मुख्यमंत्री श्री मोदी दिल्ली में वित्तीय क्षेत्रों के प्रोफेशनल्स का सम्मेलन
देशभर के चार्टर्ड अकाउंटन्ट कम्पनी स्क्रेटरी और वित्त संस्थानों के विशेषज्ञों को मोदी ने किया सम्बोधित
संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग को रोकने की जरूरत है, उनकी गरीमा प्रस्थापित होनी चाहिए : श्री मोदी
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नयी दिल्ली में भारतभर के वित्तीय क्षेत्रों के प्रॉफेशनल्स के सम्मेलन का शुभारम्भ करते हुए कहा कि भारत के संविधान में जिनको संवैधानिक एजेंसियों का दर्जा दिया गया है, उनका युपीए सरकार के राजनैतिक इरादे पूरे करने में उपयोग किया जा रहा है। इस पर आक्रोश जताते हुए उन्होंने सीएजी जैसी संवैधानिक एजेंसी के बारे में युपीए सरकार के व्यवहार की आलोचना की।
भारतीय वित्त सलाहकार समिति के तत्वावधान में दिल्ली में देश के चार्टर्ड अकाउंटंट्स, कम्पनी सेक्रेटरीज और कोस्ट अकाउंटंट्स के इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री को ‘भारत के आर्थिक भविष्य की दिशा’ विषय पर प्रेरक मार्गदर्शन के लिए खास तौर पर आमंत्रित किया गया था।
भारत के 65 प्रतिशत युवाओं में रोजगार के लिए शहरों की ओर दौड़ और शहरीकरण को संकट नहीं बल्कि अवसर के रूप में स्वीकार करने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हमारा लक्ष्य गांव आर्थिक प्रवृत्तियों के लिए सशक्त बने, यह होना चाहिए।’उन्होंने कहा कि गुजरात में थी फेज बिजली उपलब्ध होने से हीरा उद्योग में रोजगार के लिए गांवों से बड़े पैमाने पर स्थानांतरण होता था, जो रुक गया है। इतना ही नहीं, गांव में ही हीरे की मशीन के साथ खेती करके साथ लोग आगे बढ़ते हैं। एकमात्र बिजली की मूलभूत सुविधा मिल जाने से ही गांवों में सामाजिक-आर्थिक बदलाव आया है।
श्री मोदी ने कहा कि हमारे देश के आयोजन में एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर (कृषि क्षेत्र में ढांचागत सुविधा) पर ध्यान ही नहीं दिया गया। आज का युग कृषि उत्पादों में मूल्यवृद्धि का है। ग्रामीण युवा कृषकों के लिए नये अवसर खेतीबाड़ी में ही मिलने चाहिए।
न्यायतंत्र में न्याय में विलम्ब और अदालती मामलों के भार का निराकरण करने के लिए गुजरात का उदाहरण देते हुए श्री मोदी ने कहा कि लोक अदालतों और ईवनिंग कोर्ट से लाखों गरीबों को तीव्र न्याय मिल रहा है।
भारत जैसे सबसे युवा देश में बेरोजगारी निवारण के लिए स्कील डवलपमेंट पर ध्यान केन्द्रित होना ही चाहिए। देश के प्रधानमंत्री ने स्कील-कौशल्य के 500 कोर्स करवाने की घोषणा की थी मगर हुआ कुछ नहीं। देश ही नहीं, पूरी दुनिया में शिक्षकों की जरूरत है मगर देश में शिक्षकों के निर्माण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। हम मानवबल सशक्तिकरण के बारे में उदासीन हैं। गुजरात में हुनरवान कुशल युवाओं के लिए 500 कौशल्यवर्ध केन्द्रों का नेटवर्क खड़ा कर दिया गया है और स्कील डवलपमेंट की तालीम लेने वालों के लिए रोजगार के विशाल क्षेत्र खुल गए हैं।
देश के सार्वजनिक क्षेत्रों की कम्पनियां बीमार होने के बाद खड़ी नहीं हो पाती हैं मगर गुजरात के पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग कॉर्पोरेशन घाटे से लाभ वाले बन गए हैं।
श्री मोदी ने इस सम्मेलन में प्रॉफेशनल्स के व्यापक दायरे के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि संविधान में फेडरल स्ट्रक्चर की महिमा है मगर युपीए सरकार ने राजनैतिक विरोधी सरकारों वाले राज्यों को परेशान करने और विकास को अवरुद्ध करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। राज्य मजबूत होंगे तो ही केन्द्र मजबूत बनेगा और देश के विकास की गति तेज होगी। केन्द्र और राज्यों के संबंधों पर फेडरल स्ट्रक्चर को मजबूत रखने की आवश्यकता पर उन्होंने बल दिया।
गुड्स एंड सर्विस टेक्स GST के अमल के लिए समग्र देश में इंफॉरमेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी का सक्षम नेटवर्क होना चाहिए। हम GST के विरोधी नहीं हैं मगर उसमें भी राज्यों को विश्वास में लिया जाना चाहिए जो फेडरल इस्ट्रक्चर का सिद्धांत है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में भ्रष्टाचार के मामले में बहुत आक्रोश है परंतु भ्रष्टाचार नहीं हो, इसके उपायों पर शायद ही कोई चर्चा करता हो। इसी प्रकार विदेशों से काला धन वापस लाया जाना चाहिए, मगर काला धन विदेशों में जाए ही नहीं ऐसी स्थिति के लिए प्रतिबद्ध माहौल की जरूरत है।
भ्रष्टाचार रोकने के लिए POLICY DRIVEN गवर्नेंस और टेक्नोलॉजी का ई-गवर्नेंस कारगर साबित होता है। भ्रष्टाचार को राज्याश्रय हो ही नहीं सकत।
मुख्यमंत्री ने गुजरात द्वारा ऑनलाइन गवर्नेंस से पारदर्शिता के स्तर पर सेवाओं में सुधार, भर्ती और नियुक्तियां की हैं, उसके उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार राजनैतिक इच्छाशक्ति से रोका जा सकता है।