24-25-26 नवंबर को आयोजित होगा तीसरा गुणोत्सव
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मंत्री, सचिव, प्रशासनिक अधिकारी और पदाधिकारी शुरू करेंगे
प्राथमिक शिक्षा को गुणवत्तायुक्त बनाने का अभियान
गांधीनगर, गुरुवार: मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार के सभी मंत्री, सचिव और प्रशासनिक अधिकारियों सहित करीब 3000 पदाधिकारियों की टीम आगामी 24 से 26 नवंबर के दौरान राज्य की प्राथमिक स्कूलों में गुणोत्सव अभियान शुरू करेंगे।राज्य की 32,742 सरकारी प्राथमिक स्कूलों की गुणवत्ता को उच्च स्तर पर ले जाने के संकल्प के साथ आयोजित होने वाले राज्य के तीसरे गुणोत्सव की प्रेरक भूमिका के साथ गुरुवार को मुख्यमंत्री ने गांधीनगर में मार्गदर्शन दिया। जिसका सीधा प्रसारण सभी जिला अधिकारियों के समक्ष किया गया। श्री मोदी ने कहा कि, प्राथमिक शिक्षा में गुणात्मक बदलाव लाने को लेकर गुणोत्सव अभियान समग्र देश में अध्ययन का विषय बन गया है। उन्होंने कहा कि, अब गुजरात की प्राथमिक स्कूल एक आदर्श मॉडल बने इसके लिए सुआयोजित मापदंड उपलब्ध है और गुणोत्सव वह अवसर प्रदान करता है जिससे कि दो लाख शिक्षक आने वाले कल के करीब 60 लाख प्राथमिक स्कूल के विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण का आज उत्तम पुरुषार्थ करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, इस सरकार के लिए शिक्षा क्षेत्र में विकास का मापदंड महज भौतिक संसाधन और सुविधाओं की उपलब्धता ही नहीं है, अपितु यह देखना भी हमारा दायित्व है कि प्राथमिक शिक्षा में जनसमाज की शक्ति और जागृति को जोडक़र गुजरात की आज की बालपीढ़ी आने वाले कल की प्रतिस्पद्र्घा में पीछे न रह जाए। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में गुजरात ने शाला प्रवेशोत्सव और कन्या केळवणी यात्रा अभियान के जरिए 100 फीसदी स्कूल नामांकन की यशस्वी सफलता अर्जित की है। प्राथमिक स्कूलों में अध्ययनरत 80 फीसदी विद्यार्थी राज्य की सरकारी प्राथमिक स्कूलों में पढ़ते हैं। हमें इन 80 फीसदी बालपीढ़ी के विद्यार्थियों का भविष्य निर्माण करना है साथ ही गुणोत्सव के जरिए स्कूल, शिक्षक और बालक का सर्वग्राही मूल्यांकन कर उनकी कमियों और भूलों को सुधारने तथा अवरोधक परिबलों को दूर करने का सकारात्मक वातावरण निर्मित करना है। उन्होंने कहा कि, शिक्षक के भीतर स्वयं की शैक्षणिक तैयारियों की जवाबदारी का प्रादुर्भाव हो, समाज-अभिभावक सभी के लिए गांव की स्कूल सरकारी मिल्कियत नहीं बल्कि गांव की संपत्ति का गहना बने, समाज का गतिशील चेतना केन्द्र बने, इस दिशा में गुणोत्सव के जरिए मूल्यांकन किया जाएगा।
गुणोत्सव के अनेक पहलुओं और फायदे का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, गुणोत्सव के मूल्यांकन से उत्तम और अच्छे शिक्षक के प्रयासों को ध्यान में लिया जाता है और जिन्होंने प्राथमिक शिक्षा में मौलिक सफल प्रयोगों को अंजाम दिया है, उन्हें भी प्रोत्साहन मिले इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्घ है। उन्होंने स्पष्ट संकेत दिया कि, शिक्षा और स्कूल को लेकर उदासीन शिक्षकों के लिए और प्राथमिक स्कूल के परीक्षण-जांच के लिए जवाबदार शिक्षा निरीक्षक सीआरसी व बीआरसी कैडर के लिए तीसरा गुणोत्सव दायित्व में गुणात्मक सुधार से निर्णायक साबित होगा। उन्होंने कहा कि, गुजरात ने अनेक क्षेत्रों में परिस्थिति में गुणात्मक बदलाव लाने की क्षमता को साबित किया है और गुणोत्सव के जरिए प्राथमिक शिक्षा को गुणवत्तायुक्त बनाने का मॉडल भी गुजरात ही पेश करेगा।
गुणोत्सव-2011 की इस समीक्षा बैठक में उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए शिक्षा मंत्री रमणलाल वोरा ने कहा कि, समग्र देश में प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर गुणवत्ता की जांच करने वाला गुजरात एकमात्र राज्य है। उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में शाला प्रवेशोत्सव और कन्या केळवणी रथयात्रा के जरिए जो अभियान शुरू किया गया है उससे न सिर्फ सौ फीसदी नामांकन का लक्ष्य हासिल किया जा सका है बल्कि प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में ड्रॉप आउट रेश्यो को भी घटाया जा सका है। श्री वोरा ने कहा कि, पिछले एक दशक में शिक्षा क्षेत्र में गुजरात का विकास 15 फीसदी से भी अधिक रहा है जो देश में सर्वाधिक है। इस अवसर पर प्राथमिक शिक्षा सचिव आर.पी. गुप्ता ने दृश्य-श्रव्य प्रेजेन्टेशन के जरिए गुणोत्सव कार्यक्रम की रूपरेखा पेश की।
बैठक में शिक्षा राज्य मंत्री जयसिंह चौहान, मुख्य सचिव ए.के. जोती, स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर मनोज अग्रवाल, प्राथमिक शिक्षा नियामक श्री रावल के अलावा राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायक, पदाधिकारी और उच्च अधिकारी मौजूद थे।