"CM inaugurates youth training centre of Brahmakumaris"
"CM stressed for inculcating moral values and magnificence of Indian culture into the youths"
"Gujarat bags Prime Minister’s award for youth skill development programme"

प्राणवान संस्कृति से दुनिया को भारत की शक्ति का साक्षात्कार होगाः मुख्यमंत्री

सर्वोत्तम युवा कौशल्य विकास का प्रधानमंत्री पुरस्कार गुजरात को इनायत

गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अहमदाबाद में ब्रह्माकुमारी संस्था की ओर से नवनिर्मित तालीम केन्द्र- संगम तीर्थधाम का उद्घाटन करते हुए समाज को विकृतियों से बचाने के लिए युवाओं में संस्कार एवं संस्कृति का प्रभाव फैलाने पर जोर दिया। उन्होंने भरोसा जताया कि अपनी संस्कृति प्राणवान और सक्षम होगी तो दुनिया को भारत की शक्ति का साक्षात्कार होगा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से संचालित इस संगम तीर्थधाम में विवेकानंद के सपनों का भारत साकार करने को युवाओं के लिए तालीम केन्द्र शुरू हो रहा है।

गुजरात यूनिवर्सिटी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित समारोह स्थल से श्री मोदी ने रिमोट कंट्रोल के जरिए महादेव नगर, नवरंगपुरा में इस संगम तीर्थधाम का उद्घाटन किया।

तालीम की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी इनसान पूर्ण नहीं है। जीवन में सहजता के साथ मन, बुद्धि और शरीर से अच्छी आदतें अपनाने के लिए संस्कार विकसित हो, इसके लिए तालीम की निरंतर जरूरत होती है। राजनैतिक जीवन में तालीम को लेकर बरसों से छाए उदासीनता के वातावरण पर व्यंग्य कसते हुए श्री मोदी ने कहा कि अब राजनीति में भी नेतृत्व की तालीम का महत्व है। सार्वजनिक प्रशासन की तालीम की दिशा इसलिए ही तेजी से विकसित हो रही है।

भारतीय सांस्कृतिक विरासत की योग की प्राचीन स्वास्थ्य तालीम व्यवस्था को सांप्रदायिकता के रंग में रंग दिये जाने का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मूल्य आधारित शिक्षा को भी सांप्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता के तराजू में तौला जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति सक्षम, प्राणवान और गतिशील होगी तो विकृति का प्रभाव खड़ा नहीं होगा। यदि संस्कार और संस्कृति का प्रभाव होगा तो विकृति स्वतः ही दबी रहेगी। लेकिन देश के राजनीतिज्ञों ने वोट बैंक की राजनीति के स्वार्थी हितों के चलते हमारी भारतीय संस्कृति की उपेक्षा करने का पाप किया है। श्री मोदी ने कहा कि इतिहास एक दिन इसका हिसाब मांगेगा लेकिन अपनी भारतीय संस्कृति को समर्पित ब्रह्माकुमारी जैसी आध्यात्मिक संस्थाओं ने अपने समर्पित मूल्यों से संस्कृति के प्रभाव को आगे बढ़ाया है। स्वामी विवेकानंद की १५०वीं जयंती के वर्ष में गुजरात द्वारा युवाओं के ‘स्किल डेवलपमेंट’ को केन्द्र में रखे जाने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने गौरवपूर्वक बताया कि आज ब्रह्माकुमारी के इस युवा तालीम केन्द्र के उद्घाटन के दौरान ही दिल्ली में प्रधानमंत्री के हाथों गुजरात को स्किल डेवलपमेंट का बेस्ट प्रधानमंत्री अवार्ड हासिल हुआ है।

युवाओं के सर्वोत्तम कौशल विकास के लिए भारत सरकार ने यह अवार्ड गुजरात सरकार को दिया है, और इससे गुजरात को बदनाम करने वालों, झूठ की आंधी चलाने वालों के मुंह पर ताले लग गए हैं।

श्री मोदी ने कहा कि गुजरात में कौशल्य-वर्द्धन केन्द्रों द्वारा युवाओं को हुनर-कौशल के जरिए भविष्य निर्माण के अवसर के साथ ही विकास में भागीदार बनाने की पहल गुजरात ने की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संगम तीर्थधाम में विचार एवं आचार, वाणी और व्यवहार, संस्कार और संस्कृति का संगम है। अपनी शुभकामना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि समाज स्वस्थ रहे इसके लिए विकृतियों के खिलाफ संस्कृति का प्रभाव अविरत रूप से संस्कार सरिता के स्वरूप में बहता रहे।

ब्रह्माकुमारीज की प्रमुख दादी जानकी जी ने ब्रह्माकुमारीज की विश्वव्यापी प्रवृत्तियों में गुजरात के योगदान की प्रशंसा करते हुए राज शक्ति-आध्यात्म शक्ति के संस्कार समन्वय से सामाजिक परिवर्तन का आशीर्वचन व्यक्त किया।

इस अवसर पर संगम तीर्थधाम की परिकल्पना और युवा नेतृत्व के विचार को साकार करने में प्रेरक ब्रह्माकुमारीज राष्ट्रीय युवा परिषद की संयोजक ब्रह्माकुमारी चंद्रिकाबेन ने समग्र कार्यक्रम की भूमिका पेश की तथा संगम तीर्थधाम और युवा तालीम केन्द्र की कार्यशैली की रूपरेखा प्रस्तुत की।

भ्राता मुकेश पटेल ने स्वागत भाषण में ब्रह्माकुमारी संस्था की विश्वव्यापी आध्यात्मिक, संस्कार सेवा प्रवृत्ति की भूमिका दी। ब्रह्माकुमारीज के राजयोग शिक्षा के सचिव व्रज मोहनजी ने अभिलाषा जतायी कि सामाजिक प्रदूषणों से मुक्त होकर समरस और स्वस्थ, सुखमय व शांति भरे समाज के निर्माण में ब्रह्माकुमारीज का यह संगमतीर्थ भवन प्रेरणादायी बनेगा। इस मौके पर ब्रह्माकुमारीज की दीदी जानकी जी, रत्नमणिजी, भ्राता निर्मल भाई तथा अग्रणी नरहरि अमीन एवं विशाल संख्या में अनुयायी बंधु-भगिनियां उपस्थित थीं।