प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये के मेगा पैकेज की घोषणा की 
बिहार में राष्ट्र को सबल करने की अपार संभावनाएं है: प्रधानमंत्री मोदी
किसान के कल्याण के बिना कृषि का कल्याण नहीं हो सकता। दोनों का विकास आवश्यक है: प्रधानमंत्री
बिहार को ग्रामीण सड़कों, रेलवे, राजमार्गों, जलमार्गों और वायुमार्गों के विकास के लिए राशि आवंटित
केंद्र सरकार द्वारा बिहार में विद्युतीकरण के लिए राशि आवंटित
एनडीए सरकार ने बिहार में युवाओं के कौशल विकास के लिए राशि आवंटित की

1. प्रधान मंत्री की यह हमेशा से अवधारणा रही है कि बिहार में असीमित क्षमता है। यह पूरे देश को मज़बूती प्रदान कर सकता है। भारत पूर्ण रूप से तभी विकसित होगा जब भारत के पूर्वी भाग का विकास होगा। प्रधान मंत्री ने यह कहा है कि बिहार का विकास उनका महत्वपूर्ण एजेण्डा है।

2. विकसित राज्यों की श्रेणी में बिहार को स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार ने एक व्यापक पैकेज को स्वीकृति दी है। इस पैकेज में यह ध्यान रखा गया है कि सहायता के सारे स्रोत बिहार को आने वाले वर्षों में स्वावलंबी बनाने में मदद करें। समाज को स्वावलंबी बनाने के लिए उसकी युवा पीढ़ी का स्वावलंब होना अति आवश्यक है। साथ ही साथ समाज के वर्तमान के पालनकर्त्ता की आय को बढ़ाना भी आने वाली पीढ़ी को स्वावलंब बनाने में मदद करता है। इस पूरे पैकेज में युवा वर्ग को अपने पैरों पर खड़ा करना और किसान जो कि वर्तमान में बिहार के पालनकर्त्ता हैं, उनकी आय को बढ़ाने को मुख्य बिन्दु बनाया गया है।

3. किसानों के हित को सर्वोपरि रखते हुए प्रधान मंत्री ने यह घोषणा की है कि कृषि मंत्रालय को अब कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा। यह निर्णय किसानों के हित को सर्वोपरि रखते हुए लिया गया एक महत्वपूर्ण निर्णय है।

4. मनुष्य और उत्पाद का आवागमन जहाँ सरल तरीके से हो, विकास पहले उसी क्षेत्र का होता है। अतः इस पैकेज में बिहार के विकास के लिए रोड, रेल, वायुमार्ग, जलमार्ग तथा डिजिटल कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया गया है। कनेक्टिविटी स्थापित करने से बिहार में इंडस्ट्रीज को बढ़ावा मिलेगा जोकि यहां के युवा वर्ग को रोज़गार उपलब्ध कराने में तथा किसानों को उनके उत्पाद का अधिक मूल्य दिलाने में काफी उपयोगी साबित होगा।

5. इस पैकेज में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, महत्वपूर्ण नदियों पर पुल का काम तथा रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण के लिये 54,713 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत महात्मा गांधी सेतु के समानांतर गंगा नदी पर एक नए पुल का निर्माण, कोसी ओर सोन नदी के ऊपर पुल का निर्माण, धार्मिक पर्यटन से जुड़े क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण और रेलवे ओवरब्रिजेज का निर्माण शामिल है।

6. भंडारण और यातायात सुविधा के अभाव में किसान अपने उत्पाद को कम दाम में बेचने पर मज़बूर हो जाता है। इस पैकेज में अनाज भंडारण क्षमता में विकास के लिए 814 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है तथा ग्रामीण सड़क के विकास के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 22,500 किलोमीटर सड़क के निर्माण हेतु 13,820 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है।

7. रेलवे के विकास के लिए बिहार में मुख्यतया चल रही ट्रेनों की गति को बढ़ाना एक चुनौती है। रेलवे सेवा को और तीव्र और बेहतर बनाने के लिए रेलवे दोहरीकरण/तिहरीकरण और विद्युतीकरण पर बल दिया गया है। 8109 करोड़ रु. की लागत पर 676 किलोमीटर का दोहरीकरण/तिहरीकरण की व्यवस्था किए जाने का प्रावधान है तथा 761 करोड़ रु. की लागत पर 574 किलोमीटर के विद्युतीकरण का प्रावधान किया गया है। इस तरह रेलवे के क्षेत्र में कुल 8870 करोड़ रु. का प्रावधान इस पैकेज में किया गया है। मोकामा में गंगा नदी के ऊपर रेल व रोड पुल के निर्माण के लिए प्रारंभिक कार्य आरंभ कर दिया गया है।

8. बिहार राज्य के विभिन्न क्षेत्रों को वायुमार्ग से देश और विदेश से जोड़ने हेतु पटना में नये एयरपोर्ट तथा गया, पूर्णिया और रक्सौल के एयरपोर्टों के विकास के लिए 2700 करोड़ रु. की राशि का प्रावधान किया गया है। डिजिटल बिहार कार्यक्रम के अन्तर्गत मोबाइल फोन की उत्तम सुविधा के लिए 1,000 नए बीटीएस टॉवर्स को स्थापित करने का प्रावधान है। इससे दूर के क्षेत्रों में जहाँ मोबाइल फोन की सुविधा नहीं है, वहाँ इस सुविधा में मदद मिलेगी। राज्य में इलेक्ट्रानिक मैन्यूफैक्चर कलस्टर की स्थापना के लिए 150 करोड़ रु. की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।

9. दरभंगा और भागलपुर में साफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क के दो केन्द्रों की स्थापना का प्रावधान है। दो नए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलैक्ट्रोनिक्स ऐंड इन्फारमेशन टेक्नोलॉजी केन्द्र मुजफ्फरपुर और बक्सर में स्थापित करने का भी प्रावधान है। इसके साथ-साथ पटना के वर्तमान केन्द्र के विकास का भी प्रावधान है। ग्रामीण BPO को बढ़ावा देने का प्रावधान इस पैकेज में किया गया है। कनेक्टिविटी के ये सारे कार्यक्रम बिहार राज्य को विकास की दौड़ में लाने के लिए एक ट्रैक-फील्ड का काम करेंगे।

10. इस पैकेज के द्वारा बिहार के किसानों की एक और व्यापक समस्या जोकि उत्पादकता का कम होना है, के समाधान हेतु भी ध्यान दिया गया है। नए अनुसंधान और विकास तथा लैब टू फार्म को बढ़ावा देने के लिए राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय पूसा को केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में परिवर्तित करने का प्रावधान है। मत्स्य पालन, पानी के सही प्रबंधन, खेती के यांत्रिकीकरण, और गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन के द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के लिए 1800 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है। एकीकृत कृषि पर शोध के लिए राष्ट्रीय संस्था का प्रावधान किया गया है।

युवा वर्ग को शिक्षा और Skill

11. युवा वर्ग को उत्तम शिक्षा और स्किल डेवलेपमेंट प्रदान करना उनकी सफल भागीदारी के लिए आवश्यक तत्व हैं। युवा वर्ग की इस जरूरत को ध्यान में रखते हुए "प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना" के अंतर्गत एक लाख युवक-युवतियों के प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया है। बिहार राज्य में एक बड़े स्किल विश्वविद्यालय की स्थापना का भी प्रावधान है जिसकी कुल लागत 1,250 करोड़ रुपये होगी। शिक्षा के क्षेत्र में भागलपुर के निकट ऐतिहासिक विक्रमशिला विश्वविद्यालय की जगह एक नए केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान है। साथ ही साथ बोध गया में एक नए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) की स्थापना का भी प्रावधान है। ट्रैक फील्ड के निर्माण के साथ-साथ सहभागियों को उत्तम दर्जे की शिक्षा एवं प्रशिक्षण दिये जाने के बाद प्रतिस्पर्धा को आरंभ कर लंबे समय तक कार्यान्वित करने के लिए राज्य को ऊर्जा की आवश्यकता होगी।

बिहार के लोगों को बिजली की व्यवस्था

12. इस पैकेज में ऊर्जा का उत्पादन, ट्रांसमीशन और वितरण की व्यवस्था पर काफी बल दिया गया है। बक्सर में 1300 मेगावाट के नए बिजली उत्पादन केन्द्र का प्रस्ताव है।

गाँव में बिजली – बेहतर जीवन की सुविधा

13. इसके साथ-साथ गाँव-गाँव में बिजली की व्यवस्था पहुंचाने के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्राम विद्युत योजना में राज्य के लिए 5,880 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना का उद्देश्य खेतों में पर्याप्त और घरों में निरंतर बिजली देने का है। हर गांव में दो अलग-अलग लाइनों की व्यवस्था की जाएगी। Integrated Power Development Scheme के अंतर्गत शहरों में निरंतर बिजली देने का प्रावधान किया गया है। इस स्कीम के अन्तर्गत 250 करोड़ रुपये का प्रावधान राज्य के लिए किया गया है।

महिलाओं को बेहतर ईंधन की सुविधा

14. हमारी माताओं और बहनों को बेहतर सुविधा मिले इसके लिए घर-घर में रसोई गैस पहुंचाने पर इस पैकेज में बल दिया गया है। बिहार राज्य में गैस की आपूर्ति के लिए जगदीशपुर-हल्दिया लाइन के लिए 2,300 करोड़ रुपये की लागत से 617 कि.मी. की पाइप-लाइन बनाने का प्रावधान किया गया है। पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइप-लाइन का बिहार में विस्तार करने के लिए 1,800 करोड़ रुपये का प्रावधान है। मुजफ्फरपुर में 110 करोड़ रुपये की लागत से एक नए एलपीजी प्लाँट की स्थापना की जाएगी। बिहार राज्य में स्थित बरौनी रिफाइनरी की उत्पादन क्षमता को 12,000 करोड़ रुपये की लागत से 6 मिलियन टन से 9 मिलियन टन तक बढ़ाने का प्रावधान इस पैकेज में है तथा बरौनी में ही एक पेट्रोकेमिकल प्लांट की स्थापना का प्रावधान है। रक्सौल से नेपाल में अमलेसगंज तक पेट्रोल-डीजल पाइपलाइन का निर्माण किया जाएगा।

स्वास्थ्य की सुविधा

15. पटना, गया और भागलपुर के तीन चिकित्सा महाविद्यालयों को बेहतर बनाने के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

पर्यटन में रोजगार के अवसर

16. बिहार के युवा वर्ग को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने हेतु पर्यटन के क्षेत्र में 600 करोड़ रुपये की लागत से वैशाली, बोध गया, चम्पारण, विक्रमशिला, सुल्तानगंज, पटना इत्यादि जगहों पर हैरिटेज टूरिस्ट सर्किल के विकास का प्रावधान किया गया है।

औद्योगिक निवेश से रोजगार – युवा वर्ग को स्वावलम्ब बनाने की प्रक्रिया

17. राज्य के युवा वर्ग को रोजगार देने के लिए राज्य में अधिक से अधिक औद्योगिक यूनिट्स की स्थापना हो, यह सरकार का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए Income Tax Act में संशोधन कर बिहार के पिछड़े क्षेत्रों में नए उद्योग स्थापित करने हेतु प्लांट और मशीनरी की लागत में 15% की राशि के बराबर टैक्स में अतिरिक्त कटौती का प्रावधान किया गया है। यह कटौती 1 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2020 तक की अवधि के बीच हुए निवेश पर लागू होगी।

18. इसके साथ ही साथ नए प्लांट और मशीनरी में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए भी 1 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2020 तक की अवधि के बीच पिछड़े क्षेत्रों में निवेश की 15% अतिरिक्त राशि Depreciation Allowance के तौर पर पहले वर्ष में दी जाएगी।

19. प्रधान मंत्री के इस विशेष पैकेज के अंतर्गत आने वाले वर्षों में बिहार में 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाएं लागू करने का प्रावधान है।

20. बिहार राज्य की ऊर्जा की जरूरतों को देखते हुए निजी क्षेत्र को भी ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भागीदार बनाया जा रहा है। बाँका में 4,000 मेगावाट का एक अल्ट्रा मेगा पॉवर प्लांट(Ultra Mega Power Plant) निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ 20,000 करोड़ रु. की लागत पर प्रस्तावित है।

21. वर्ष 2013 में 12,000 करोड़ रु. की लागत से बिहार के लिए एक स्पेशल प्लान की घोषणा की गई थी। सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों से इन कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में अब तीव्रता लाई गई है। बचे हुए कार्यक्रमों को 8,282 करोड़ रुपये की धनराशि मुहैया कराकर पूरा किया जाएगा।

वर्तमान में चल रही सामाजिक सुरक्षा योजनाएं

22. प्रधान मंत्री जन धन योजना के अंतर्गत बिहार में 1 करोड़ 34 लाख नये अकाउंट खोले गए और 1 करोड़ 23 लाख खाताधारकों को रु-पे डेबिट कार्ड जारी किए गए हैं। इन खातों में 1 हजार 680 करोड़ रुपये की राशि लोगों ने अब तक जमा की है। प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत बिहार में 21,00,099 लोगों का एनरोलमेंट किया गया है। प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में 11,25,073 लोगों को बिहार राज्य में इनरोल किया गया है। अटल पेंशन योजना का लाभ 33,760 लोग उठा रहे हैं।

नए और छोटे उद्यमियों को बैंक लोन

23. प्रधान मंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत बिहार में 1 लाख से ज्यादा मुद्रा उद्यमियों को 868 करोड़ रुपये की राशि मुद्रा लोन के रूप में उपलब्ध कराई गई है। यह राशि 4 महीनों के दौरान उपलब्ध कराई गई है। बिहार राज्य में 6 हजार 292 बैंक शाखाएं हैं। प्रधान मंत्री की 15 अगस्त की उद्घोषणा के अनुसार 6292 महिला उद्यमियों और 6292 दलित उद्यमियों को Start up व Stand up योजना के अंतर्गत ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।

स्वच्छ विद्यालय

24. स्वच्छ विद्यालय के अंतर्गत जहां पूरे देश में 4 लाख 17 हजार 756 शौचालयों का निर्माण विद्यालयों में हुआ है उनमें से 56 हजार 912 शौचालय बिहार में बने हैं।

25. सवा लाख करोड़ के नए पैकेज, चालीस हजार करोड़ के अतिरिक्त निवेश, सामाजिक सुरक्षा के व्यापक कार्यक्रमों और टैक्स में छूट के द्वारा औद्योगीकरण को बढ़ावा देने से बिहार में विकास के नए युग का आरंभ होगा।