्मान और आत्मगौरव बरकरार रहेगा।

विद्या के मन्दिर में बालक की प्राणप्रतिष्ठा करने में शिक्षक को भी जीवन की सार्थकता का आनंद मिलेगा। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि शिक्षक के लिए बालमन के निर्माण, पढ़ाई-लिखाई के नितनये आयाम रोजमर्रा की शैक्षणिक गतिविधियों में से निकलने चाहिए। पीटीसी, बीएड, एमएड की डिग्री सर्टिफिकेट से नहीं बल्कि मनसा, वाचा और कर्मणा से शिक्षक को अपना धर्म संवारना पड़ता है। मात्र शाला या क्लासरूम ही नहीं बल्कि प्रत्येक विद्यार्थी के अभिभावक के साथ उनका सम्पर्क रहना चाहिए।

यह वातावरण तैयार होगा तो प्रत्येक विद्यार्थी भविष्य में शिक्षक के प्रति आदर को कभी भुला नहीं सकेगा। मुख्यमंत्री ने निरंतर तालीम के महत्व को कभी कम नहीं आंकने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक चाहे तो अपनी शाला और बालकों के मन में अनेक प्रकार की जिज्ञासा और नयी प्रवृत्तियों से संस्कारों का बीजारोपण कर सकता है।

गुणोत्सव के तीन अभियानों के परिणामों का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अपनी प्राथमिक शाला की गुणवत्ता क्यों उत्तम ना बने इसकी चिंता हर शिक्षक को होनी चाहिए।

आज के युग सामाजिक जीवन अकेलेपन की ओर लुढ़क रहा है और सामुदायिक भावना लुप्त हो रही है। इस पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि शाला के शिक्षक को प्रयास करने चाहिए कि कोईबालक अकेलेपन का शिकार ना बने। इसके लिए हर माह कक्षा स्तर पर विद्यार्थियों और अभिभावकों का सामूहिक उत्सव मनाया जाना चाहिए।

इस अवसर पर शिक्षा सचिव संगीता सिंह, मुख्यमंत्री के अग्र सचिव एके. शर्मा और सर्वशिक्षा अभियान के स्टेट डायरेक्टर मुकेश कुमार भी मौजूद थे।

श्री मोदी ने कहा कि मुझे आनेवाला कल ओजस्वी और तेजस्वी बनाना है। इसमें शिक्षक की भूमिका सबसेविशेष है इसलिए शिक्षक समुदाय के साथ मैं सीधा संवाद सेतु बान्धने को तत्पर हूं। सोशियल मीडिया के माध्यम से, मोबाइल द्वारा भी प्रत्येक शिक्षक को मेरे साथ नये विचारों, नये आयामों से जुड़ने का मैं आमंत्रण देता हूं।