जूनागढ़ : कन्या केलवणी- शाला प्रवेशोत्सव का समापन
गुजरात का आनेवाला कल शिक्षित – सशक्त बनाने का संकल्प
प्राथमिक शाला में बालक, शिक्षक की उपस्थिति के लिए बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस सिस्टम
20 जून से तीन दिनों के लिए शहरी क्षेत्र की मनपा प्राथमिक शालाओं में होगा शिक्षा का यज्ञ मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे तीन दिवसीय प्राथमिक शिक्षा के यज्ञ का समापन करते हुए आज कहा कि समाजशक्ति को जोड़कर गुजरात का आनेवाला कल शिक्षित और सशक्त बनाने का इस राज्य सरकार का संकल्प पूरा करके ही थमेंगे।
गरवा गढ़ गिरनार की गोद में राज्य के ग्रामीण क्षेत्र जूनागढ़ जिले की मेन्दरडा तहसील के तीन गांवों की प्राथमिक शालाओं में जाकर मुख्यमंत्री ने 11 वें कन्या केलवणी शाला प्रवेशोत्सव अभियान के तीसरे और समापन दिवस पर प्राथमिक शिक्षा में गुजरात के एक भी बेटे- बेटी पर निरक्षरता का कलंक ना रहे इसके लिए अभिभावकों और समाज की उदासीनता दूर करने का आह्वान किया।
गिरनार के जंगलों में चिरोडा, समढियाल और राजेसर गांवों में आज श्री मोदी जब पहुंचे तो उनका जनता ने बहुत ही उत्साह, उमंग से स्वागत किया और इस मौके पर माता- बहनें उमड़ पड़ी। शाला में बाल नामांकन विधि के साथ आंगनवाडी के बालकों का प्रवेश करवाते हुए मुख्यमंत्री ने शैक्षणिक साधनों, खिलौनों, पुस्तकों और मिठाईयों के साथ ही पोषक आहार का वितरण किया। तेजस्वी बालक, बालिकाओं को उन्होंने पुरस्कार भी प्रदान किए। शालाओं के पुराने विद्यार्थियों, प्रतिष्ठित ग्रामवासियों को श्री मोदी ने सम्मानित किया।
आजादी के 60 बरसों से पूर्व की सरकारों ने अरबों रुपए प्राथमिक शिक्षा पर खर्च कर दिए मगर इसके बावजूद गांवों में माता- बहनें भारी तादाद में निरक्षर रह गई हैं। गुजरात में भी भूतकाल की सरकारों ने प्राथमिक शिक्षा की दुर्दशा कर दी थी जो पीडादायक है। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि दस साल से हमारी पूरी सरकार ने तपती गर्मी में प्राथमिक शिक्षा का अभियान चलाकर गांवों में मेहनत की है, इसलिए इसके सकारात्मक परिणाम आए हैं। गुजरात में शाला जाने की उम्र का कोई बेटा या बेटी अब शाला प्रवेश से वंचित नहीं रहा है। मतलब साफ है कि सौ प्रतिशत शाला प्रवेशोत्सव का संकल्प साकार हुआ है। बालक की शिक्षा के लिए समाज, अभिभावक और मातृशक्ति की उदासीनता दूर करने की प्रेरण देते हुएश्री मोदी ने कहा कि हमारी संतानें शाला के या सरकार के भरोसे क्यों रहे? क्यों हम बेटे और बेटी के बीच भेद रखकर शिक्षा में भेदभाव करें?
भूतकाल में भूलें भले ही हुई हों, हम आरोप लगाने वाले नहीं हैं मगर गांव का कोई भी बेटा, बेटी प्राथमिक शिक्षा से वंचित ना रहे इसका सफल प्रयास इस सरकार ने किया है।अज्ञान, अन्धविश्वास, गरीबी और बीमारी के खिलाफ लड़ना हो तो शिक्षा ही हथियार है। मंदिर की तरह शाला की महिमा करें। निरक्षरता की विरासत कोई गरीब परिवार अपनी संतानों को ना दे। गांव, गांव यह संकल्प करे तो गरीबी, बीमारी और अज्ञानता का अंत गुजरात कर सकेगा।
आज के अभियान के समापन पर के अवसर पर जूनागढ़ जिले में करीब 101 करोड़ के ग्राम विकास के कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन श्री मोदी ने किया। अब गुजरात के ग्रामीण इलाकों की सरकारी प्राथमिक शालाओं में बालक और शिक्षक की उपस्थिति तय करने के लिए बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस सिस्टम लागु किया गया है। इसकी रूपरेखा में श्री मोदी ने कहा कि प्राथमिक शालाओं में पढ़ने वाले बालकों का टेक्नॉलॉजी से ट्रेकिंग होगा। प्राथमिक शालाओं की गुणवता सुधारने के लिए गुणोत्सव अभियान चलाया गया है। गांव की शाला ए ग्रेड की उत्तम शाला बने इसके लिए समाज और शिक्षक परिवार दोनों सक्रिय बने यह प्रेरणा उन्होंने दी।
इस अवसर पर सांसद विठ्ठल भाई रादडिया, विधायक महेन्द्र मशरु, अरविन्द भाई लाडाणी, जेठाभाई सोलंकी, जिला पंचायत प्रमुख दीवीबेन बारैया, उप प्रमुख हिरेन सोलंकी, भावनाबेन चिखलिया, रति भाई सुरेजा, कनुभाई भालाळा, एलटी. राजाणी, महिला सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष श्रिमती ज्योतिबेन वाछाणी, माघाभाई बोरीचा, प्रदीप भाई खीमाणी, भगवानजी भाई करगठिया, गांव के सरपंच, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, अभिभावक और बालक मौजूद थे।