सुरक्षित शहर सूरत
पुलिस आयुक्त द्वारा CCTV तकनीक से संचालित सुरक्षा प्रोजेक्ट का मुख्यमंत्री ने किया शुभारम्भ
सूरत के नागरिकों और सरकार ने साथ मिलकर प्रोजेक्ट किया शुरु
यह विश्वसनीय विजिलेंस टेक्नोलॉजी क्राइम डिटेक्शन के लिए देश की दिशादर्शक बनेगी:मुख्यमंत्री
पीपीपी फार्मूले से एक कदम आगे पिपल्स पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप का उत्तम उदाहरण
मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुरक्षित शहर सूरत के सीसीटीवी टेक्नोलॉजी से संचालित सूरत शहर पुलिस आयुक्त के सामाजिक जीवन की सुरक्षा के अभिनव प्रोजेक्ट का आज लोकार्पण किया। इस मौके पर श्री मोदी ने विश्वास जताया कि सूरत की जनभागीदारी द्वारा नागरिक सुरक्षा के लिए विश्वसनीय सतर्कता और सुरक्षा के लिए की गई यह पहल देश के लिए दिशादर्शक बनेगी। उन्होंने कहा कि गुजरात के अन्य शहरों में और न्यायतंत्र के लिए भी यह तकनीक सर्वेलंस प्रोजेक्ट नई शक्ति देगा।सुरक्षित शहर सूरत का यह प्रोजेक्ट समग्र शहर की 200 किलोमीटर से ज्यादा परीधि को CCTV कैमरे के विजिलेंस नेटवर्क से शामिल करता है जिसमें 26 व्युहात्मक केन्द्र सुनिश्चित कर 104 सीसीटीवी कमरे पुलिस की तीसरी आंख बनेंगे। मुख्यमंत्री ने पुलिस कमिश्नर कार्यालय में कार्यरत इस प्रोजेक्ट के कमांड एन्ड कंट्रोल सेंटर में जाकर सीसीटीवी नेटवर्क के विजिलेंस के विभिन्न पहलुओं की जानकारी ली।
समग्र भारत में सर्वप्रथम बार इस तकनीक से आधारित सामाजिक जीवन की सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग को आधुनिक उपकरणों की सुविधा से लैस करता यह सुरक्षित शहर सूरत प्रोजेक्ट पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप स्तर पर जनभागीदारी के प्रेरणात्मक सहयोग से पूर्ण हुआ है। इसमें 10.50 करोड़ का खर्च आया है। अपराध नियंत्रण और ट्राफिक नियमन सम्बन्धी पुलिस के कामकाज को सतर्क बनाने वाले इस प्रोजेक्ट की विशेषता के लिए मुख्यमंत्री ने शुभकामनाएं दी हैं।श्री मोदी ने कहा कि सरकार और सूरत के नागरिकों ने साथ मिलकर जनभागीदारी का यह नवीनतम प्रोजेक्ट शुरु किया है। मानवीय शक्ति की क्षमता और टेक्नोलॉजी का सुमेल अपराध नियंत्रण और ट्राफिक नियमन में परीणामलक्ष्यी बने, इसका यह उत्तम उदाहरण है। सूरत ने जनभागीदारी के नये परीमाण के रूप में तीन P के बजाए चार P (पीपल्स, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) का फार्मुला अपनाने पर श्री मोदी ने सभी को बधाई दी।
अपराधों के जांच और अपराधियों को पकड़ने में टेक्नोलॉजी कितनी कामयाब बन सकती है इसके लिए पुलिस विभाग की सतर्कता की भूमिका प्रस्तुत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि टेक्नोलॉजी का सदुपयोग अपराध नियंत्रण में प्राथमिक आवश्यकता है। जबकि आपराधिक मानसिकता वाले तत्व टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग कर सकते हैं। ऐसे में पुलिस की जन सामान्य के लिए सुरक्षा की जिम्मेदारी चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण बनी है।
गुजरात में 24 घंटे बिजली आपूर्ति और ऑप्टीकल फाइबर नेटवर्क सुआयोजित होने के कारण सिक्योरिटी विजिलेंस नेटवर्क की यह पहल सूरत ने की है। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि गुजरात पुलिस बेड़ा सबसे युवा और औसत कम आयु वाला बन चुका है। पुलिस भर्ती में कांस्टेबल से लेकर पुलिस इंस्पेक्टर की भर्ती के लिए उम्मीदवारों की योग्यताओं में बहुउद्देशीय कम्प्युटर आईटी प्रशिक्षण प्राप्त टेक्नोसेवी युवा मिलें ऐसा अभिगम अपनाकर गुजरात सरकार ने अपराधवृत्ति के आंकड़े को नियंत्रण में लाने और क्राइम डिटेक्शन में इस टेक्नोलॉजी द्वारा संचालित विजिलंस सर्वेलंस प्रोजेक्ट काफी असरदार साबित होगा, श्री मोदी ने यह अपेक्षा जताई।इसी व्यवस्था के अन्य लाभ म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन भी ले सकते हैं, यह प्रेरक सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायतंत्र और अपराध संशोधन के साथ जुड़े लोगों के लिए भी यह प्रोजेक्ट उपकारक साबित होगा।
इस मौके पर गृह राज्य मंत्री रजनीभाई पटेल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। प्रारम्भ में शहर पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने सभी का स्वागत करते हुए इस प्रोजेक्ट का प्रेरणास्त्रोत मुख्यमंत्री को करार दिया। अंत में सूरत शहर ट्राफिक एज्युकेशन ट्रस्ट के चेयरमेन लालजीभाई पटेल ने आभारविधि की।
कार्यक्रम में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रमणलाल वोरा, वन एवं पर्यावरण मंत्री गणपत भाई वसावा, जलापूर्ति राज्य मंत्री नानुभाई वानाणी, सांसद सीआर. पाटिल, श्रीमती दर्शनाबेन जरदोश, भरत भाई परमार, मेयर राजेन्द्र भाई देसाई, विधायक किशोर भाई वांकावाला, किशोर भाई कानाणी, प्रफुल भाई पानसरिया, हर्ष संघवी, श्रीमती संगीताबेन पाटिल, रणजीत भाई गिलिटवाला, अजयभाई चौकसी, जनक भाई काछडिया, मुकेश पटेल, राजा भाई पटेल, राज्य के डीजीपी. चितरंजन सिंह, मनपा आयुक्त एमके. दास, कलेक्टर जयप्रकाश शिवहरे और भारी संख्या में उद्योगपति, दातागण और नागरिक मौजूद थे।