महात्मा मंदिर में अत्याधुनिक कृषि प्रदर्शनी
मुख्यमंत्री ने किया एग्रीटेक एशिया-२०१३ का शुभारंभ
देश-दुनिया की २५० कंपनियों के स्टॉल्स १५ हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में ३ विशेष प्रदर्शनी हॉल कृषि क्षेत्र के अलग-अलग २५ सेक्टरः कृषि की वैज्ञानिक पद्धतियों का निदर्शन
पशुपालन एवं डेयरी फार्म उद्योग संबंधित विशेष विभाग बीज से लेकर बाजार तक की देश-विदेश की तकनीक की जानकारी उपलब्ध
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज महात्मा मंदिर परिसर में आयोजित वैश्विक कृषि सम्मेलन, वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल एग्रीकल्चर समिट-२०१३ के अंतर्गत अति आधुनिक कृषि प्रदर्शनी- एग्री टेक एशिया एक्जीबिशन का उद्घाटन किया।
आज शाम महात्मा मंदिर परिसर में देश के विविध राज्यों के किसान प्रतिनिधिमंडलों और बड़ी तादाद में मौजूद किसानों की उपस्थिति में प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात ने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में संशोधित कृषि क्षेत्र के नये प्रयोगों को उजागर करने का प्रयास किया है, जो ऐतिहासिक साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दुस्तान में पहली बार कृषि क्षेत्र से संबंधित ऐसे सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। दुनिया के १४ देश एवं देश के २३ राज्य इसमें भागीदार बने हैं। इस एग्रीटेक को भारत का सबसे बड़ा कृषि मेला करार देते हुए कहा कि इजरायल ने कृषि क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान खड़ी की है और वहां हर तीन-चार वर्ष में ऐसे सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। हमारा यह पहला प्रयास है, जो आधुनिक तकनीक के उपयोग की दृष्टि से किसानों के लिए मार्गदर्शक बनेगा। भारत के ग्रामीण जीवन में लाभ पहुंचाने के लिए गुजरात सरकार द्वारा किया गया प्रयास महत्वपूर्ण साबित होगा।
कृषि के परंपरागत क्षेत्रों की उत्पादकता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए डूइंग बाय सीइंग के सिद्धांत के अनुसार राज्य के किसानों को घऱ बैठे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कृषि क्षेत्र में हुए शोध, तकनीक, नई कृषि मशीनरी का मार्गदर्शन और बीज से लेकर बाजार तक की देश-दुनिया की तकनीक की जानकारी एक ही स्थल पर मिल सके, इस उद्देश्य के साथ एग्रीटेक समिट का आयोजन किया गया है। महात्मा मंदिर, गांधीनगर में आयोजित एग्रीसमिट सह प्रदर्शनी ९ सितंबर दोपहर दो बजे से छह बजे तक दिनांक १०, ११ तथा १२ को सुबह दस बजे से शाम छह बजे तक आम जनता के अवलोकनार्थ खुली रहेगी। कृषि क्षेत्र में देश भर में अग्रसर गुजरात की कृषि को वैश्विक मानचित्र पर रखकर कृषिकारों को ऐसी प्रदर्शनी के माध्यम से खेती से पहले और उसके बाद की सभी जानकारियां एक साथ, एक ही स्थल पर मिल सके इस मकसद के साथ प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।
प्रदर्शनी में भारत एवं विदेशों की करीबन २५० कंपनियों ने भाग लिया है। १५ हजार वर्गमीटर क्षेत्र में फैले तीन विशेष प्रदर्शनी हॉल में आयोजित इस प्रदर्शनी को देखने के लिए करीब दो लाख लोगों के पहुंचने की संभावना है, इसे देखते हुए यह एशिया की अग्रणी प्रदर्शनी साबित होगी।
एग्रीटेक एशिया-२०१३ में कृषि की वैज्ञानिक पद्धतियों के निदर्शन के साथ कृषि क्षेत्र के अलग-अलग २५ सेक्टरों का समावेश किया गया है। खेती से पूर्व सिंचाई एवं प्रौद्योगिकी, ग्रीन हाउस प्लास्टिकल्चर, कृषि उद्योग, डेयरी तकनीक, लाइव स्टॉक फेब्रीकेशन, पशुपालन, उर्वरक, सरकारी एसोसिएशन, बीज कंपनी कॉयर प्रोडक्ट, एग्रो केमिकल्स, ट्रैक्टर एवं उसके कलपुर्जों के उत्पादक, फुड टेक्नोलॉजी, टायर, पैकेजिंग, पम्प्स, परंपरागत ऊर्जा वायर टेक्नोलॉजी, कृषि इस्तेमाल की वस्तुओं सहित कृषि मैगजीन-अखबार और वेब पोर्टल क्षेत्र की अग्रणी कंपनियों ने इसमें भाग लिया है।
एग्रीटेक एशिया-२०१३ में पशुपालन एवं डेयरी फार्म उद्योग से संबंधित जानकारियों से किसानों को अवगत कराने के उद्देश्य से विशेष विभाग खड़ा किया गया है। अत्याधुनिक कृषि ज्ञान के माध्यम से किसान ज्यादा आय अर्जित कर सकें, रोजगारी के नये साधन खड़े करने की जानकारी के अलावा कम भू-भाग में ज्यादा फसल लेने, फसल तैयार होने के बाद उसकी बर्बादी को कैसे कम किया जाए इसकी तमाम जानकारी आधुनिक तकनीक के साथ यहां किसानों के लिए सुलभ कराई गई है।
प्रदर्शनी के आयोजन में गुजरात कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन, नेशनल सीड एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इरिगेशन एसोसिएशन ऑफ इंडिया, गुजरात एग्रीकल्चरल मशीनरी मैन्युफैकचर्स एसोसिएशन, नेशनल एसोसिएशन ऑफ वेलफेयर ऑफ एनीमल एंड रिसर्च का भी सहयोग प्राप्त हुआ है।