अहमदाबाद, शनिवारः मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए कहा कि सरदार सरोवर डेम पर दरवाजे निर्माण करने की अनुमति दी जाए और एआईबीपी सिंचाई योजना की 90 प्रतिशत की केन्द्रीय सहायता नर्मदा कमान्ड विस्तार के डेजर्ट डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए मिलनी चाहिए।

श्री मोदी ने आज कच्छ की सूखी धरती पर हरित कृषि क्रांति के आर्थिक विकास के नए मॉडल के रूप में नर्मदा की कच्छ शाखा नहर के कार्यों का शिलान्यास करते हुए कहा कि नर्मदा का पानी कच्छ में पारस बनकर पूरे सूखे प्रदेश को हरियाला बना देगा। उन्होंने कहा कि कच्छ में नर्मदा का पानी पाइपलाइन से राज्य सरकार कच्छ में पहुंचाया है। इसमें कच्छ के जन-जन के पुरुषार्थ की प्रतीति हुई थी। अब कच्छ के रेगिस्तान में नवपल्लवित करके कच्छ में नर्मदा का पानी कृषि क्षेत्र में कायापलट कर देगा। श्री मोदी ने नर्मदा के जल का उपयोग टपक सिंचाई पद्घति से करने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने कच्छ जिले के रापर तहसील में कच्छ की 360 किलोमीटर लम्बी नर्मदा ब्रांच केनाल का शिलान्यास किया। विराट कच्छी जनशक्ति के प्रतिबिंब समान इस मौके पर कच्छ में कुल 4,600 करोड़ रुपये के नर्मदा केनाल के पांच कार्यों का एक साथ प्रारंभ हुआ। इनमें प्रथम चरण में 1265 करोड़ रुपये के खर्च से रापर में 86 किलोमीटर लम्बी दो शाखा नहर के कार्यों तथा 20-20 मंजिल की ऊंचाई वाले तीन विशालकाय पंपिंग स्टेशनों का शिलान्यास भी श्री मोदी ने किया।

उन्होंने कहा कि, कच्छ की सूखी धरती और प्यासी जनता को 1961 में नर्मदा के सरदार सरोवर योजना की नींव डालने के बाद 50-50 वर्ष तक नर्मदा को उद्गम स्थल से समुद्र तक पहुंचाने की जो पीड़ा भोगनी पड़ी यह राजनैतिक खींचातानी और षड्यंत्रों के कारण हुआ। यह सरकार राजनैतिक उठापटक नहीं बल्कि नर्मदा पर अमल करने के लिए प्रतिबद्घ है।

नर्मदा की पाइपलाइन से 2003 में पेयजल जब कच्छ में आया तब कच्छ के प्रत्येक नागरिक को हर्ष के आंसुओं का अभिषेक हुआ था। इसका उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इतनी ही उमंग आज नर्मदा की कच्छ केनाल के सिंचाई के पानी के लिए रेगिस्तान में खेती हो सके, ऐसा यह अवसर है। इसके लिए कच्छ की जनता को सौ-सौ सलाम है।

कच्छ की मातृशक्ति एवं नारीशक्ति को वंदन करते हुए श्री मोदी ने कहा कि पांच वर्ष से कच्छ के गांव-गांव मंे नारीशक्ति का दर्शन जलवितरण की जलसमितियों द्वारा हो रहा है। गुजरात में वास्मो को जो वैश्विक अवार्ड मिला इसका श्रेय इन कच्छी बहनों की कार्यक्षम जल समितियों को जाता है। यह पद्घति अन्य देशों को भी उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।

कच्छ में पेयजल के वितरण के अधिकार नारीशक्ति को सरकार ने दे दिए हैं। इसी प्रकार केनाल के पानी की सिंचाई के लिए जलवितरण व्यवस्था भी किसानों को दी जाएगी।

नर्मदा केनाल में से कच्छ के किसानों को पानी पहुंचे इससे पहले ही सरकार खेत-खेत में पानी पहुंचाने के लिए किसान सिंचाई समितियां बना ली जाएं।

गुजरात सरकार आम आदमी के लिए संवेदनशील है। विकास संतुलित होना चाहिए, पर्यावरणलक्षी विकास के लिए सरकार कितनी आतुर है, इसका दृष्टांत पेश करते हुए उन्होंने कहा कि कच्छ की विरासत के समान घुमंतु प्राणी की सुरक्षा के लिए भी केनाल के पूरे रूट पर दोनों ओर व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि कच्छ से पलायन करने के दिन अब बीत चुके हैं। कच्छ अब हिन्दुस्तान के लिए मॉडल बनेगा।

सरदार सरोवर प्रोजेक्ट के नर्मदा डेम के सान्निध्य में ही लौहपुरुष सरदार पटेल का विश्व का सबसे ऊंचा स्टेचु बनाने की भूमिका प्रस्तुत करते हुए श्री मोदी ने कच्छ जिले के एक सुवई गांव के किसानों द्वारा सौ किलो चांदी सरदार प्रतिमा के निर्माण के लिए अर्पित करने की भावना की सराहना की।

इस मौके पर राजस्व मंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल, जलसंपत्ति मंत्री नीतिनभाई पटेल, राधनपुर के विधायक शंकरभाई चौधरी ने अपने विचार व्यक्त किए। मुंबई में बसे कच्छियों ने ट्रेन में रापर आकर इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री का सम्मान किया। यहां पर कच्छ क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, संस्थाओं ने कन्या केळवणी के लिए मुख्यमंत्री को सहायता के चेक अर्पित किए। इस अवसर पर राज्य मंत्री वासणभाई अहीर भी मौजूद थे।

कार्यक्रम में सरदार सरोवर नर्मदा निगम के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर के. श्रीनिवास ने स्वागत भाषण दिया जबकि निगम के डायरेक्टर मुकेशभाई जवेरी ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में नर्मदा निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर एस.जगदीशन के साथ ही भारी संख्या में नागरिक मौजूद थे।